Thursday, April 18, 2024
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शेरशाह: जानिए कौन हैं कैप्टन विक्रम बत्रा जिनका रोल निभा रहे हैं सिद्धार्थ मल्होत्रा?

कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी के किस्से सिर्फ हिंदुस्तान में ही नहीं पाकिस्तान में भी खूब मशहूर हैं। पाकिस्तानी आर्मी ने ही उन्हें 'शेरशाह' नाम दिया था।

Jyoti Jaiswal Written by: Jyoti Jaiswal @TheJyotiJaiswal
Updated on: January 16, 2020 9:43 IST
 कौन हैं कैप्टन विक्रम...- India TV Hindi
 कौन हैं कैप्टन विक्रम बत्रा?

मुंबई: करण जौहर ने आज एक अनाउंसमेंट की। सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी को लेकर वो कारगिल हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा पर 'शेरशाह' नाम की फिल्म बनाने जा रहे हैं। आपको हम बताते हैं कौन हैं विक्रम बत्रा जिन्हें कारगिल का हीरो कहा जाता है। 9 सितंबर 1974 को जन्मे कैप्टन विक्रम बत्रा कारगिल वॉर के मुख्य हीरो थे। विक्रम बत्रा की बचपन की पढ़ाई किसी स्कूल में नहीं बल्कि घर पर हुई थी। उनकी मां ही उन्हें पढ़ाती थीं। 22 साल की उम्र कैप्टन बत्रा ने कारगिल के 5 सबसे जरूरी प्वाइंट जीते थे। कैप्टन विक्रम बत्रा को परमवीर चक्र से नवाजा गया था। मरने से पहले विक्रम बत्रा ने कई साथियों की जान बचाई थी। खुद आर्मी चीफ कहते हैं कि वो लड़का अगर जिंदा होता तो इंडियन आर्मी का हेड बन गया होता। आपने 'ये दिल मांगे मोर' लाइन कई बार सुनी होगी लेकिन ये जुमला मशहूर हुआ था कैप्टन विक्रम बत्रा के मुंह से। अक्सर अपने मिशन में सफल होने के बाद कैप्टन विक्रम बत्रा जोर से चिल्लाते थे ‘ये दिल मांगे मोर’।

7 जुलाई को शहीद होने से पहले उन्होंने अपने साथी नवीन को बचाया। नवीन के पैर के पास एक बम फटा था जिसमें वो बुरी तरह से घायल हो गये थे। विक्रम बत्रा ने उन्हें हटाया जिससे नवीन की जान बच गई, लेकिन इसके कुछ ही मिनट बाद दूसरे जवान की जान बचाते वक्त कैप्टन विक्रम बत्रा ने अपनी जान गवां दी।

नवीन आज भी विक्रम बत्रा के बारे में बताते वक्त इमोशनल हो जाते हैं। विक्रम से जुड़ा एक किस्सा शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि जब कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठिये उधर से चिल्लाए कि ''हमें माधुरी दीक्षित दे दो, हम नरमदिल हो जाएंगे'' इस पर कैप्टन विक्रम बत्रा ने अपनी AK-47 से फायर किया और कहा-  ‘लो माधुरी दीक्षित के प्यार के साथ’। और कई पाकिस्तानी सैनिक वहीं गिर गए।

कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी के किस्से पाकिस्तान में भी मशहूर है, विक्रम बत्रा को शेरशाह नाम पाकिस्तानी आर्मी ने ही दिया था। विक्रम बत्रा 13 JAK रायफल्स में 6 दिसम्बर 1997 को लेफ्टिनेंट के पोस्ट पर भर्ती हुए थे, दो ही साल के अंदर उन्हें कैप्टन बना दिया गया। उसी वक्त कारगिल का युद्ध शुरू हो गया था। 7 जुलाई, 1999 को 4875 प्वांइट पर कैप्टन विक्रम बत्रा शहीद हो गए। 

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विक्रम की एक गर्लफ्रेंड भी थी, उनका नाम था डिंपल चीमा। दोनों की मुलाकात पंजाब यूनिवर्सिटी में हुई। दोनों में बहुत प्यार था। डिंपल ने उस वक्त को याद करते हुए एक इंटरव्यू में कहा, ‘1996 में विक्रम आर्मी में सलेक्ट हो गए, और उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरा जब मैंने उन्हें याद ना किया हो। दूर होने के बाद भी हमारा प्यार बरकरार था। कारगिल युद्ध के बाद हम शादी करने वाले थे, लेकिन वो कभी नहीं लौटे और जिंदगी भर की यादें मुझे दे गए।''

विक्रम बत्रा

विक्रम बत्रा

‘कैप्टन विक्रम बत्रा अगर कारगिल वॉर से सही-सलामत लौट आए होते, तो 15 साल के अंदर मेरी कुर्सी पर बैठे होते।’ ये लाइन उस वक्त के चीफ आर्मी स्टाफ वेद प्रकाश मलिक ने विक्रम बत्रा के लिए कही थी। इससे ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वो कितने बहादुर और इंटेलीजेंट थे।

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साल 2003 में कारगिल पर एक फिल्म बनी नाम था LOC कारगिल। इस फिल्म में कैप्टन विक्रम बत्रा का रोल अभिषेक बच्चन ने किया था। अब करण जौहर शेरशाह नाम की फिल्म बना रहे हैं, इस फिल्म में कैप्टन विक्रम बत्रा का रोल सिद्धार्थ मल्होत्रा कर रहे हैं। फिल्म में डिंपल चीमा का रोल कियारा आडवाणी करेंगी। फिल्म का निर्देशन विष्णुवर्धन करेंगे। फिल्म से आज सिद्धार्थ मल्होत्रा का फर्स्ट लुक पोस्टर आया है।

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