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क्या है ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस जो जवानी में ही बना देता है बूढ़ा, कम करने के लिए मानें डॉक्टर की ये सलाह

शरीर में बढ़ते ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के प्रमुख कारण असंतुलित जीवन शैली, अनहेल्दी फैट, बढ़ता प्रदूषण हैं।ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को लेकर हमने नोएडा में एश्योर हेल्थ क्लिनिक के, डॉ. मुकेश शंकर, एमबीबीएस, एमएस से बातचीत की। उन्होंने बताया कि आखिर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस क्या है और इसे कैसे कम किया जा सकता है।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Feb 29, 2024 15:18 IST, Updated : Feb 29, 2024 15:18 IST
oxidative stress - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL oxidative stress

स्ट्रेस और टेंशन ये दो ऐसे शब्द हैं जो आजकल हर किसी की ज़िन्दगी में फिट बैठते हैं। आजकल की भागती दौड़ती ज़िन्दगी में हम न चाहते हुए भी हम हर छोटी बड़ी चीज़ों का टेंशन लेते हैं और खुद की सेहत से खिलवाड़ करते हैं। यानी एक तरह से कहें तो ये हमारे जिंदगी का अनचाहा हिस्सा बन गया है। लेकिन क्या आपने कभी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के बारे में सुना है? दरअसल यह स्ट्रेस असंतुलित जीवन शैली, अनहेल्दी फैट, बढ़ता प्रदूषण के कारण होता है। यानी यह हमे नज़र नहीं अत है लेकिन यह हमारे शरीर के अंदर होता है, जिसे अगर वक्त रहते कंट्रोल नहीं किया गया है तो आप वक्त से पहले बीमार, बूढ़े और कमजोर हो जाएंगे। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को लेकर हमने नोएडा में एश्योर हेल्थ क्लिनिक के, डॉ. मुकेश शंकर, एमबीबीएस, एमएस से बातचीत की। उन्होंने बताया कि आखिर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस क्या है और इसे कैसे कम किया जा सकता है।

क्या है ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस?

खाने के बाद मेटाबॉलिक प्रोसेस के दौरान हमारा बॉडी एक सेल्स फ्री रेडिकल्स बनाते हैं। हालांकि, सेल्स एंटीऑक्सीडेंट भी पैदा करती हैं जो इन फ्री रेडिकल्स को हटाने का काम करते हैं। यानी हमारा शरीर एंटीऑक्सीडेंट और फ्री रेडिकल्स के बीच बैलेंस बनाए रखने का काम करता है, लेकिन जब किसी कारण से वो बैलेंस असंतुलित हो जाता है तो इस कंडीशन को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कहते हैं।

क्यों होता है ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस?

ऐसे कई फैक्टर हैं, जिनके कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। जैसे - अनियमित लाइफ स्टाइल, अनहेल्दी डाइट, अल्कोहल का सेवन, व्यायाम की कमी, प्रदूषण के कारण भी इसमें वृद्धि हुई है। आपके शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया भी अस्थायी रूप से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को ट्रिगर कर सकती है।

हो सकते हैं इन बीमारियों के शिकार

ये फ्री रेडिकल्स शरीर को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। इसके लक्षण आपको बॉडी में हर जगह दिखाई देते हैं। इसकी वजह से दिल से जुड़ी बीमारियों से लेकर हाई ब्लड प्रेशर से अस्थमा और सीओपीडी (CoPD) सहित फेफड़े, जोड़ों में गठिया, शरीर में दर्द, सूजन से जुड़ी तकलीफें और बीमारियां हो सकती हैं।

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ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के उपाय

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के लिए सबसे पहले धूम्रपान और शराब को छोड़ें। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर स्वस्थ आखर अपनी डाइट में शामिल करें और नियमित व्यायाम करें। अपनी लाइफस्टाइल में ये हल्के फुल्के बदलाव करे।  गोलियों के रूप में एंटीऑक्सीडेंट लेने से भी मदद मिलेगी।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें

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