Friday, April 19, 2024
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बिगड़े पाचन से हैं परेशान, स्वामी रामदेव से जानिए एसिडिटी, ब्लोटिंग, कब्ज का परमानेंट इलाज

एम्स के अनुसार पेट पर जोर डालने वाले योगासनों और प्राणायाम से डाइजेशन परफेक्ट किया जा सकता है और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम को भी पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।

India TV Health Desk Written by: India TV Health Desk
Updated on: October 20, 2021 15:23 IST
yoga for Stomach disease - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV yoga for Stomach disease 

इन दिनों लोगों को पेट फूलने की परेशानी का खूब सामना करना पड़ रहा है, जिसे ब्लोटिंग कहते हैं। ऐसे लोगों का डायजेशन सुबह के वक्त तो ठीक रहता है लेकिन दिन ढलने और खाने-पीने के साथ ही पेट में सूजन आ जाती है। इन सब समस्याओं की वजह हैं गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर, जिससे दुनियाभर की तकरीबन 40 फीसदी आबादी जूझ रही है। 

एक रिसर्च के मुताबिक दुनियाभर के करीब 50  प्रतिशत लोगों की पेट की परेशानी खाने से जुड़ी है। ऐसे लोगों को खाने के बाद पेट दर्द होता है या फिर एसिटिडी, गैस, कब्ज और ब्लोटिंग की समस्या हो जाती है। 

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पेट की इन सब दिक्कतों के पीछे आखिर वजह क्या है? इसकी सबसे पहली वजह है छोटी आंत में बैक्टीरिया की ग्रोथ। दूसरी वजह है कार्बोहाइड्रेट और फूड एलर्जी। वहीं तीसरी वजह है पेट के ऑर्गन्स का ठीक से काम ना करना यानि आंत और लिवर का कमजोर होना। 

दवाईयां टेम्परेरी राहत तो दे सकती हैं। लेकिन डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं का परमानेंट इलाज लाइफस्टाइल में बदलाव, नेचुरोपैथी और योग से ही किया जा सकता है। 

एम्स की स्टडी के मुताबिक पेट पर जोर डालने वाले आसनों और प्राणायाम से डाइजेशन परफेक्ट किया जा सकता है और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) को भी पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे अपने पेट को बनाएं एकदम फिट। 

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Stomach disease symptoms

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Stomach disease symptoms 

पाचन की परेशानी के कारण होने वाली बीमारियां

  1. एसिडिटी
  2. गैस्ट्रिक
  3. कब्ज                                  
  4. लूज मोशन
  5. कोलाइटिस
  6. अल्सर
  7. ब्लोटिंग

शंख प्रक्षालन पेट के लिए फायदेमंद

  • सुबह उठकर गुनगुना पानी पीएं
  • 1-2 लीटर पानी एकबार में पीएं
  • पानी में सेंधा नमक और नींबू मिलाएं
  • पानी पीने के बाद 5 मिनट स्ट्रेचिंग करें

yoga for Stomach disease

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yoga for Stomach disease 

पेट को फिट रखने के लिए योगासन

ताड़ासन

  1. शरीर को लचीला बनाता है। 
  2. थकान, तनाव और चिंता दूर करता है। 
  3. पाचन को ठीक रखता है।

तिर्यक ताड़ासन

  1. रोज करने से शरीर काफी लचीला होता है। 
  2. कमर की चर्बी पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
  3. वजन घटाने में मदद मिलती है। 
  4. मन को शांत रखने में सहायक है। 
  5. लंग्स को मजबूत बनाता है।

कटिचक्रासन

  1. कमर, रीढ़ की मसल्स मजबूत बनती हैं। 
  2. त्वचा में चमक आती है। 
  3. सीने को चौड़ा करता है। 
  4. डायबिटीज कंट्रोल होती है। 
  5. पेट की चर्बी कम करता है। 
  6. मोटापा कम करने में मददगार है। 
  7. बच्चों का दिमाग तेज करता है। 

तिर्यक भुजंगासन

  1. किडनी को स्वस्थ बनाता है
  2. लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है 
  3. तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
  4. कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है
  5. फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
  6. रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
  7. छाती चौड़ी होती है
  8. कब्ज की समस्या में कारगर

उद्राकर आसन

  1. कब्ज में कारगर
  2. पेट संबंधी समस्याओं से दिलाए निजात 
  3. रीढ़ की हड्डी के लिए कारगर
  4. शरीर को लचीला बनाए

मंडूकासन

  1. डायजेशन से जुड़े साइड इफेक्ट दूर करता है। 
  2. फैटी लिवर की समस्या दूर करता है। 
  3. ब्लड शुगर को कम करने में कारगर। 
  4. लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
  5. पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है।
  6. गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है। 

शशकासन

  1. माइग्रेन के रोग में फायदेमंद। 
  2. तनाव और चिंता दूर होती है।
  3. क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर होता है।
  4. मोटापा कम करने में मददगार है।
  5. लिवर और किडनी के रोग दूर होते हैं। 

योगमुद्रासन

  1. कब्ज की समस्या दूर होती है
  2. गैस से छुटकारा मिलता है
  3. पाचन की परेशानी दूर होती है
  4. छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं

वक्रासन

  1. पेट पर पड़ने वाला दबाव फायदेमंद
  2. कैंसर की रोकथाम में कारगर
  3. पेट की कई समस्याओं में राहत
  4. पाचन क्रिया ठीक रहती है
  5. कब्ज ठीक होती है

गोमुखासन

  1. फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है
  2. पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
  3. रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
  4. शरीर को लचकदार बनाता है
  5. सीने को चौड़ा करने में सहायक
  6. शरीर के पॉश्चर को सुधारता है

पवनमुक्तासन

  1. फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
  2. अस्थमा, साइनस में लाभकारी
  3. किडनी को स्वस्थ रखता है
  4. ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
  5. पेट की चर्बी को दूर करता है
  6. मोटापा कम करने में मददगार
  7. हृदय को सेहतमंद रखता है
  8. ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
  9. रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है

उत्तानपादासन

  1. डायबिटीज कंट्रोल होती है।
  2. एसिडिटी ठीक होती है। 
  3. कमर दर्द में आराम मिलता है। 
  4. हार्ट को मजबूत बनाता है। 
  5. वजन कम करने में मददगार है। 
  6. पैरों की मसल्स मजबूत होती है।
  7. पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं। 

इन प्राणायाम के द्वारा कब्ज से मिलेगी राहत

  1. अनुलोम विलोम
  2. कपालभाति 
  3. भस्त्रिका
  4. भ्रामरी
  5. उज्जायी
  6. उद्गीथ

कब्ज में एक्यूप्रेशर प्वाइंट

पिंडलियों को 10 मिनट दबाएं। इससे कब्ज में राहत  मिलेगी।

कब्ज में फायदेमंद हैं ये आयुर्वेदिक औषधियां

  1. त्रिफला का नियमित सेवन करें। कब्ज दूर करने वाली चूर्ण हमेशा ना खाएं।
  2. आंवला,एलोवेरा का जूस सुबह-शाम लें।
  3. लौकी का जूस और सूप रोज पीएं।
  4. कब्ज में गोधन अर्क बेहद कारगर है।
  5. अभयारिष्ट के सेवन से कब्ज दूर होता है।
  6. हरितकी से भी कब्ज में फायदा होता है।
  7. अतिबला का पत्ता कब्ज ठीक करता है।
  8. रात में मुनक्का-अंजीर भिगोकर रोज खाली पेट खाएं
  9. सोने से पहले दो चम्मच ईसबगोल दूध या पानी से लें

कब्ज की समस्या से कैसे बचें?

  1. खाना चबा-चबा कर खाएं।
  2. खाना न ज्यादा खाएं और न कम
  3. खाने के एक घंटे के बाद पानी पीएं।
  4. सुबह में दही और दोपहर में छाछ पीएं।
  5. रात में खाने के 1 घंटे बाद दूध पीएं।
  6. दूध के साथ नमकीन चीजें ना खाएं।
  7. रात में दही और छाछ ना लें ।
  8. पहले सलाद और फल फिर भोजन करें।
  9. हरी चीजों का सेवन बिना पकाएं करें।
  10. आंवला का रस ताजा निकालकर पीएं
  11. आंवला,एलोवेरा, व्हीटग्रास का रस पीएं
  12. खाने में  नियमित अंकुरित अनाज लें

कोलाइटिस की समस्या से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

  1. अनार का रोजाना सेवन करे
  2. दूधि का जूस, संजीवनी घास खाली पेट पिएं
  3. बेल का मुरब्बा
  4. बेल का पाउडर छाछ के साथ लें।
  5. उर्जारिष्ट
  6. कुटजारिष्ट
  7. कुटजघन वटी
  8. चित्रकादि वटी

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए  कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें। 

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