
भागदौड़ भरी जिंदगी काम का दबाव और वक्त की कमी ने माता-पिता और बच्चों के बीच के कुदरती ताने-बाने को तोड़ दिया है। एक वक्त था जब मां बच्चे को लोरी गाकर सुलाती थी, लेकिन अब लोरी की जगह मोबाइल ने ले ली है। पैरेंट्स अब मोबाइल पर गाने सुनाकर बच्चों को सुला रहे हैं। माता-पिता की गोद की जगह हाईटेक-स्मार्ट-ऑटोमेटिक पालने ने ले ली है। जो बच्चे को कंपन के साथ झुलाता हैं। जिसे माता-पिता दूर रहकर भी अपने स्मार्ट फोन से कंट्रोल करते हैं। इतना ही नहीं, बच्चों को अपने पैरेट्स की धड़कन का एहसास हो तो इसके लिए बाजार में तमाम ऐसे बेबी मॉनिटर आ गए हैं। जो माता-पिता की धड़कन को रिकॉर्ड कर बच्चों को उनकी मौजूदगी और गोद में होने का एहसास दिलाते हैं।
लेकिन क्या इस हाईटेक लालन-पालन से बच्चों का ऑल राउंड डेवेलपमेंट मुमकिन है? क्योंकि जन्म के बाद सबसे पहले बच्चे अनुभव करना सीखते हैं। उनका सेंसरी सेंस डेवेलप होता है। चाहे वो छूकर हो, स्मैल के जरिए हो, आवाज सुनकर या देखकर हो, या फिर टेस्ट के जरिए हो। सेंसरी सेंसेज के जरिए ही बच्चे अपने माता-पिता और घर के दूसरे सदस्यों को पहचानना शुरु करते हैं। उनमें फर्क करना सीखते हैं और ये सब इनोवेटिव बेबी केयर और हाईटेक गैजेट्स से मुमकिन नहीं है। ये कहीं ना कहीं बच्चों के प्रोसेसिंग स्किल को कमजोर कर रहा हैं।
हाईटेक लालन-पालन के नुकसान
बड़े होने पर कई तरह की बिहेविरियल प्रॉब्लम्स भी देखने को मिलती है। जिसमें से एक है बच्चों का हाइपर एक्टिव होना, दूसरी तरफ पूरी तरह सुस्त होना। हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो वक्त की कमी की वजह से माता-पिता कई बार बच्चों की हर मांग पूरी करते रहते हैं। जो बाद में बच्चों को जिद्दी बना देता है। ऊपर से खराब लाइफ स्टाइल और खराब खानपान तो पहले से ही बच्चों में मोटापा-लंबाई-कमजोर नजर और हाइपर एक्टिव डिसऑर्डर जैसी दिक्कते बढ़ा रहा हैं। ऐसे में आज के हाइटेक दौर में कैसे बच्चों का ट्रेडिशनल तरीके से ऑलराउंड डेवेलपमेंट करें और क्या है पैरेंटिंग का सही तरीका योगगुरु बाबा रामदेव से जानते हैं।
हाइटेक लालन-पालन बन रहा दुश्मन
- रूक रही ग्रोथ
- सेंसरी सेंस कमजोर
- अपनों को पहचानने में मुश्किल
हाइटेक परवरिश से सेहत पर रिस्क
- मोटापा
- लंबाई कम
- नज़र कमज़ोर
- हड्डियां कमज़ोर
- हाइपर एक्टिव
- डिसऑर्डर
हाइटेक दुनिया में बिगड़ रहे बच्चे
- ज़िद्दी-चिड़चिड़े
- अजब-गजब फरमाइशें
- फिज़िकली-मेंटली कमजोर
- पेरेंट्स की बात नहीं मानते
बच्चे बनेंगे ऑलराउंडर
- फिट बॉडी
- मजबूत इम्यूनिटी
- शार्प माइंड
- अच्छा कंसंट्रेशन
- तेज मेमोरी
मजबूत इम्यूनिटी
- गिलोय-तुलसी काढ़ा
- हल्दी वाली दूध
- मौसमी फल
- बादाम-अखरोट
फ़िज़िकल ग्रोथ
- आंवला-एलोवेरा जूस
- दूध के साथ शतावर
- दूध के साथ खजूर
बच्चों के लिए सुपरफूड
- दूध
- ड्राई फ्रूट
- ओट्स
- बींस
- शकरकंद
- मसूर की दाल
मजबूत दिमाग
- ब्राह्मी
- शंखपुष्पी
- अश्वगंधा
बच्चों में 'इम्यूनिटी बूस्टर' टिप्स
- खट्टे फल खिलाएं विटामिन-C मिलेगा
- कुछ देर धूप में बिठाएं विटामिन-D बढ़ेगा
- हरी सब्जियां खिलाएं
- बच्चों को हल्दी वाला दूध पिलाएं
मेमोरी होगी मजबूत
- 5 बादाम, 5 अखरोट पानी में भिगोएं
- अच्छे से पीसकर ब्राह्मी मिलाएं
- शंखपुष्पी,ज्योतिषमति डालकर पीएं