Monday, April 29, 2024
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Bheed Review: ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म में दिखे दर्द के रंग, कोरोना काल का मंजर करेगा रोंगटे खड़े

Bheed Review: राज कुमार राव, भूमि पेडनेकर, आशुतोष राणा और पंकज कपूर स्टारर फिल्म 'भीड़' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। यहां जानिए कैसी है ये फिल्म...

Joyeeta Mirtra Joyeeta Mirtra
Updated on: March 24, 2023 9:00 IST
Bheed review
Photo: INDIA TV Bheed review
  • फिल्म रिव्यू: भीड़
  • स्टार रेटिंग: 3 / 5
  • पर्दे पर: मार्च 24, 2023
  • डायरेक्टर: अनुभव सिन्हा
  • शैली: ड्रामा

Bheed Review: 2020 एक साल ऐसा है कि कोई याद नहीं रखना चाहता मगर यह साल ऐसा है जो हर किसी के जिंदगी में एक जरूरी दस्तावेज (Document) बनकर रह गया है। कोरोना काल को समेट पाना एक फिल्म में यह संभव तो नहीं है मगर निर्देशक अनुभव सिन्हा ने कुछ कहानियों को कुछ मुद्दों को अपनी फिल्म 'भीड़' के जरिए उजागर किया है। मजदूरों का पलायन, मां का दूसरे शहर में रह रही बेटी को लॉकडाउन में घर वापस लाने की जद्दोजहद, फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर एक डॉक्टर, फ्रंटलाइन वर्कर पुलिस वाले, एक आधा नेता और इन सब की पीड़ा को घर बैठे जनता तक पहुंचाने वाली एक रिपोर्टर...

कैसी है 'भीड़' की कहानी 

'भीड़' की कहानी बात करती है उन मजदूरों की जो अपना गांव छोड़ दूसरे शहर में काम करने रोजी रोटी कमाने आए थे मगर लॉकडाउन की मार ने उन्हें अपने ही देश में पराया कर दिया। जैसे-तैसे वह अपने गांव जाना चाहते थे, मगर कोरोनावायरस फैलने के डर से यूपी बॉर्डर बंद कर देने की वजह से घर जाना तो दूर उन्हें खाने पर के भी लाले पड़ गए थे। दीया मिर्जा अपनी बेटी जो कि दूसरे शहर में पढ़ाई करती है उसे लेने के लिए यूपी बॉर्डर क्रॉस करना चाहती है लेकिन वहां वह फंस जाती है। एक लड़की अपने बीमार पिता को साइकिल में बैठा कर कोसों दूर लेकर जाती है।  ड्यूटी इंचार्ज के किरदार में राजकुमार राव एक तरफ तो अपने पुलिस के कायदे कानून के साथ एक सहज मानवीयता का भी प्रदर्शन करता है लेकिन कहीं ना कहीं हर बार जातिवाद का सामना करता है। डॉक्टर की भूमिका में भूमि पेडनेकर, पुलिस वाले राजकुमार राव से प्यार तो करती है लेकिन फिर जाति के भेदभाव को लेकर एक अचरज है। पंकज कपूर पंडित समाज से ताल्लुक रखते हैं मगर यहां पुलिस के किरदार निभाने वाले राजकुमार राव की नीची जाति है,  उनके आगे भी पंकज कपूर को झुकना पड़ रहा है। कोई अपनी पुलिस की नौकरी और इंसानियत के बीच जूझ रहा है, तो  कोई घर जाना चाहता है, कोई अपने बच्चे को लाने जा रहा है तो कोई अपने बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर कोसों की दूरी तय कर रहा है। मगर सरकार की तरफ से कोई मदद न मिलने पर लोग यहां बौखला जाते हैं और फिर विस्फोट होता है। लोगों का गुस्सा फूटता है। 

कैसी है किसकी एक्टिंग 

राजकुमार राव पुलिस इंचार्ज हैं, भूमि पेडनेकर डॉक्टर हैं और कृतिका कामरा जर्नलिस्ट का काम कर रही हैं। सिक्योरिटी गार्ड के रुप में पंकज कपूर और पुलिस हेड के रूप में आशुतोष राणा, बेबस मां के किरदार में हैं दीया मिर्जा। दीया मिर्जा के ड्राइवर के किरदार में सुशील पांडे का काम काबिले तारीफ है। सभी ने अपने अद्भुत काम से भीड़ को एक नया मायने दिया है। अनुभव सिन्हा, सौम्या तिवारी और सोनाली जैन ने फिल्म को लिखा है और अनुराग साहित्य का संगीत रूरल टच देता है जो कि इस फिल्म के लिए जरूरी था।

आंखों को नम करने वाले सीन 

अनुभव सिन्हा ने 'भीड़' में वह सारे मोशन कैप्चर किए हैं जो शायद हर किसी की जिंदगी को छुने वाले हैं। कई ऐसे सीन्स हैं जो आंखें नम कर देते हैं। कुछ डायलॉग दिल को छूते हैं। फिल्म का पूरी तरह से ब्लैक एंड वाइट होना इस बात का गवाह है कि 2020 में लोगों की जीवन मैं जैसे किसी भी रंग के लिए कोई जगह नहीं थी। 

और अंत में...

फिल्म लॉकडाउन पर थी] बजरंग सेना ने बहुत सारे मुद्दे एक साथ खोल दिए मसलन जातिवाद का मामला फिल्म पर हावी हो गया।  फिल्म का हीरो ही ज्यादातर वक्त जातिवाद के घेरे में फंसता हुआ दिखाई दे रहा था। साथ ही तबलीगी जमात की तरफ भी इशारा किया गया।  

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