Thursday, April 18, 2024
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पाकिस्तान से 5 साल पहले भारत लौटी गीता अपने परिवार से मिली, मां से हुई मुलाकात

पांच साल पहले पाकिस्तान (Pakistan) से भारत आने वाली मूक-बधिर लड़की गीता (Geeta) का अपने परिवार से मिलने का लंबा इंतजार अब खत्म हो गया है। वह अपने परिवार को खोज रही थीं और अब पांच साल बाद वह अपने परिवार को ढूंढ पाने में कामयाब हो गई हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 10, 2021 19:42 IST
Sushma Swaraj with Geeta on October 26, 2015.- India TV Hindi
Image Source : PTI Sushma Swaraj with Geeta on October 26, 2015.

नई दिल्ली: पांच साल पहले पाकिस्तान (Pakistan) से भारत आने वाली मूक-बधिर लड़की गीता (Geeta) का अपने परिवार से मिलने का लंबा इंतजार अब खत्म हो गया है। वह अपने परिवार को खोज रही थीं और अब पांच साल बाद वह अपने परिवार को ढूंढ पाने में कामयाब हो गई हैं। वह अपनी मां से मिली हैं। गीता की मां महाराष्ट्र के नायगाव गांव में रहती हैं। गीता को पता चला है कि उनका पूरा नाम राधा वाघमारे है। कुछ साल पहले उनके पिता सुधाकर की मौत होने के बाद उनकी मां मीना ने दूसरी शादी कर ली।

अपनी मां के मिलने की जानकारी गीता ने बिलकिस ईधी को दी है। पाकिस्तान में होने के दौरान ईधी फाउंडेशन गीता की देखभाल कर रहा था। वहां बिलकिस ईधी उनके काफी करीब थी। बिलकिस ईधी के मुताबिक, गीता का असली नाम राधा वाघमारे है। वह बीते एक हफ्ते से उनके संपर्क में हैं। गीता ने ही उन्हें ये खुशखबरी दी है। इतनी लंबे वक्त और संघर्ष के बाद गीता अपने परिवार से मिली हैं, यह उनके लिए बड़ा आनंद का पल है। 

गीता का परिवार आर्थिक तौर पर कमजोर है, वह मिट्टी के बर्तन बेचने का काम करता है। फिलहाल, गीता की उम्र 27 साल के करीब है और वह विशेष शिक्षा ले रही हैं। वह कक्षा आठ में हैं। वह पढ़ाई पूरी होने के बाद नौकरी करना चाहती हैं। ईधी ने पाकिस्तानी वेबसाइट को बताया है, ‘वह किसी अन्य देश में रहती हैं, लेकिन वह अब भी बेटी ही हैं। वह मुझसे दूर जरूर हैं लेकिन फिर भी अपनी खुशी और दुख साझा करती हैं। मैं उनके साथ खड़ी रहूंगी, वह अपने लिए चाहे जो भी फैसला लें।’

जानकारी के अनुसार, गीता जब भारत पाकिस्तान की सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स को मिली थीं, तब वह महज 10 से 11 साल की थीं। साल 2015 में जब सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान रिलीज हुई, तब वह चर्चाओं में आईं थी। गीता सुन और बोल नहीं सकती हैं। बिलकिस ईधी ने सबसे पहले उनका नाम फातिमा रखा था। तब गीता खुद को ‘गुड्डी’ बताया करती थीं। फिर उनका नाम फातिमा रखा गया था लेकिन बाद में उन्हें गीता कहा जाने लगा।

करीब पांच साल पहले ईधी ने पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन को बताया था, ‘बच्ची के तौर तरीकों को देखा गया, वह पैर छुआ करती थी। उससे हमें अहसास हुआ कि वह हिंदू है। तो मैंने उसका नाम बदलकर गीता रख दिया।’ जानकारी के अनुसार, ईधी गीता को एमए जिन्नाह रोड स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर ले जाया करती थीं। लेकिन लोग उनपर ज्यादा ध्यान देने लगे तो उन्होंने गीता से हिंदू-देवी देवताओं की तस्वीरें खरीदने और घर पर ही प्रार्थन करने को कहा था।

गीता को भारत लाने के लिए दिवंगत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इंतजाम किया था। उन्हीं की कोशिशों ने वह भारत आई थीं लेकिन भारत लौटने के बाद भी वह अपने परिवार से नहीं मिल पा रही थीं। लेकिन, अब उनकी यह लंबी खोज पूरी हो गई है।

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