Thursday, April 25, 2024
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दिल्ली कूड़े के ढेर में दब रही और मुंबई पानी में डूब रही लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली कूड़े के ढेर में दब रही है और मुंबई पानी में डूब रही है लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 10, 2018 23:43 IST
Supreme court- India TV Hindi
Supreme court

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज केन्द्र और दिल्ली सरकार से कल तक इस बारे में रुख स्पष्ट करने को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में ‘‘कूड़े के पहाड़ों’’ को साफ करने की जिम्मेदारी किसकी है, उपराज्यपाल अनिल बैजल के प्रति जवाबदेह अधिकारियों की या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति जवाबदेह अधिकारियों की? शीर्ष अदालत ने यह निर्देश ऐसे समय दिया जब कुछ दिन पहले उसने उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच सत्ता संघर्ष पर फैसला सुनाते हुये व्यवस्था दी थी कि उपराज्यपाल के पास फैसले करने की कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है और वह निर्वाचित सरकार की मदद एवं सलाह से काम करने के लिये बाध्य हैं। 

जस्टिस एम बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा ‘‘अब, हमें फैसले का फायदा है। दिल्ली विशेषकर भलस्वा, ओखला और गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ हैं। हम जानना चाहते हैं कि कूड़ा साफ करने के लिये जिम्मेदार कौन है, जो उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैं या जो मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह हैं।’’ सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पिंकी आनंद और दिल्ली सरकार के वकील से पूछा कि कूड़ा प्रबंधन किसके क्षेत्राधिकार में आता है। पिंकी आनंद ने कहा कि वह कल इस मुद्दे पर हलफनामा दायर करेंगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली कूड़े के ढेर में दब रही है और मुंबई पानी में डूब रही है लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है। 

उन्होंने ठोस कचरा प्रबंधन रणनीति पर अपनी नीतियों पर हलफनामा दायर नहीं करने पर दस राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदशों पर जुर्माना भी लगाया। इस स्थिति पर अपनी मजबूरी जाहिर करते हुये शीर्ष अदालत ने अफसोस जताया कि जब अदालतें हस्तक्षेप करती हैं तो न्यायाधीशों पर न्यायिक सक्रियता के नाम पर निशाना साधा जाता है । उन्होंने कहा कि जब सरकार कुछ नहीं करती है या गैरजिम्मेदार तरीके से काम करती है तो क्या किया जा सकता है। (भाषा)

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