Saturday, April 20, 2024
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केरल में कोविड-19 के 7893 नए मामले सामने आए, उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से कम

अगस्त में ओणम के त्योहार के बाद दैनिक संक्रमितों की संख्या के 30 हजार के आंकड़े को पार करने के बाद नए मामलों में कमी आ रही थी। विज्ञप्ति के अनुसार सोमवार के बाद से 12,490 और लोग संक्रमण से स्वस्थ हुए जिसके बाद कोविड को मात देने वालों की कुल संख्या बढ़कर 46,85,932 हो गई।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 12, 2021 20:35 IST
Active COVID-19 cases in Kerala drop below one lakh- India TV Hindi
Image Source : PTI केरल में आज कोरोना वायरस संक्रमण के 7,823 नए मामले सामने आए।

तिरुवनंतपुरम: केरल में आज कोरोना वायरस संक्रमण के 7,823 नए मामले सामने आए तथा महामारी से 106 और मरीजों की मौत हो गई। राज्य में पांच महीने से ज्यादा समय बाद मंगलवार को उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से घटकर 96,646 हो गई। एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। विज्ञप्ति के अनुसार नए मामलों के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 48,09,619 हो गई जबकि मृतकों की संख्या 26,448 पर पहुंच गई। 

गौरतलब है कि केरल में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के दौरान उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई थी। राज्य में 19 अप्रैल को संक्रमण के 13,644 नए मामले सामने आए थे जिसके बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर 1,07,330 हो गई थी। 

अगस्त में ओणम के त्योहार के बाद दैनिक संक्रमितों की संख्या के 30 हजार के आंकड़े को पार करने के बाद नए मामलों में कमी आ रही थी। विज्ञप्ति के अनुसार सोमवार के बाद से 12,490 और लोग संक्रमण से स्वस्थ हुए जिसके बाद कोविड को मात देने वालों की कुल संख्या बढ़कर 46,85,932 हो गई और उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 96,646 रह गई। पिछले 24 घंटों में 86,031 नमूनों की कोविड-19 जांच की गई। 

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया था कि हाल में कराये गये सीरो सर्वेक्षण के अनुसार केरल में 18 साल और इससे अधिक उम्र के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों में कोविड-19 एंटीबॉडी हैं। राज्य विधानसभा में उठाये गये सर्वेक्षण से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि 18 साल और इससे अधिक उम्र की 82.6 प्रतिशत आबादी में कोविड-19 एंटीबॉडी हैं और इसकी वजह वैक्सीनेशन और वायरस संक्रमण है। 

उन्होंने कहा कि सितंबर के अंत में कराये गये सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि 18 साल से 49 साल की आयु की ऐसी गर्भवती महिलाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम (65.4 प्रतिशत) रही जिनमें एंटीबॉडी मिले। मंत्री ने कहा कि यह गर्भावस्था के दौरान महिलाओं द्वारा बरती गयी सावधानियों की वजह से हुआ जिसकी वजह से वे संक्रमण से सुरक्षित रहीं। वैक्सीनेशन में देरी की वजह से भी ऐसा हुआ। 

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