
सूरत के अलथान में सिक्योरिटी एजेंसी के मालिक की हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने हत्या में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और पूरा क्राइम सीन भी रिक्रिएट कर लिया, लेकिन अब तक हत्या की वजह नहीं साफ हो पाई है। सिक्योरिटी एजेंसी के मालिक का शव दो टुकड़ों में मिला था। आरोपियों ने हत्या के बाद शव के दो टुकड़े कर उन्हें बोरों में बंद कर सूरत की मीठीखाड़ी में फेंक दिया गया था।
सूरत के सिक्योरिटी एजेंसी के मालिक चंद्रभान 4 दिन पहले रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे। वह राशिद मंसूरी के साथ ऑटो में गए थे। रात को घर नहीं लौटने पर इनके परिवार ने राशिद से पूछताछ की, तो उसने बताया कि वे मेरी ऑटो से उतरकर एक सफेद रंग की गाड़ी में बैठकर चले गए थे। परिवार ने पूरी रात चंद्रभान की खोजबीन की पर उनका कोई सुराग नहीं मिल रहा था। उनके दोनों फोन भी बंद आ रहे थे। दूसरे दिन परिवार ने सूरत के अलथान थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
राशिद के घर में हुई हत्या
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस भी फौरन हरकत में आई। पुलिस टीम ने पूरे रास्ते के करीब 500 से अधिक सीसी टीवी खंगाले पर सफेद रंग की कोई गाड़ी नजर नहीं आई। पुलिस ने ऑटो रिक्शा को ट्रेस किया तो पता चला कि चंद्रभान दुबे उस रात राशिद के ही ऑटो रिक्शा में बैठकर उसके घर गए थे। बाद में राशिद और उनका साथी घर से बाहर निकले, लेकिन चंद्रभान बाहर नहीं निकले। पुलिस ने घर की जांच की तो अंदर खून के निशान मिले।
दो टुकड़ों में मिला शव
पुलिस ने सीसीटीवी में देखा कि बाहर निकलते समय राशिद के पास दो बड़े बोरे थे। पुलिस ने सीसीटीवी के जरिए राशिद को ट्रैक किया तो राशिद स्कूटी लेकर लिंबायत में मीठीखाड़ी पहुंचा। पुलिस ने सूरत दमकल विभाग की मदद से खाड़ी में तलाशी शुरू की तो अंदर से दो बोर बरामद हुए। बोरो में चंद्रभान का शव दो टुकड़ों में मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया और हत्या ओर अपहरण का मामला दर्ज कर राशिद और उनके साथी की तलाश शुरू कर दी।
हत्या के बाद बिहार भागे आरोपी
बिहार के आरा में रहने वाले दोनों आरोपी चंद्रभान दुबे की हत्या कर बिहार भाग गए थे। आरोपी चंद्रभान के दो मोबाइल, क्रेडिट कार्ड और तीन लाख रूपये लेकर भागे थे। सूरत पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस और आरा पुलिस की मदद से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सूरत पुलिस के डीसीपी विजय सिंह गुर्जर ने बताया कि ये प्री प्लान हत्या है, जिसकी प्लानिंग पहले से की गई थी। जिस रूम में चंद्रभान की हत्या की गई, उस रूम को आरोपियों राशिद और उसके मौसेरे दिव्यांग भाई मंसूर अंसारी ने एक महीने पहले ही किराए पर लिया था। शव को ठिकाने लगाने के लिए गत्ते का बॉक्स और बोरे भी पंद्रह दिन पहले खरीदे थे। हत्या से पहले राशिद ने बैंक से दो लाख रूपये का लोन भी लिया था। वह रूपये उसने अपनी पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर किए थे। ताकि अगर पकड़े गए तो वकील को फीस देने में काम आए।
आरोपी ने मृतक चंद्रभान के बड़े भाई को मैसेज कर कहा था कि चंद्रभान जिंदा चाहिए तो 3 करोड़ रूपये भेज दो। हालांकि, इस दौरान वह चंद्रभान के परिजनों के साथ ही उन्हें ढूंढ़ने का नाटक कर रहा था।
(सूरत से शैलेष चांपानेरिया की रिपोर्ट)