Saturday, April 20, 2024
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चीन, पाकिस्तान के पास है भारत से ज्यादा परमाणु हथियार, जानें क्या कहती है SIPRI की रिपोर्ट

भारत परमाणु शस्त्रों के मामले में अपने चिर प्रतिद्वंदियों, चीन और पाकिस्तान से पीछे है। स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस इंस्टिट्यूट (SIPRI) ने सोमवार को ताजा आंकड़े जारी किए हैं जिनके अनुसार, चीन के पास अभी 350, पाकिस्तान के पास 165 जबकि भारत के पास 156 परमाणु शस्त्र हैं। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 15, 2021 16:15 IST
China, India, Pakistan expanding nuclear arsenal, says Swedish think tank- India TV Hindi
Image Source : AP भारत परमाणु शस्त्रों के मामले में अपने चिर प्रतिद्वंदियों, चीन और पाकिस्तान से पीछे है।

नयी दिल्ली: भारत परमाणु शस्त्रों के मामले में अपने चिर प्रतिद्वंदियों, चीन और पाकिस्तान से पीछे है। स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस इंस्टिट्यूट (SIPRI) ने सोमवार को ताजा आंकड़े जारी किए हैं जिनके अनुसार, चीन के पास अभी 350, पाकिस्तान के पास 165 जबकि भारत के पास 156 परमाणु शस्त्र हैं। SIPRI के अनुसार, अनुमानित 13,080 वैश्विक परमाणु हथियारों का 90 प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा रूस और अमेरिका के पास है। SIPRI के अध्ययन में सोमवार को बताया कि दुनिया में नौ देशों अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इजराइल और उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियार हैं। 

अध्ययन में कहा गया है, ‘‘चीन अपने परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण और विस्तार कर रहा है, और भारत और पाकिस्तान भी अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहे हैं।’’ पूर्वी लद्दाख में पांच मई, 2020 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुए सैन्य गतिरोध को एक साल से अधिक समय हो गया और इस दौरान दोनों पक्षों के जवान हताहत हुए थे। 

भारत और पाकिस्तान ने इस साल 25 फरवरी को अपने सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की घोषणा करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया था। SIPRI के अध्ययन में उन कच्चे माल के भंडारों के बारे में भी बात की गई है जो अपने परमाणु हथियार बनाने के लिए देशों के पास हैं। 

उसने कहा, ‘‘परमाणु हथियारों के लिए कच्चा माल विखंडनीय सामग्री है, यह या तो अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम (एचईयू) है या पृथक प्लूटोनियम। भारत और इजराइल ने मुख्य रूप से प्लूटोनियम का उत्पादन किया है, और पाकिस्तान ने मुख्य रूप से एचईयू का उत्पादन किया है, लेकिन वह अब प्लूटोनियम का उत्पादन करने की अपनी क्षमता बढ़ा रहा है।’’ 

अध्ययन में उल्लेख किया गया है कि चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका ने अपने परमाणु हथियारों में उपयोग के लिए एचईयू और प्लूटोनियम दोनों का उत्पादन किया है। इसमें कहा गया है, ‘‘भारत और पाकिस्तान की सरकारें अपने कुछ मिसाइल परीक्षणों के बारे में बयान देती हैं लेकिन वे अपने (परमाणु) शस्त्रागार की स्थिति या आकार के बारे में कोई जानकारी नहीं देती हैं।" 

‘SIPRI ईयरबुक 2021’ में उल्लिखित अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया में कुल 13,080 वैश्विक परमाणु आयुधों में से लगभग 2,000 आयुध को उच्च परिचालन अलर्ट की स्थिति में रखा गया है। उसने यह भी कहा कि सऊदी अरब, भारत, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और चीन 2016 और 2020 के बीच दुनिया में प्रमुख हथियारों के पांच सबसे बड़े आयातक थे। इस समयावधि में प्रमुख हथियारों के वैश्विक आयात में सऊदी अरब की 11 प्रतिशत और भारत की 9.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। 

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