Friday, May 03, 2024
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लद्दाख में भारतीय जवानों की शहादत पर कांग्रेस ने मांगा बदला, कहा- मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत

कांग्रेस ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद होने की घटना पर मंगलवार को पटलवार करने की मांग की।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 16, 2020 15:02 IST
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी- India TV Hindi
Image Source : ANI/FILE कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी

नई दिल्ली: कांग्रेस ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद होने की घटना पर मंगलवार को पटलवार करने की मांग की। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि भारत को पलटवार करना चाहिए।

चौधरी ने ट्वीट किया, "कर्नल सहित हमारी सेना के जवान बेईमान चीनी आक्रमण का शिकार हुए हैं। हमें मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है, प्रतिरोध, प्रतिरोध। मैं उन बहादुर आत्माओं को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने अपनी अनमोल ज़िंदगी मातृभूमि के लिए अर्पित की है।" उन्होंने इसमें PMO को टैग किया।

वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह हैरान करने वाला, अविश्वसनीय और अस्वीकार्य है। क्या रक्षा मंत्री इसकी पुष्टि करेंगे?’’ गौरतलब है कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे।

यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं। लेकिन, अब खबर आई है कि गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना में हिंसक ठकराव हुआ। इसमें चीन की पीएलए के भी सैनिकों की मौत हुई है।

घटना के बाद सेना के भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी गालवान वैली पहुंच चुके हैं। वहीं, अब दिल्ली में भी इस घटना को लेकर हलचल तेज हो गई है। खबर है कि चीन की इस कार्रवाई के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख से बात की है। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे।

बता दें कि दोनों देशों के बीच आखिरी बार 1975 में गोली चली थी। उस समय अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। उसमें किसी भी पक्ष को कोई नुकसान नहीं हुआ था। उसके बाद से लेकर अब तक दोनों देशों की सेना के कभी गोलीबारी की नौबत नहीं आई है।

वहीं, उससे भी पहले 1967 की जंग में भारत और चीन के सैनिक भिड़े थे। 1962 की लड़ाई के बाद भारत उस इलाके में अपनी स्थिति बेहतर कर रहा था, जिससे चीन चिढ़ गया था। 1967 की इस जंग में चीन को काफी नुकसान उठाना पड़ा। इस लड़ाई में भारत के 88 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन के करीब 340 सैनिक मारे गए थे।

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