Monday, May 13, 2024
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रहिमन पानी पीजिए बिन पानी सब सून

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: May 23, 2016 14:05 IST
  • सूर्य देवता का कहर इस बार अपने चरम पर है। पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी में झुलस रहा है और आलम तो ये है कि आए दिन लू से लोगों के मरने की ख़बरें आ रही हैं। गर्मी में बीमार पड़ने या लू लगने की सबसे बड़ी वजह है शरीर में पानी की कमी। अगर इंसान ज़रा सा एहतियात रखे यानी पानी समय-समय पर पीता रहे तो वो न सिर्फ बीमार पड़ने से बच सकता है बल्कि सेहतमंद भी रह सकता है। कहा जाता है कि हमें दिन में औसतन 8 गिलास पानी पीना चाहिए, लेकिन ये निर्भर करता है लिंग, उम्र, दिनचर्या और पर्यावरण पर। डॉक्टरों के अनुसार जिस व्यक्ति की दोनों किडनी ठीक काम कर रही हों, उसे दिन में अपने शरीर के वजन के अनुपात में प्रति एक किलोग्राम पर 30 मिलीलीटर पानी पीना चाहिए।
    सूर्य देवता का कहर इस बार अपने चरम पर है। पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी में झुलस रहा है और आलम तो ये है कि आए दिन लू से लोगों के मरने की ख़बरें आ रही हैं। गर्मी में बीमार पड़ने या लू लगने की सबसे बड़ी वजह है शरीर में पानी की कमी। अगर इंसान ज़रा सा एहतियात रखे यानी पानी समय-समय पर पीता रहे तो वो न सिर्फ बीमार पड़ने से बच सकता है बल्कि सेहतमंद भी रह सकता है। कहा जाता है कि हमें दिन में औसतन 8 गिलास पानी पीना चाहिए, लेकिन ये निर्भर करता है लिंग, उम्र, दिनचर्या और पर्यावरण पर। डॉक्टरों के अनुसार जिस व्यक्ति की दोनों किडनी ठीक काम कर रही हों, उसे दिन में अपने शरीर के वजन के अनुपात में प्रति एक किलोग्राम पर 30 मिलीलीटर पानी पीना चाहिए।
  • डॉक्टरों के अनुसार जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, हम पानी पीना कम कर देते हैं, लेकिन आवश्यक मात्रा में पानी पीना हमारे शरीर के लिए बेहद आवश्यक है।
    डॉक्टरों के अनुसार जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, हम पानी पीना कम कर देते हैं, लेकिन आवश्यक मात्रा में पानी पीना हमारे शरीर के लिए बेहद आवश्यक है।
  • कहा जाता है कि किडनी का रोग होने पर ज्यादा पानी पीने से किडनी को कोई फायदा नहीं होता बल्कि डॉक्टर तो पानी पीने की सीमा तक तय कर देते हैं।
    कहा जाता है कि किडनी का रोग होने पर ज्यादा पानी पीने से किडनी को कोई फायदा नहीं होता बल्कि डॉक्टर तो पानी पीने की सीमा तक तय कर देते हैं।
  • हार्ट केयर अस्पताल के डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, जब तक किडनियों की कार्यप्रणाली 10 से 15 मिलीलीटर प्रति मिनट से कम न हो जाए, तो आम तौर पर होमियोस्टेटिक मैकनिज्म के जरिए सोडियम और इंट्रावस्कुलर वोल्यूम बैलेंस बना रहता है।
    हार्ट केयर अस्पताल के डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, जब तक किडनियों की कार्यप्रणाली 10 से 15 मिलीलीटर प्रति मिनट से कम न हो जाए, तो आम तौर पर होमियोस्टेटिक मैकनिज्म के जरिए सोडियम और इंट्रावस्कुलर वोल्यूम बैलेंस बना रहता है।
  • उन्होंने बताया कि उल्टी, डायरिया, ड्यूरेटिक या हायपोवोल्मिया होने पर गुर्दो की कार्यप्रणाली कमजोर पड़ सकती है। उल्टी या दस्त के कारण शरीर में कम हुई तरलता की भरपाई के लिए ऐसे मरीजों को अधिक पानी की जरूरत होती है।
    उन्होंने बताया कि उल्टी, डायरिया, ड्यूरेटिक या हायपोवोल्मिया होने पर गुर्दो की कार्यप्रणाली कमजोर पड़ सकती है। उल्टी या दस्त के कारण शरीर में कम हुई तरलता की भरपाई के लिए ऐसे मरीजों को अधिक पानी की जरूरत होती है।
  • आपकी शारीरिक गतिविधियां आपके पानी की मात्रा तय करती हैं। जैसे, अगर आप कसरत करते हैं तो आपके शरीर से पसीने के जरिए ज्यादा पानी निकलेगा और आपको उसकी कमी पूरी करने के लिए ज्यादा पानी पीना होगा। आधे घंटे की कसरत के बाद एक या दो गिलास अधिक पानी पीना चाहिए।
    आपकी शारीरिक गतिविधियां आपके पानी की मात्रा तय करती हैं। जैसे, अगर आप कसरत करते हैं तो आपके शरीर से पसीने के जरिए ज्यादा पानी निकलेगा और आपको उसकी कमी पूरी करने के लिए ज्यादा पानी पीना होगा। आधे घंटे की कसरत के बाद एक या दो गिलास अधिक पानी पीना चाहिए।
  • अगर आप ज्यादा समय के लिए या गर्म माहौल में कसरत कर रहे हैं तो आपको कम से कम तीन गिलास अतिरिक्त पानी पीना चाहिए।
    अगर आप ज्यादा समय के लिए या गर्म माहौल में कसरत कर रहे हैं तो आपको कम से कम तीन गिलास अतिरिक्त पानी पीना चाहिए।
  • डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि आपके माहौल पर आपके पानी की जरूरत पर असर करता है। गर्म मौसम में पसीना बहता है जिससे शरीरी में पानी काफी कम हो जाता है इसलिए उसकी भरपाई के लिए ज्यादा पानी पीना चाहिए।
    डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि आपके माहौल पर आपके पानी की जरूरत पर असर करता है। गर्म मौसम में पसीना बहता है जिससे शरीरी में पानी काफी कम हो जाता है इसलिए उसकी भरपाई के लिए ज्यादा पानी पीना चाहिए।
  • ऊंचाई पर रहने वाले लोगों को भी ज्यादा पानी पीना चाहिए क्योंकि ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से सांस ज्यादा तेजी से चलती है और उस दौरान नमी का ज्यादा नुकसान होता है।
    ऊंचाई पर रहने वाले लोगों को भी ज्यादा पानी पीना चाहिए क्योंकि ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से सांस ज्यादा तेजी से चलती है और उस दौरान नमी का ज्यादा नुकसान होता है।
  • उन्होंने कहा कि माहौल कैसा भी हो, सभी को गर्मी में अधिक पानी पीना चाहिए, क्योंकि गर्मी और घर से बाहर बिताए ज्यादा समय की वजह से शरीर से पानी काफी मात्रा में कम हो जाता है।
    उन्होंने कहा कि माहौल कैसा भी हो, सभी को गर्मी में अधिक पानी पीना चाहिए, क्योंकि गर्मी और घर से बाहर बिताए ज्यादा समय की वजह से शरीर से पानी काफी मात्रा में कम हो जाता है।