Tuesday, April 23, 2024
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पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 3 अक्तूबर तक बढ़ी, विशेष सीबीआई कोर्ट का फैसला

वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल में 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी धन प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी देने में अनियमितता का आरोप लगाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 15 मई 2017 को उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 19, 2019 21:48 IST
P Chidambaram - India TV Hindi
P Chidambaram 

नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम अब तीन अक्टूबर तक जेल में रहेंगे। दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ा दी है और कहा कि जांच अब भी चल रही है। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने कहा कि परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और चिदंबरम पहले ही दिल्ली उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल कर चुके हैं।

अदालत ने कहा, ‘‘इस अदालत ने पुलिस हिरासत और फिर न्यायिक हिरासत के आधार पर विचार किया और उसके अनुसार रिमांड दे दी। अभी तक हालात में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह ऐसा मामला नहीं है जहां आरोपी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। जांच अब भी चल रही है। आरोपी पहले ही दिल्ली उच्च न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन कर चुके हैं। इसलिए इस अदालत की समझ के अनुसार आरोपी की न्यायिक हिरासत बढ़ानी होगी। उसी अनुसार न्यायिक हिरासत तीन अक्टूबर तक बढ़ाई जाती है।’’

तिहाड़ जेल में बंद चिदंबरम को बृहस्पतिवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया गया था। सीबीआई ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग की थी। अदालत ने चिदंबरम की मेडिकल जांच की भी अनुमति दे दी। उनके वकीलों ने अदालत से कहा था कि वह कई बीमारियों से जूझ रहे हैं।

अदालत ने कहा, ‘‘निर्देश दिया जाता है कि आरोपी द्वारा आज पेश किये गये मेडिकल दस्तावेज तिहाड़ अधीक्षक को भेजे जाएं। वह सुनिश्चित करेंगे कि आरोपी की बीमारियों के लिए जेल अस्पताल में उनकी जांच हो और यदि जरूरत पड़े तो एम्स,सफदरजंग या राम मनोहर लोहिया अस्पताल जैसे संस्थान में उनकी जांच कराई जा सकती है।’’

अदालत ने जेल अधीक्षक को चिदंबरम के कुर्सी और तकिया मुहैया कराने के अनुरोध पर भी विचार करने का निर्देश दिया। उनकी कमर दर्द की शिकायत को देखते हुए यह निर्देश दिया गया।

सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की और कहा कि चिदंबरम को जिस दिन पहली बार जेल भेजा गया था, तब से परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। चिदंबरम की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाने के सीबीआई के अनुरोध का विरोध किया।

सिब्बल ने चिदंबरम की ओर से अदालत से अनुरोध किया कि उनके मुवक्किल को न्यायिक हिरासत के दौरान तिहाड़ जेल में रहते हुए समय-समय पर मेडिकल जांच तथा पर्याप्त मात्रा में पूरक आहार मुहैया कराए जाए। उन्होंने कहा कि 73 वर्षीय चिदंबरम को कई बीमारियां हैं और हिरासत में रहते हुए उनका वजन भी कम हुआ है।

कांग्रेस नेता पांच सितंबर से न्यायिक हिरासत में हैं। चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को उनकी कोठरी के बाहर हॉल में बैठने के लिए कुर्सी मिली थी जिसे ले लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘वह केवल बिस्तर पर बैठ सकते हैं। उन्हें तकिया नहीं दिया गया है।’’ सिब्बल ने कहा कि उन्हें एम्स में जांच कराने की अनुमति दी जाए। मेहता ने कहा, ‘‘किसी भी कैदी की सेहत की चिंता होनी चाहिए। कानून में जो भी स्वीकार्य हो, जेल अधिकारियों को वह करना चाहिए।’’

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