Thursday, May 02, 2024
Advertisement

गौरी लंकेश को हजारों नम आंखों ने दी अंतिम विदाई, पूरे देश में हत्या की निंदा

प्रसिद्ध कन्नड़ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश को हजारों लोगों ने अश्रुपूरित अंतिम विदाई दी। गौरी लंकेश का पूरे राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 06, 2017 22:26 IST
Gauri Lankesh- India TV Hindi
Image Source : PTI Gauri Lankesh

बेंगलुरू: प्रसिद्ध कन्नड़ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश को हजारों लोगों ने अश्रुपूरित अंतिम विदाई दी। गौरी लंकेश का पूरे राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। लंकेश की मंगलवार रात तीन अज्ञात हमलावरों ने गोलीमार कर हत्या कर दी थी। लंकेश की हत्या को लेकर पूरे देश में निंदा व प्रदर्शन किया गया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि हत्या की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा, "पत्रकार की हत्या की जांच के लिए महानिरीक्षक स्तर के एक अधिकारी की अगुवाई में एक एसआईटी गठित की गई है।"कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि परिवार के सदस्य सीबीआई जांच पर जोर देंगे तो राज्य सरकार इस पर सोच सकती है। निवास के पास से पुलिस ने सीसीटीवी फूटेज बरामद कर लिए हैं।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कर्नाटक सरकार से वरिष्ठ पत्रकार की हत्या पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद व अन्य जगहों पर मीडिया बिरादरी व सामाजिक कार्यकर्ता पूरे देश में जमा हुए और पत्रकार की हत्या की निंदा की।लंकेश के परिवार ने कहा कि लंकेश (55) को चामराजपेट के एक कब्रिस्तान में दफनाया गया। उनकी आंखें किसी जरूरमंत के लिए दान कर दी गईं। गौरी लंकेश लिंगायत समुदाय से आती हैं, जिसमें मृतक का दाह संस्कार नहीं किया जाता। गौरी लंकेश के भाई इंद्रजीत लंकेश ने पहले मीडिया से कहा था कि परिवार अंतिम संस्कार में किसी भी तरह के धार्मिक कर्मकांड का पालन नहीं करेगा। उन्होंने कहा था, "वह एक तर्कवादी थीं और हम उसके विचारों के खिलाफ नहीं जाना चाहते हैं।"

गौरी लंकेश पर मंगलवार को तीन अज्ञात हमलावरों ने सात गोलियां दागी थीं और उनकी मौत हो गई थी। लंकेश अपने कार्यालय से घर लौटी थीं। लंकेश के सीने में दो गोलियां और एक गोली माथे पर लगी थी। बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त टी. सुनील कुमार ने संवाददाताओं से मंगलवार को कहा, "लंकेश को राजराजेश्वरी नगर के उनके घर पर रात करीब आठ बजे नजदीक से गोली मारी गई।" चार गोलियां घर की दीवार पर लगी थीं।

सिद्धारमैया ने कहा, "इसी तरह का हथियार एम.एम.कलबुर्गी, गोविंद पानसरे व नरेंद्र दाभोलकर की हत्या में इस्तेमाल किए गए, लेकिन हम अभी किसी चीज को जोड़ नहीं सकते।" इससे पहले दिन में पुलिस उपयुक्त (पश्चिम) एम.एन. अनुचेथ ने कहा कि तीन विशेष दल मामले को सुलझाने के लिए बनाए गए हैं। वे मामले में संदिग्ध हमलावरों की तलाश में जुटे हैं। हम लोगों की गतिविधियों पर नजर रखें हैं और चौकियों व अंतर्राज्यीय सीमा पर वाहनों की जांच हो रही है। उन्होंने कहा, "हमने साथ ही अपने समकक्षों को पड़ोसी आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र व तमिलनाडु में सर्तक कर दिया है।"

कन्नड़ के लोकप्रिय अखबार 'गौरी लंकेश पत्रिके' की संपादक को देश भर में श्रद्धांजलि दी गई। लोग यहां मौन विरोध प्रदर्शन करने के लिए टाउन हॉल में एकत्रित हुए और उन्होंने तख्तियां पकड़ रखी थी। एक तख्ती पर लिखा था, "आप किसी शख्स की हत्या कर सकते हैं, उसके विचारों की नहीं।" विक्टोरिया अस्पताल परिसर में भी पत्रकारों ने मौन विरोध प्रदर्शन किया, जहां उनका (गौरी लंकेश) पोस्टमॉटर्म हुआ है। बेंगलुरू प्रेस क्लब में भी पत्रकारों ने जमा होकर प्रदर्शन किया। उन्होंने 'मैं गौरी हूं' की तख्तियां हाथ में ले रखी थी, जिसका अर्थ था कि उन पर भी हमला हो सकता है।

राज्यभर में मंगलुरू, कलबुर्गी, धारवाड़, कोप्पल आदि क्षेत्रों में नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। हत्या के विरोध में मैसूर में पत्रकारों ने अपने कंधों पर काले फीते बांधे और उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। कन्नड़ फिल्म अभिनेता, लेखक, कार्यकर्ता, राज्य के नेता, आम लोग व लंकेश के दोस्त व परिवार के लोग रविंद्र कलाक्षेत्र में जमा हुए और प्रसिद्ध कन्नड़ पत्रकार को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस हत्या ने देश के राजनीतिक दलों को एक दूसरे को दोषी ठहराने का मौका दे दिया।

वामपंथी विचार व हिंदुत्व की कड़ी आलोचक लंकेश को भाजपा विधायक प्रहलाद जोशी द्वारा दायर मानहानि के मामले में नवंबर 2016 में दोषी ठहराया गया था। लंकेश जमानत पर थीं। लंकेश जाने-माने कन्नड़ पत्रकार पी. लंकेश की बेटी थीं। उन्होंने 'गौरी लंकेश पत्रिके' का प्रकाशन शुरू किया। उनके भाई इंद्रजीत व बहन कविता कन्नड़ फिल्म उद्योग में फिल्म निर्माता हैं। लंकेश की जिस तरीके से गोली मार कर हत्या की गई, उसी तरह से कन्नड़ के प्रगतिशील विचारक व शोधकर्ता एम.एम.कलबुर्गी की अगस्त 2015 में उनके निवास धारवाड़ में हत्या की गई थी। धारवाड़ राज्य के उत्तरपश्चिम भाग में है। यह बेंगलुरू से 400 किमी दूर है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement