Saturday, April 27, 2024
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ISI की 'कठपुतली' मसरत आलम को हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े ने चुना अध्यक्ष

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने मंगलवार को मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को संगठन के नेतृत्व से बड़ी उम्मीदें हैं।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: September 08, 2021 9:15 IST
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Image Source : HTTPS://TWITTER.COM/KASHUR_KOOR ISI की 'कठपुतली' मसरत आलम को हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े ने चुना अध्यक्ष

श्रीनगर. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने सैयद अली शाह गिलानी का पिछले हफ्ते निधन होने के बाद जेल में बंद नेता मसरत आलम भट को अपना अध्यक्ष चुन लिया है। कश्मीर में वर्ष 2010 में विरोध-प्रदर्शन के दौरान 'पोस्टर ब्वॉय' के रूप में पहचाने जाने वाला मसरत आतंकी संगठनों को वित्त पोषण करने के आरोप में जेल में बंद है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने मंगलवार को मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को संगठन के नेतृत्व से बड़ी उम्मीदें हैं।

बयान के मुताबिक, शब्बीर अहमद शाह और गुलाम अहमद गुलजार हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के उपाध्यक्ष चुने गए। संगठन ने कहा कि ये नियुक्तियां हुर्रियत के संविधान के अनुसार चुनाव होने तक अस्थायी हैं। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अक्टूबर 2019 में मसरत के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था और वह वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है।

एनआईए ने अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने, घाटी में अशांति फैलाने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के लिए कथित रूप से धन जुटाने और प्राप्त करने के लिए जमात-उद-दावा, दुख्तरान-ए-मिल्लत, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन के अलावा जम्मू-कश्मीर के अन्य अलगाववादी समूहों और नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

गिलानी को हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े का आजीवन अध्यक्ष चुना गया था, लेकिन उन्होंने पिछले साल पद छोड़ दिया था और इससे अलग हो गए थे। वह स्पष्ट रूप से पाकिस्तान समर्थक थे और उन्होंने तीन दशक से अधिक समय तक जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन का नेतृत्व किया।

मसरत वर्ष 2010 में घाटी में विरोध का नेतृत्व करने वाले के रूप में उभरा था। चार महीने की तलाशी के बाद उसे श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उसके बारे में जानकारी देने के लिए 10 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा की गई थी। 50 वर्षीय विज्ञान स्नातक को व्यापक रूप से गिलानी के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था।

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