
कौन कहता कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों... यह लाइन आपको याद जरूर होगी। इस लाइन को चरितार्थ किया बिहार की रोशनी ने। रोशनी के बेहद गरीब परिवार से हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई के बीच में अपनी गरीबी को नहीं आने दिया और वह पैसे और सुविधा के अभाव को दरकिनार कर पढ़ाई के प्रति लगातार समर्पित रहीं, जिसका उन्हें आज फल भी मिला। आज बिहार बोर्ड की कक्षा 12वीं का रिजल्ट जारी हुआ है। इस रिजल्ट में वैशाली जिले की रोशनी कुमारी ने कॉमर्स स्ट्रीम से टॉप किया है।
पिता चलाते है ऑटो रिक्शा
बिहार में कॉमर्स स्ट्रीम से टॉप करने वाली रोशनी कुमारी हाजीपुर सदर प्रखंड के काशीपुर वार्ड 08 निवासी सुधीर कुमार की पुत्री है। रोशनी कुमारी के पिता सुधीर कुमार ऑटो चालते हैं। रोशनी कुमारी ने गांव से ही अपनी शिक्षा ग्रहण किया है। रोशनी की शुरुआती पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय काशीपुर चकबीबी से, मैट्रिक हाई स्कूल चांदपुरा स्कूल से और इंटरमीडिएट की पढ़ाई हाजीपुर जमुनीलाल कॉलेज से कर रही हैं। रोशनी कुमारी के परिवार में माता आरती देवी, पिता सुधीर के अलावा एक भाई और दो बहन हैं, रोशनी कुमारी घर की बड़ी हैं, फिर उनकी बहन सोनाली कुमारी और सबसे छोटे उनके भाई रौनक कुमार हैं।
रोशनी ने बताया आगे का सपना
बिहार टॉपर रोशनी कुमारी ने अपनी कामयाबी के पीछे अपनी मां का हाथ बताया है। उन्होंने अपने सपने का भी जिक्र करते हुए कहा कि मैं आगे पढ़-लिखकर CA बनना चाहती हूं, रोशनी कुमारी ने भावुक होकर कहा कि मेरे पापा ऑटो चालते हैं, वह पूरे दिन एक दिन खाना खाकर अपना समय गुजारते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मेरी मम्मी पढ़ाई-लिखाई में काफी सपोर्ट की है और एक दोस्त की तरह मेरी पढ़ाई-लिखाई में साथ दी हैं। आगे रोशनी ने कहा कि मेरे पापा ऑटो चालक है इस कारण घर में फाइनेंशियल प्राब्लम रहती है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।
पिता ने बताई ये कहानी
वहीं, अपनी बेटी की सफलता पर भावुक हुए रोशनी के पिता सुधीर कुमार ने कहा कि मैं ऑटो चलाकर अपनी बच्ची को पढ़ा रहा हूं और आगे भी उसे पढ़ाऊंगा। उन्होंने कहा की रोशनी कुमारी जब 3 साल की थी तभी उसकी पढ़ाई देखकर लग रहा था कि रोशनी एक दिन जरूर मेरा नाम रोशन करेगी और वह आज दिन देखने को मिल गया। उन्होंने बताया कि रोशनी कुमारी पहली कक्षा से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी तेज थी। अपनी पढ़ाई के बारे में सुधीर ने कहा कि मैं भी इंटर पास हूं पर हालात ठीक न होने के कारण ऑटो चला रहा हूं लेकिन मैं अपनी बेटी को खूब शिक्षा दूंगा। उन्होंने बताया कि पढ़ लिख कर बेटी आगे बढ़ेगी मुझे उम्मीद है।
दिन में करती थी कई घंटे तक पढ़ाई
रोशनी कुमारी की मां आरती देवी ने कहा कि हमारी बेटी रोशनी कुमारी कड़ी मेहनत की बदौलत सफलता हासिल की है। वह दिन में 8 से 9 घंटा पढ़ती थी, जरूरत पड़ने पर वह रात में भी पढ़ाई करती। उन्होंने आगे कहा कि रोशनी कहती थी कि मुझे टॉप करना है उसको शुरू से ही जुनून था कि टॉप करना है, आज उसका वह जुनून पूरा हो गया। साथ ही अन्य छात्राओं के लिए रोशनी की मां ने संदेश दिया है कि अन्य छात्राओं को भी कड़ी मेहनत के साथ अच्छे से पढ़ना चाहिए क्योंकि मेहनत करने से सफलता एक दिन मिलती जरूर है।
(वैशाली से राजा बाबू की रिपोर्ट)
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