Thursday, May 02, 2024
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जीबी रोड का रोंगटे खड़े कर देने वाला सच !

नई दिल्ली: जीबी रोड यानी गारस्टिन बास्टिन रोड, राजधानी दिल्ली में सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया जहां दिन में ऑटो मोबाइल पार्ट्स और हार्डवेयर की दुकानें खुलती हैं और सूरज ढलने के साथ ही सजने

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Updated on: November 24, 2017 9:31 IST

GB-Road

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जीबी रोड पर करीब 25 इमारतों में करीब 116 कोठे हैं। इनमें 4000 से ज्‍यादा सेक्‍स वर्कर रहती हैं। हालात यह हैं कि अपनी पीड़ा को बताने के लिए उनके अपने भी उनके साथ नहीं हैं। यहां विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त महिलाएं की संख्या 30 फीसदी है जिनमें त्वचा, शुगर व शारीरिक कमजोरी की रोगी सबसे अधिक हैं। 5 फीसदी सेक्‍स वर्कर्स HIV+ हैं।

2008 में जीबी रोड पर रहने वाली सेक्स वर्करों का नाम मतदाता सूची में जोड़ने का काम शुरू किया गया था। 2008 में तकरीबन 1,500 महिलाओं का मतदाता पहचान पत्र बना और उन्होंने पहली बार 2008 के चुनाव में मतदान भी किया था।

ब्रिटिश राज से जारी रेड लाइट एरिया ने जीबी रोड को क्रिमिनल्स का अड्डा बना दिया है। दिन के उजाले में यहां भारी मशीन, ऑटो मोबाइल पार्ट्स और हार्डवेयर की दुकानें खुलती हैं और सेक्स ट्रेड का कोठा सूरज ढलने के साथ सजता है। इन्हीं कोठों पर रातभर चढ़ने-उतरने वाले खरीददार क्राइम को अंजाम देते हैं।

इन सब घटनाओं को देखते हुये सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की धारा 21 (जीने का अधिकार) के तहत केंद्र सरकार को सेक्स वर्कर्स को सशक्त करने के लिए योजनाएं बनाने का आदेश दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उन योजनाओं के तहत उन्हें वोकेशनल ट्रेनिंग देने के साथ-साथ रोजगार देने की व्यवस्था हो। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि अगर वह देह व्यापार पर नियंत्रण नहीं कर सकती तो उसे क़ानूनी दर्जा दे दे।

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