Friday, March 29, 2024
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कांग्रेस को बिहार में कम से कम 12 सीटों पर लड़ना चाहिए था: शकील अहमद

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस से निलंबित नेता और मधुबनी से निर्दलीय उम्मीदवार शकील अहमद का कहना है कि उनके खिलाफ पार्टी ने कठोर कार्रवाई की।

IANS Reported by: IANS
Published on: May 12, 2019 16:22 IST
sonia gandhi- India TV Hindi
sonia gandhi

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस से निलंबित नेता और मधुबनी से निर्दलीय उम्मीदवार शकील अहमद का कहना है कि उनके खिलाफ पार्टी ने कठोर कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से नौ सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस को गठबंधन के हिस्से के रूप में कम से कम 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने चाहिए थे।

शकील अहमद ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "कांग्रेस को कम सीटें मिलीं। इसे कम से कम 12 सीटें मिलनी चाहिए थीं। बेहतर तरीके से समझौता किया जाना चाहिए था। इससे बिहार कांग्रेस का मनोबल टूटा है।" उन्होंने कहा कि गठबंधन का एकमात्र मकसद भारतीय जनता पार्टी (BJP) को शिकस्त देना है, लेकिन मधुबनी सीट पर नई पार्टी के कमजोर उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया। उन्होंने कहा, "बिल्कुल नई पार्टी द्वारा उतारा गया उम्मीदवार भाजपा को शिकस्त देने में काफी कमजोर है। इसलिए मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया।"

मधुबनी से पूर्व सांसद शकील अहमद ने कहा कि उनको जानकारी मिली है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से सीटों को लेकर बातचीत करने वाले प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने राजद के एक नेता के प्रभाव में आकर इस सीट की मांग नहीं की। अहमद ने कहा कि उनका निलंबन हुआ है न कि पार्टी से निष्कासन और उन्होंने कांग्रेस नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा, "मैं कांग्रेस में था, कांग्रेस में हूं और अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस में रहूंगा।"

अहमद ने कहा कि राजद ने भी झारखंड के चतरा में प्रदेश में गठबंधन उम्मीदवार के खिलाफ अपना प्रत्याशी उतारा है। अहमद ने कहा कि उन्होंने पार्टी से आग्रह किया था कि उनको पार्टी का चुनाव चिन्ह दिया जाए या निर्दलीय के रूप में उन्हें पार्टी का समर्थन दिया जाए। उन्होंने कहा, "मुझे समर्थन नहीं मिला और मतदान से एक दिन पहले निलंबित कर दिया गया।"

उन्होंने कहा, "पार्टी को कार्रवाई करने का अधिकार है, लेकिन जब गठबंधन के सहयोगी खुलेआम गठबंधन की परंपरा का उल्लंघन कर रहे हैं और प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से उम्मीदवार उतार रहे हैं तो यह (कार्रवाई) कठोर लगती है और वह भी मतदान से एक दिन पहले।" उन्होंने कहा, "मेरे शुभेच्छुओं के लिए यह थोड़ा मनोबल टूटने की बात है, लेकिन मीडिया में बताया गया कि (राजद नेता) तेजस्वी यादव के दबाव में ऐसा किया गया। इसलिए समाज के कुछ वर्गो की मुझे सहानुभूति मिल रही है।"

उनके जीतने की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल पर अहमद ने कहा, "इस समय मैं यही कह सकता हूं कि मैं मुकाबले में हूं।"

कांग्रेस बिहार में राजद और विकासशील इन्साफ पार्टी (वीआईपी) व अन्य के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। मधुबनी में गठबंधन ने नई पार्टी वीआईपी के उम्मीदवार बद्री पूर्वे को चुनाव मैदान में उतारा है।

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