Thursday, March 28, 2024
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राम मंदिर पर कभी भी आ सकता है फैसला, हर हाल में अमन कायम रखने की सौगंध

अयोध्या के फैसले का काउंडडाउन शुरू हो चुका है। दुनिया के सबसे पुराने मामले में कभी भी फैसला आ सकता है लेकिन फैसले से पहले सद्भावना और शांति कायम करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 06, 2019 9:33 IST
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राम मंदिर पर कभी भी आ सकता है फैसला, हर हाल में अमन कायम रखने की सौगंध

नई दिल्ली: अयोध्या के फैसले का काउंडडाउन शुरू हो चुका है। दुनिया के सबसे पुराने मामले में कभी भी फैसला आ सकता है लेकिन फैसले से पहले सद्भावना और शांति कायम करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के घर मुस्लिम धर्म गुरुओं और संघ नेताओं की बैठक हुई तो अयोध्या में राम मंदिर को लेकर किसी भी तरह के मैसेज के सर्कुलेशन पर रोक लगा दी गई। मुख्तार अब्बास नकवी के घर ढाई घंटे की मैराथन मीटिंग के बाद जब सब निकले तो हर चेहरे पर तसल्ली का भाव था। भरोसा था कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा, सबको मंजूर होगा।

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बैठक में क्या क्या हुआ?

बैठक में मुस्लिम धर्म गुरु और संघ के नेता शामिल हुए जिसमें तय हुआ कि ​राम मंदिर पर फैसले के बाद कोई जश्न नहीं मनाएगा। इस बैठक में यह भी तय हुआ कि फैसले के बाद सब एक दूसरे को हिम्मत देंगे और दोनों समुदायों ने फैसले को लेकर शांति बनाए रखने की भी अपील की। साथ ही अफवाहों और फेक न्यूज से दूर रहने सलाह दी गई। सभी समुदायों और राजनीतिक दलों से अयोध्या पर अनर्गल बयानबाजी पर रोक लगाने की भी अपील की गई।

मुख्तार अब्बास नकवी के घर पर हुई इस बैठक में शिय धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद सहित सुन्नी धर्म गुरु और हिन्दु धर्मगुरु भी शामिल हुए। उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों में भी एहतियात बरती जा जानी शुरु हो गई है। बुलदशहर में जिला प्रशासन की मौजूदगी में हिन्दू संगठनो और मुस्लिम संगठनों की मीटिंग बुलाई गई। 

डीएम, एसपी सहित सभी बड़े अधिकारियों ने फ्लैग मार्च निकाला और लोगों को जागरूक बनाने की कोशिश की। साथ ही फैसले से जुड़ी कोई भी आप्तिकजनक तस्वीर, वीडियो या भड़काऊ बयान जारी करने पर जेल भी जाना पड़ सकता है।

इधर अयोध्या जिला प्रशासन ने भी एडवाइजरी जारी की है जिसमें सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के मैसेज भेजने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि नकवी के यहां हुई बैठक में तय हुआ है कि जल्द ही विश्व हिन्दू परिषद और बाकी संगठनों के साथ भी मशविरा कर उन्हें मना लिया जाएगा ताकि दुनिया में ऐतिहासिक फैसले के बाद हिन्दुस्तान भाईचारे की नजीर बन सके।

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