Thursday, April 25, 2024
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7 रोहिंग्या को म्यांमार भेजने के केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

असम में अवैध तरीके से रह रहे सात रोहिंग्या को म्यांमार वापस भेजने के केन्द्र के फैसले को चुनौती देते हुए नई याचिका दायर की गई है। इन लोगों को गुरुवार को म्यांमार वापस भेजा जाना है।

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Updated on: October 03, 2018 22:33 IST
Representational pic- India TV Hindi
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नई दिल्ली: केन्द्र सरकार को सात रोहिंग्या लोगों को म्यांमार वापस भेजने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक नई याचिका दायर की गई। सातों रोहिंग्या लोग असम के सिलचर स्थित हिरासत केन्द्र में बंद हैं। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह आवेदन पर विचार करने के बाद ही इस मामले की तुरंत सुनवाई पर फैसला देगी।

गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश ने अपने कामकाज के पहले दिन बुधवार को वकीलों के समक्ष स्पष्ट किया कि वह ऐसे मामलों में मानदंड तय होने तक उनके तुरंत सुनवाई की अनुमति नहीं देगी। पीठ में न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ भी शामिल हैं। अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पीठ को बताया कि इन रोहिंग्या लोगों को स्वदेश वापस भेजा जा रहा है अत: इस मामले की तुरंत सुनवाई जरूरी है।

पीठ ने कहा, तुरंत सुनवाई के लिए किसी मामले का उल्लेख नहीं। हम मानदंड तय करेंगे फिर देखेंगे कि मामलों का उल्लेख किस प्रकार होगा। पीठ ने कहा कि मौत की सजा की तामिल और बेदखली के मामलों की ही तुरंत सुनवाई हो सकती है।

शुरूआत में पीठ ने भूषण से कहा कि वह याचिका दायर करें। भूषण के इस जवाब पर कि अर्जी दी जा चुकी है, पीठ ने कहा कि ‘‘हम इसपर विचार करेंगे और फिर फैसला लेंगे।’’असम में अवैध तरीके से रह रहे सात रोहिंग्या को म्यांमार वापस भेजने के केन्द्र के फैसले को चुनौती देते हुए नई याचिका दायर की गई है। इन लोगों को गुरुवार को म्यांमार वापस भेजा जाना है।

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