Friday, December 13, 2024
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साउथ के मशहूर एक्टर मोहन राज की इस गंभीर बीमारी ने ली जान, डॉक्टर से जानें लक्षण और बचाव के उपाय

साउथ एक्टर मोहन राज की मौत से पूरी इंडस्ट्री सदमे में है। एक्टर लंबे समय से एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। जिसमें बॉडी अपना कंट्रोल खो बैठती है। जानिए क्या है ये खतरनाक बीमारी, इसके लक्षण और कैसे बचाव करें?

Written By: Bharti Singh
Published : Oct 04, 2024 15:52 IST, Updated : Oct 04, 2024 16:06 IST
साउथ एक्टर मोहन राज को थी ये बीमारी - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL साउथ एक्टर मोहन राज को थी ये बीमारी

साउथ सिनेमा में विलेन बनकर फैंस का दिल जीतने वाले एक्टर मोहन राज निधन हो गया। 70 साल के मोहन राज लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। मोहन राज का उनके घर पर ही इलाज चल रहा था। उन्हें पार्किंसंस रोग था, जिससे दिमाग कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है। ये बीमारी इंसान को अंदर से खोखला कर देती है। दिमाग जो सारे अंगों को कंट्रोल करता है वही धीरे-धीरे अपना कंट्रोल खाने लगता है। उम्र बढ़ने के साथ पार्किंसन के लक्षण भी बढ़ने लगते हैं। शुरुआत में पार्किंसंस बीमारी के लक्षण इतने हल्के होते हैं कि नोटिस कर पाना भी मुश्किल हो जाता है। आइय जानते हैं पार्किंसंस के लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है?

पार्किंसंस रोग के लक्षण हर किसी में अलग-अलग हो सकते हैं। शुरुआत में हल्के लक्षण हो सकते हैं जिन्हें कई बार लोग नोटिस भी नहीं कर पाते हैं। अक्सर पार्किंसंस के लक्षण शरीर के एक हिस्से से शुरू होते हैं और बाद में दोनों तरफ दिखने लगते हैं। शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी से जानते हैं मुख्य लक्षण क्या है?

 

पार्किंसंस बीमारी के लक्षण 

कंपन- पार्किंसन का एक सामान्य लक्षण है हाथ पैरों में कंपन होना। हाथ या उंगलियों में कंपन शुरू होता है और कई बार पैर या जबड़े में भी होने लगता है। जब आप तनाव में होते हैं तो ये कंपन और तेज होने लगता है। रिलेक्स होने पर कंपन कम होने लगता है।

धीमी गति से चलना- पार्किंसन का एक और लक्षण है कि आपकी चाल धीमी हो जाती है। इस स्थिति को ब्रैडीकिनेसिया कहते हैं। इसमें कुर्सी से उठना, नहाना या कपड़े पहनना भी मुश्किल हो जाता है। कई बार चेहरे के भाव भी बदल जाते हैं।

मांसपेशियां सख्त होना- शरीर के किसी भी हिस्स में मसल्स टाइट होना और दर्द महसूस होना भी इसके लक्षण हैं। इससे मसल्स में परेशानी हो सकती है। इससे आपको पॉश्चर भी खराब हो सकता है।

काम ठीक से न कर पाना- पार्किंसन में कई बार इंसान अपने काम भी ठीक से नहीं कर पाता है। गंभीर होने पर नेचुरल एक्टिविटी जैसे पलकें झपकाना, मुस्कुराना या चलते समय हाथ हिलाने की रिदम बिगड़ सकती है।

पार्किंसन के अन्य लक्षण

पार्किंसन के अन्य लक्षणों में बोलने में बदलाव, लिखने में परेशानी, अवसाद, चिंता, कब्ज और नींद की समस्याएं शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा गंध महसूस करने में परेशानी, सोचने और याद रखने में समस्या और बहुत थका हुआ महसूस करना भी शामिल हो सकते हैं।

पार्किंसन से कैसे बचें?

पार्किंसन से बचने के लिए वैसे कोई ठीस तरीका या उपाय नहीं है, लेकिन कई रिसर्च में पता चलता है कि कुछ कारक इससे बचाव में मदद कर सकते हैं। जिसमें एरोबिक एक्सरसाइज पार्किंसंस के खतरे को कम करती है। इसके अलावा कॉफी और ग्रीन टी पीने से खतरा कम होता है। आपकी फिटनेस इस बीमारी से आपको बचा सकती है।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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