Thursday, May 02, 2024
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क्या है कुंभ मेले का इतिहास, आखिर क्यों आता है 12 साल बाद'

नई दिल्ली: कुंभ मेले का इतिहास कम से कम 850 साल पुराना है। इस मेले के आयोजन को लेकर दो-तीन पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं जिनमें से सर्वाधिक मान्य कथा के अनुसार कुंभ की शुरुआत समुद्र

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: July 14, 2015 13:58 IST

एक राशि लगभग एक वर्ष रहता है। इस तरह बारह राशि में भ्रमण करते हुए उसे 12 वर्ष का समय लगता है। इसलिए हर बारह साल बाद फिर उसी स्थान पर कुंभ का आयोजन होता है।

लेकिन कुंभ के लिए निर्धारित चार स्थानों में अलग-अलग स्थान पर हर तीसरे वर्ष कुंभ का अयोजन होता है। कुंभ के लिए निर्धारित चारों स्थानों में प्रयाग के कुंभ का विशेष महत्व है। हर 144 वर्ष बाद यहां महाकुंभ का आयोजन होता है।

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