नई दिल्ली: कॉल ड्रॉप के मुद्दे पर टेलीकॉम ऑपरेटरों को सख्त चेतावनी देते हुए दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार कहा कि 'टॉवरों को ढूंढना' उनका काम नहीं है। उन्होंने कंपनियों से कहा कि वे अपने नेटवर्क में सुधार करें या फिर गंभीर कार्रवाई का सामना करें। प्रसाद ने एक न्यूज़ चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'दूरसंचार कंपनियों को नेटवर्क में सुधार करना चाहिए। मेरा काम टॉवर ढूंढना नहीं है..यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो परिणाम गंभीर होंगे।' बता दें कि टेलीकॉम ऑपरेटर कॉल ड्रॉप का ठीकरा मोबाइल टॉवरों की कमी पर फोड़ते रहते हैं।
इस समस्या से निपटने के लिए दूरसंचार क्षेत्र की नियामक एजेंसी TRAI ने एक मुआवजा नीति पेश की है, जिसके तहत दूरसंचार कंपनियों को एक जनवरी से प्रति कॉल ड्रॉप पर एक रुपये की दर से भुगतान करना होगा। इसमें प्रति ऐसे तीन कॉलों की सीमा होगी।
केंद्रीय मंत्री ने बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा, 'दूरसंचार कंपनियां वॉयस कॉलों की कीमत पर डेटा पर ध्यान नहीं दे सकतीं।' प्रसाद ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता एमटीएनएल का निजीकरण नहीं, बल्कि उसके स्वास्थ्य में सुधार करना है।
डिजिटल वित्तीय समावेशीकरण में डाकघरों की 'बड़ी भूमिका' स्वीकार करते हुए प्रसाद ने कहा कि उन्हें ई-कॉमर्स क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह 'कॉल ड्रॉप मंत्री' के तौर पर कुख्यात नहीं होना चाहते। प्रसाद ने पहले कहा था कि ऑपरेटरों को सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए अपने नेटवर्क को दुरुस्त करना चाहिए।