Saturday, April 27, 2024
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क्या कोरोना की तीसरी लहर आएगी? AIIMS निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया से जानिए

क्या कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आएगी? अगर आई तो कितनी खतरनाक होगी? इसपर उन्होंने कहा, "पुराने आंकड़े देखे जाएं तो महामारी की ज्यादातर 3 वेव (लहर) आती हैं और सबसे ज्यादा खतरनाक दूसरी वेव मानी जाती है। लेकिन, पूराने समय में वैक्सीन नहीं होती थी और इस बार अच्छी बात है कि हमारे पास वैक्सीन है।" 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 09, 2021 16:57 IST
क्या कोरोना की तीसरी लहर आएगी? AIIMS निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया से जानिए- India TV Hindi
क्या कोरोना की तीसरी लहर आएगी? AIIMS निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया से जानिए

नई दिल्ली: इंडिया टीवी के '#JeetegaIndia, हारेगा कोरोना' कॉन्कलेव में दिल्ली AIIMS के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर कई जानकारियां दीं। जब उनसे पूछा गया कि क्या कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आएगी? अगर आई तो कितनी खतरनाक होगी? तो उन्होंने कहा, "पुराने आंकड़े देखे जाएं तो महामारी की ज्यादातर 3 वेव (लहर) आती हैं और सबसे ज्यादा खतरनाक दूसरी वेव मानी जाती है। लेकिन, पूराने समय में वैक्सीन नहीं होती थी और इस बार अच्छी बात है कि हमारे पास वैक्सीन है।" क्या दूसरी लहर थम रही है, क्या इसके संकेत मिल रहे हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा, "अभी कहना कुछ मुश्किल है। लेकिन, कुछ हद तक देखें तो कई जगहों से खबर आ रही है कि मामले स्थिर होने लगे हैं। अब कुछ क्षेत्रों की बात करें तो अगले हफ्ते या 15 मई तक शायद मामले कम होना शुरू हो जाएं।"

क्या भारत में कोरोना का पीक आ चुका है? इसपर डॉ गुलेरिया ने कहा, "भारत में पीक अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग समय में आएगा। महाराष्ट्र में पीक लगभग आ रहा है या आ चुका है और वहां पर केस कम होना शुरू होंगे। मध्य भारत और दिल्ली में भी शायद हम 15 मई तक मामले कम होते देखेंगे। शायद उसके बाद बंगाल और पूर्वोत्तर में भी केस कम होना शुरू होंगे।" डॉ गुलेरिया ने कहा, "पहले महाराष्ट्र और पश्चिम भारत में ज्यादा केस आए, अब वही हाल मध्य भारत में है। बंगाल और असम में केस बढ़ना शुरू हुए हैं, धीरे-धीरे केस कम होना शुरू होंगे।"

उन्होंने कहा, "इस बार संक्रमण ज्यादा है और एक परिवार में अगर कोई एक व्यक्ति संक्रमित होता है तो उससे पूरा परिवार संक्रमित हो रहा है, पहली वेव में ऐसा नहीं था लेकिन इस बार ज्यादा हो रहा है।" उन्होंने कहा, "यही वजह है मामले तेजी से बढ़ गए और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव बढ़ा, जिससे लोगों में पैनिक बढ़ गया। जिस वजह से अस्पतालों में कई गैर जरूरी एडमिशन हो गईं।" उन्होंने कहा, "पैनिक के कारण अस्पतालों में कई लोग दाखिल हुए, इनमें वह भी भी लोग रहे जिनको अस्पताल जाने की जरूरत नहीं थी, जिस वजह से ऐसे लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल पाया जिनको जरूरत थी।"

क्या वायरस फिर से म्यूटेट होता है तो वैक्सीन उसपर असरदार होगी? यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "वैक्सीन को लेकर जो आईसीएमआर का डेटा है, उसने दिखाया है कि जो वेरिएंट इस समय हैं उनपर वैक्सीन असरदार है, लेकिन कोरोना को लेकर जो प्रोटोकॉल है उसका पालन करना बहुत जरूरी है। हो सकता है आने वाले समय में ऐसे वेरिएंट आएं, जो वैक्सीन के असर को कम करें। ऐसे में वैक्सीन को और डेवल्प करने तथा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते रहना होगा।"

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