Thursday, April 18, 2024
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किसानों के नाम पर अपनी राजनीति चमका रहे विपक्ष को रविशंकर प्रसाद ने जमकर 'धोया', जानिए बड़ी बातें

अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर रहे विपक्षी दलों पर सरकार द्वारा हमला बोला गया है। केंद्रीय कानून मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस वार्ता कर विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 07, 2020 15:00 IST
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Image Source : INDIA TV किसानों के नाम पर अपनी राजनीति चमका रहे विपक्ष को रविशंकर प्रसाद ने जमकर 'धोया', जानिए बड़ी बातें

नई दिल्ली. किसानों द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन कर अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर रहे विपक्षी दलों पर सरकार द्वारा हमला बोला गया है। केंद्रीय कानून मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस वार्ता कर विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा, "आज जब इनका राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है, ये बार बार जब चुनाव हारते हैं तो अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं, मैं स्वीकार करूंगा कि किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ कहा है कि राजनीतिक दलों के नेता हमारे आंदोलन में न आएं, लेकिन ये सब रोक रहे हैं क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेंद्र मोदी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है, भले ही जनता में कोई उनका वजूद नहीं है और कोई सुनवाई नहीं हो रही।"

रविशंकर प्रसाद ने क्या कहा? (बड़ी बातें)

  1. ये सिर्फ किसान आंदोलन की बात नहीं है, चाहे सीएए का विषय हो शाहीन बाग का विषय हो या कोई और भी विषय हो ये लोग खड़े हो जाते हैं, विरोध के लिए विरोध हो रहा है, अपना इतिहास भूलकर सिर्फ नरेंद्र मोदी जी का विरोध करना चाहते हैं।
  2. कांग्रेस पार्टी का 2019 के चुनाव का मैनिफेस्टो था, इन्होंने साफ कहा है कि कांग्रेस एपीएमसी एक्ट को समाप्त करेगी और किसानों को अपने फसलों के निर्यात और व्यापार पर सारे बंधनों से मुक्त करेगी। कांग्रेस पार्टी की कलाबाजी समझनी चाहिए, अंग्रेजी में कहा है कि हम रिपील करेंगे और हिंदी में लिखा कि संसोधन करेंगे।
  3. कांग्रेस के लोग जब ड्राफ्ट करते हैं और रिपील और अमेंडमेंट में अंतर नहीं समझते तो उन्हें आउटसोर्स करना चाहिए।
  4. राहुल गांधी के कुछ वक्तव्य हैं 2013 में उन्होंने अपने सारे मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाकर कहा था कि कांग्रेस शासित राज्यों में फल और सब्जियों को एपीएमसी से डीलिस्ट करेंगे और किसानों को प्री च्वाइस देंगे। 
  5. देश के वरिष्ठ नेता शरद पवार जब देश के कृषि और उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे तो देश के सारे मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी, उसमें लिखा कि निजी क्षेत्र का आना जरूरी है। शरद पवार जी ने शेखर गुप्ता को एक इंटरव्यू दिया था 2005 में, सवाल था, आप एपीएमसी एक्ट कबतक खत्म होता देखते हैं, उन्होंने कहा था- 6 महीने। आप तो बड़े अनुभवी नेता है और कई बार मुख्यमंत्री रहे हैं और केंद्र में मंत्री रहे हैं, सुधार का दावा करते रहे हैं, इसे अगर शुद्ध राजनीतिक स्वार्थ की राजनीति नही कहेंगे तो क्या कहेंगे।
  6. विपक्षी दल सिर्फ अपना अस्तित्व  बचाने के लिए नरेंद्र मोदी का विरोध कर रहे हैं।  आज श्रीमान अखिलेश यादव भी मैदान में कूद गए, अखिलेश जी एग्रीकल्चर स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट आई है और उसमें आपके पिता भी सदस्य हैं, उन्होंने भी बहुत साफ साफ कहा है उस रिपोर्ट में कि यह बहुत जरूरी है कि किसानों को मंडियों के चंगुल से मुक्त किया जाए, समाजवादी पार्टी और शिवसेना ने सदन में इसका समर्थन भी किया
  7. कांग्रेस पार्टी की सरकार के समय प्लानिंग कमिशन का प्रस्ताव आया था, आज जो हमने काम किया वही काम 8-9 साल पहले मनमोहन जी की सरकार कर रही थी।
  8. श्रीमान योगेंद्र यादव भी खड़े हैं, उनकी पार्टी का क्या वजूद है उसपर चर्चा नहीं करता, 3 साल हमारी सरकार के जब पूरे हुए तो उनका ट्वीट देखिए, मोदी सरकार ने एपीएमसी एक्ट से अपना पीछा छुड़वा रही है और कह रही है कि यह राज्यों का विषय है। केजरीवाल जी ने 23 नवंबर 2020 को नोटिफाई कर दिया, इधर विरोध कर रहे हैं उधर नोटिफाई कर रहे हैं।

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