नई दिल्ली: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने आज कहा कि चुनाव आयोग पर आरोप लगाना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जाएगा। उन्होंने केजरीवाल के इस बयान को लापरवाही भरा बताया जिसमें उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पिछले 70 वर्षों में भ्रष्टाचार रोकने में सक्षम नहीं हो सका है। कुरैशी ने हालांकि कहा कि आप प्रमुख को शायद रिश्वत पर अपनी दलीलों को सावधानीपूर्वक व्यक्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वह कुछ हद तक सही हो सकते हैं।
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कुरैशी ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ये टिप्पणियां लापरवाही भरी हैं...कुछ हद तक वह सही हैं और इसलिए हम इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। रिश्वतखोरी पर शायद उन्हें अपनी बात सावधानीपूर्वक रखने की आवश्यकता है। लेकिन चुनाव आयोग पर लांछन लगाना शायद ऐसा है जो उनके खिलाफ जा रहा है।
केजरीवाल की उस टिप्पणी की हाल में चुनाव आयोग ने निंदा की थी जिसमें उन्होंने गोवा में मतदाताओं से प्रतिद्वंद्वी पार्टियों से पैसा लेकर आप के पक्ष में मतदान करने को कहा था। आम आदमी पार्टी के प्रमुख ने कल चुनाव आयोग से कहा था कि उनके बयान का लक्ष्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना था और चुनाव आयोग से अपने आदेश की समीक्षा करने को कहा था ताकि वह अपनी टिप्पणियों को दोहरा सकें।
केजरीवाल ने आज एकबार फिर से चुनाव आयोग पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें इस तरह का बयान देने से रोककर चुनाव आयोग भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन दे रहा है। इस बीच, कुरैशी, जो जुलाई 2011 से जून 2012 तक मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर थे, उन्होंने भी राजनैतिक दलों के सार्वजनिक वित्तपोषण की वकालत की। उन्होंने कहा कि यह चुनावों के सरकारी वित्तपोषण से कहीं अधिक प्रभावी होगा।
उन्होंने कहा कि राजनैतिक दलों पर खर्च की कोई सीमा नहीं होने की वजह से उम्मीदवारों के व्यक्तिगत खर्च की सीमा तय करना महज मजाक है।