Thursday, April 25, 2024
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फैटी लिवर है खतरनाक, कोरोना भी करता है सीधा लिवर पर अटैक, स्वामी रामदेव के बताए योग से लिवर को बनाएं सुपरस्ट्रॉग

लिवर से संबंधित परेशानियों का ग्राफ भले ही बढ़ रहा है लेकिन इसे कैसे कंट्रोल करें जानें स्वामी रामदेव से। स्वामी रामदेव ने कुछ योगासन बताएं है जिसे अपनाकर आप लिवर का ख्याल रख सकते हैं।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 31, 2020 10:13 IST
Swami Ramdev - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV   फैटी लिवर है खतरनाक, कोरोना भी करता है सीधा लिवर पर अटैक, स्वामी रामदेव के बताए योग से लिवर को बनाएं सुपरस्ट्रॉग   

शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम लिवर करता है। लेकिन अगर लिवर ठीक तरह से काम न करें तो शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 10 लाख लोग लिवर से संबंधित परेशानियों का शिकार हैं। लिवर से संबंधित परेशानियों का ग्राफ भले ही बढ़ रहा है लेकिन इसे कैसे कंट्रोल करें जानें स्वामी रामदेव से। स्वामी रामदेव ने कुछ योगासन बताएं है जिसे अपनाकर आप लिवर का ख्याल रख सकते हैं। 

लिवर रोग क्या होते हैं?

  • लिवर सिरोसिस
  • फैटी लिवर
  • लिवर में सूजन
  • लिवर खराब होना
  • हेपेटाइटिस
  • पीलिया

लिवर रोग के लक्षण

  • कमजोरी महसूस होना
  • आंखों का पीला होना 
  • पेट में दर्द
  • पैरों में सूजन
  • उल्टी होना 
  • खुजली होना

इन योगासन से लिवर हमेशा रहेगा हेल्दी

मंडूकासन

  • डायबिटीज ,कोलाइटिस को कंट्रोल करे
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
  • कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म
  • पाचन तंत्र को करे सही
  • लिवर, किडनी को रखें स्वस्थ्य
  • वजन घटाने में करें मदद
  • इस आसन से पेट संबंधी कई गंभीर बीमारियों से भी राहत मिलती है
  • महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता और असहनीय दर्द को कम करता 

वक्रासन

  • वक्रासन से दूर होती है डायबिटीज
  • तनाव और चिंता दूर होती है
  • क्रोध, चिड़चिड़ापन दूर करता है
  • माइग्रेन के रोग में फायदेमंद
  • लिवर, किडनी के रोग दूर होते हैं 
  • मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है
  • मोटापा कम करने में मददगार

गोमुखासन

  • डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए सबसे अच्छा
  • मांसपेशियां मजबूत करता है
  • तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है
  • दिल को स्वस्थ रखता है
  • शरीर को लचीला बनाता है

भुजंगासन

  • कमर को पतली और आकर्षक बनाएं
  • सीना चौड़ा करें
  • लंबाई बढ़ान में मददगार
  • शरीर की थकावट करें दूर
  • पेट की चर्बी को करें कम
  • कमर दर्द से दिलाएं निजात
  • शरीर में शक्ति औप स्फूर्ति का संचार करें

सर्वांगासन 

  • ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है
  • एजिंग को रोकने में सहायक
  • शारीरिक संतुलन ठीक रहता है

पवनमुक्तासन

  • शरीर को मजबूती मिलती है
  • हार्ड वर्क करने पर थकान कम होती है 
  • पेट में भारीपन और कब्ज से निजात दिलाता है 
  • रीढ़ की हड्डी मजबूती होती है 
  • बल्ड सर्कुलेशन ठीक रहता है

नौकासन

  • पेट संबंधी विकार दूर होते हैं
  • इससे पाचन तंत्र मजबूत रहता है 
  • कमर दर्द में राहत

प्राणायाम जरूर करें

कपालभाति

  • कपालभाति को प्राणायाम के अंतर्गत नहीं माना जाता है। हालांकि कपालभाति रोजाना करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है। जानिए कपालभाति को किस तरह से करना चाहिए।
  • कपालभाति को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
  • अब दोनों नथुना से गहरी सांस भीतर की ओर लें। 
  • अब सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें। 
  • इस बात का ध्यान रहे कि सांस को बल पूर्वक बाहर निकालना है और आराम से भीतर लेना है। इस तरह से कम से कम 20 बार ऐसा करें। 

     

अनुलोम विलोम

  • सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
  • अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें। 
  • इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। 
  • अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें। 

भस्त्रिका

  • इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। 
  • तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।  
  • इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।

फायदे

  • इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी,  लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है। 
  • भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं।  

उज्जयी प्राणायाम

  • गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके।
  • इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े।
     

फायदे

मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात।

भ्रामरी प्राणायाम

  • इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। 
  • अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। 
  • सांस भरकर पहले अपनी उंगुलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 उंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। 
  • अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। 
  • इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। 

फायदे

इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा। ​​

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