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NCERT कक्षा 12वीं के बोर्ड रिजल्ट को लेकर ला रही नई स्ट्रैटजी, अब ऐसे तय होंगे बच्चों के परिणाम

NCERT ने कक्षा 12वीं के बोर्ड रिजल्ट की मार्किंग स्कीम को लेकर एक नई स्ट्रैटजी बनाई है, जिसे लेकर बोर्ड को सुझाव दिया गया है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Aug 27, 2024 8:47 IST, Updated : Aug 27, 2024 8:47 IST
NCERT- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO NCERT

अब कक्षा 12वीं के बोर्ड रिजल्ट कक्षा 9 से 11 के आधार पर तय किए जाएंगे। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक नया इवैल्यूएशन मॉडल सुझाया है। NCERT परख की नई रिपोर्ट के मुताबिक, कक्षा 12 के लिए इवैल्यूएशन तीन कक्षाओं 9, 10, 11 में छात्र के प्रदर्शन पर आधारित होगा और इसमें वोकेशनल और स्किल बेस्ड ट्रेनिंग भी शामिल रहेगी।

परफॉर्मेंस मेट्रिक्स को शामिल करने का सुझाव

परख ने 'Establishing Equivalence across Education Boards यानी शिक्षा बोर्डों में समानता स्थापित करना' कैप्शन से एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कक्षा 9-11 के छात्रों के परफॉर्मेंस मेट्रिक्स को शामिल करने का सुझाव दिया गया। जिसमें कहा गया कि इवैल्यूएशन यानी मूल्यांकन या फिर कहें रिजल्ट में कक्षा 9 से 15 प्रतिशत, कक्षा 10 से 20 प्रतिशत, कक्षा 11 से 25 प्रतिशत और कक्षा 12 से शेष 40 प्रतिशत नंबर शामिल होंगे।

मार्किंग स्कीम पर जोर

रिपोर्ट में कक्षा 9 से कक्षा 12 तक अपनाई जाने वाली मार्किंग स्कीम पर जोर डाला गया। जिसमें कहा गया कि कक्षा 9 में 70 प्रतिशत नंबर रचनात्मक मूल्यांकन और 30 प्रतिशत अंकन योगात्मक मूल्यांकन पर आधारित होना चाहिए; कक्षा 10 में रचनात्मक और योगात्मक मूल्यांकन को 50-50 प्रतिशत का समान महत्व दिया गया; कक्षा 11 में रचनात्मक मूल्यांकन से 40 प्रतिशत और योगात्मक मूल्यांकन से 60 प्रतिशत अंक लिए जाएंगे, जबकि कक्षा 12 का मूल्यांकन रचनात्मक मूल्यांकन से 30 प्रतिशत और योगात्मक मूल्यांकन से 70 प्रतिशत अंकन पर आधारित रहेगा।

क्या है परख?

परख (समग्र विकास के लिए ज्ञान का प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और विश्लेषण) शिक्षा मंत्रालय के लिए NCERT द्वारा स्थापित एक रेगुलेटरी सेंटर है। फैकल्टी ने पहले भी देश के सभी शैक्षिक बोर्डों में समान मूल्यांकन दृष्टिकोण की वकालत की थी। इसने सिलेबस में डेटा मैनेजमेंट, कोडिंग, एप्लिकेशन डेवलपमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, म्यूजिक, आर्ट और क्राफ्ट जैसे वोकेशनल और स्किल बेस्ड सबजेक्ट को शामिल करने की सिफारिश की।

रिपोर्ट में शिक्षकों के परफॉर्मेंस को भी आंकने और स्कूल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी सुझाव दिया है। इसमें पानी की उपलब्धता, अच्छी लाइब्रेरी और बढ़िया पढ़ाई का माहौल बनाने और खेल-सुविधाओं को सुनिश्चित करना शामिल है।

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