Thursday, March 28, 2024
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Rajat Sharma's Blog: वायु सेना को राफेल विमान दिलाने का सारा श्रेय पीएम मोदी को जाता है

फ्रांस, कतर और मिस्र के बाद भारत चौथा देश है जिसकी वायुसेना के पास राफेल लड़ाकू विमान है। 

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: October 10, 2019 10:23 IST
Rajat Sharma Blog, Rafale aircraft, PM Modi - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: All credit for acquiring Rafale aircraft goes to PM Modi 

भारत ने मंगलवार को फ्रांस से चौथी पीढ़ी का पहला अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट विमान प्राप्त कर लिया । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हैंडओवर की प्रक्रिया के बाद इस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। भारत को जो 36 राफेल विमान मिलेंगे, जिनमे यह पहला है। ये 36 विमान अगले पांच साल के अन्दर भारत को सौंपे जाएंगे। 

 
फ्रांस, कतर और मिस्र के बाद भारत चौथा देश है जिसकी वायुसेना के पास राफेल लड़ाकू विमान है। भारतीय वायुसेना के नए प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस भदौरिया ने कहा, भारतीय वायुसेना के लिए राफेल निश्चित तौर पर 'गेम चेंजर' साबित होगा। इस विमान की ताकत है, इसका अत्याधुनिक रेडार तथा मिटियोर, स्कैल्प और मिका जैसी मारक मिसाइलें। 
 
स्कैल्प मिसाइल 300 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखती है। यह हवा से जमीन पर मार करनेवाली मिसाइल है । इस मिसाइल से किसी भी एयरबेस, रेडार ठिकानों, संचार केन्द्र और पोर्ट सुविधाओं जैसे स्थानों को निशाना बनाया जा सकता है । मीका इंटरसेप्टर  मिसाइल दृश्य सीमा से परे रेडार को भी चकमा दे सकती है जबकि मिटियोर मिसाइल दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने की ताकत रखती है ।
 
राजनाथ सिंह की तारीफ करनी चाहिए कि उन्होंने बड़ी हिम्मत के साथ राफेल जैसे लड़ाकू विमान में बैठ कर उड़ान भरी। 68 साल की उम्र में राजनाथ सिंह कितने फिट और मानसिक तौर पर कितने मजबूत हैं, इसका भी एहसास उन्होंने करा दिया। इस विमान में राजनाथ सिंह एक यात्री की हैसियत से नहीं बल्कि को-पायलट के तौर पर बैठे थे। जिस निराले अंदाज से राजनाथ सिंह ने  'थम्स अप' का निशान दिखा कर लोगों का अभिवादन किया और लैंडिग के बाद जी सूट पहनकर बगल में हैलमेट दबाए लोगों के सामने आए, वह छवि काफी दिनों तक लोगों की यादों में ताजा रहेगी।
 
भारतीय वायुसेना इस चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान की मांग पिछले 20 साल से कर रही है। पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के वक्त इसे खरीदने की प्रक्रिया के तहत बातचीत शुरू हुई, लेकिन 2004 में सरकार बदल गई। डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार आई और फिर दस साल तक मामला लटक गया। 2014 में जब नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी तो मोदी ने वायुसेना की जरूरतों को समझकर तुरंत इसे खरीदने की प्रक्रिया को शुरू करने का फैसला किया। पीएम मोदी खुद पेरिस गए और 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को हरी झंडी दे दी। 
 
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव के समय राफेल सौदे को बड़ा मुद्दा बनाया लेकिन नरेंद्र मोदी ने विपक्ष की सारी कोशिशें नाकाम कर दीं। भारतीय वायुसेना को राफेल  विमान दिलाने के अपने संकल्प पर वे दृढ़ रहे। नरेन्द्र मोदी ने बार-बार कहा कि अटकाने, लटकाने और भटकाने का वक्त गया और जो देश की सुरक्षा के लिए जो भी करना जरूरी होगा, वो सब करेंगे। मोदी की जिद का ही नतीजा है कि राफेल विमान अब भारतीय वायु सेना में शामिल होने जा रहा है। इसका सारा श्रेय वस्तुत: नरेन्द्र मोदी को ही मिलना चाहिए। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 08 अक्टूबर 2019 का पूरा एपिसोड

 

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