नई दिल्ली. भारतीय सेना के अध्यक्ष जनरल मनोज मुकंद नरवणे 4 नवंबर को नेपाल की तीन दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। इस तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, काठमांडू में एक समारोह में नेपाली राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा जनरल नरवणे को 'जनरल ऑफ द नेपाल आर्मी' की मानद रैंक से सम्मानित किया जाएगा। दोनों देशों की सेनाओं के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाने वाली यह परंपरा 1950 में शुरू हुई थी। इस परंपरा के तहत भारत भी नेपाली सेना के प्रमुख को भारतीय सेना के जनरल का मानद रैंक प्रदान करता है।
इससे पहले भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) प्रमुख सामंत कुमार गोयल ने हाल ही में नेपाल की यात्रा की है। सामंत कुमार गोयल ने अपनी यात्रा के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से शिष्टाचार भेंट की और उन्होंने कहा कि भारत नेपाल के साथ मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में बाधा नहीं आने देगा और बातचीत के माध्यम से सभी लंबित मुद्दों को हल किया जायेगा।
आपको बता दें कि भारत और नेपाल के बीच कुछ समय पहले तब तनाव उत्पन्न हो गया था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गत आठ मई को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़ने वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने सड़क के उद्घाटन का विरोध करते हुए इस क्षेत्र पर अपना दावा किया था। इसके कुछ दिन बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी कर लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र के रूप में दर्शाया था। विवाद के बीच जनरल नरवणे ने चीन की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि इस बात को मानने के कारण हैं कि नेपाल ने ‘‘किसी और के इशारे पर’’ सड़क के उद्घाटन का विरोध किया है। इसपर नेपाल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।