Friday, March 29, 2024
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डेरा समर्थकों के उत्पात के बाद सीएम खट्टर से खफा हैं पंचकूला निवासी

हरियाणा के पंचकूला शहर पड़ोसी चंडीगढ़ का शांतिपूर्ण विकल्प माना जाता है, लेकिन शुक्रवार को हजारों डेरा समर्थकों ने यहां जबदस्त उत्पात मचाया, जिसमें कई की मौत हो गई, 200 से अधिक घायल हो गए तथा करोड़ों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 26, 2017 22:28 IST
voilence- India TV Hindi
Image Source : PTI voilence

पंचकूला (हरियाणा)| हरियाणा के पंचकूला शहर पड़ोसी चंडीगढ़ का शांतिपूर्ण विकल्प माना जाता है, लेकिन शुक्रवार को हजारों डेरा समर्थकों ने यहां जबदस्त उत्पात मचाया, जिसमें कई की मौत हो गई, 200 से अधिक घायल हो गए तथा करोड़ों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। पंचकूला में रात में हुई हिंसा के बाद शनिवार सुबह सारे प्रतिष्ठान बंद रहे, सड़कों पर जले हुए वाहन नजर आ रहे थे। डेरा प्रमुख को साल 2002 में दो महिलाओं के साथ दुष्कर्म के आरोप में शुक्रवार को दोष सिद्ध पाया गया, जिसके बाद डेरा समर्थकों द्वारा की गई हिंसा और उत्पात में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई, जिसमें से 29 की मौत पंचकूला में हुई। 

पंचकूला के सेक्टर चार की रहने वाली गृहिणी मोनिका ने बताया, "जो हुआ वह बेदद चौंकाने वाला था। पंचकूला एक शांत शहर है। (खट्टर) सरकार कैसे अपराधियों को एक अपराधी के प्रति भक्ति के नाम पर हमारे घरों में घुस कर हिंसा करने की अनुमति दे सकती है।" उन्होंने कहा, "राजनीतिक नेतृत्व, अधिकारी और पुलिस इस गंदगी की जिम्मेदार है।" स्थानीय निवासियों ने बताया कि खट्टर, जो पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक विचारक थे, वे 2014 के अक्टूबर में राजनीतिक अनुभव नहीं होने के बावजूद मुख्यमंत्री बन गए। वे हजारों हिंसक डेरा अनुयायियों पर कार्रवाई करने में नाकाम रहे जिन्होंने शहर में तबाही मचाई। 

प्रशासन द्वारा पंचकूला में लगाए गए कर्फ्यू के कारण शुक्रवार की रात से चंडीगढ़ की ओर जानेवाली व्यस्त मुख्य सड़क सहित सभी सड़कों को सुरक्षाकर्मियों द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया। पंचकूला में सेना के कर्मियों, हजारों अर्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की तैनाती की गई है। शुक्रवार की हिंसा के दौरान स्थिति इतनी अस्थिर थी कि पंचकूला के उपायुक्त गौरी परासर जोशी को भीड़ से अपनी जान बचाने के लिए नुकीले लोहों की दीवारों को कूद कर पार करना पड़ा।

हरियाणा पुलिस को उत्तेजित डेरा अनुयायियों के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति में तैनात किया गया था। लेकिन पुलिस कर्मियों ने लगभग अपने कर्तव्य को लगभग त्याग दिया और जब भीड़ ने पत्थरों और लाठियों से हमला किया, तो वे खुद अपनी जान बचाने के लिए भाग गए। भीड़ ने निजी और सरकारी कारों सहित कई वाहनों को आग लगा दिया। पुलिस और फायर ब्रिगेड वाहनों को भी जला दिया गया। हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बी.एस. संधू ने कहा कि सभी डेरा अनुयायियों को बाहर कर दिया गया है और अब पंचकूला 'बिल्कुल सुरक्षित' है।

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