Thursday, April 25, 2024
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राफेल की अनदेखी तस्वीरें, अंबाला में लैंडिंग से लेकर उसके स्वागत तक की पूरी डिटेल

फ्रांस से 27 जुलाई की सुबह चले 5 सुपरसोनिक राफेल विमानों की अंबाला एयरबेस पर आज बुधवार दोपहर बाद 3.10 बजे हैप्पी लैंडिंग हुई।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 29, 2020 20:34 IST
फ्रांस से लगभग 8500...- India TV Hindi
Image Source : IAF फ्रांस से लगभग 8500 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद अंबाला एयर बेस पर लैंड करता राफेल विमान

नई दिल्ली। भारत का सबसे बड़ा योद्धा मल्टी रोल फाइटर जेट राफेल लड़ाकू विमान अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित पहुंच गए हैं। फ्रांस से 27 जुलाई की सुबह चले 5 सुपरसोनिक राफेल विमानों की अंबाला एयरबेस पर आज बुधवार दोपहर बाद 3.10 बजे हैप्‍पी लैंडिंग हुई। पांचों राफेल विमान को लाने वाली टीम की अगुवाई वायुसेना अधिकारी ग्रुप कैप्‍टन हरकीरत सिंह ने की। बता दें कि, 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह शौर्य चक्र विजेता हैं। 

Unseen pictures of Rafale aircraft at Ambala Airbase

Image Source : IAF
राफेल विमान की अंबाला में लैंडिंग के बाद पानी की कैनन से किया गया स्वागत

अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग के बाद पांचों राफेल विमानों को वाटर सैल्‍यूट देकर स्‍वागत किया गया। इस मौके पर वायुसेना अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया सहित वायुसेना के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे। लैंडिंग से पहले इन विमानों ने अंबाला एयरबेस की परिक्रमा की। 5 राफेल विमानों को फ्रांस से लाने वाले पायलटों से एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने मुलाकात की। एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पायलटों की सराहना की और राफेल फाइटर विमान को फ्रांस से भारत बिना किसी बाधा व रुकावट के लाने के लिए तारीफ की। 

Unseen pictures of Rafale aircraft at Ambala Airbase

Image Source : IAF
फ्रांस से लगभग 8500 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद अंबाला एयर बेस पर लैंड करता राफेल विमान

5 राफेल विमानों ने फ्रांस से भारत तक लगभग 8500 किलोमीटर की दूरी दो चरणों में तय की। उड़ान के पहले चरण ने साढ़े सात घंटे में 5800 किलोमीटर की दूरी तय की गई की और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल दाफरा एयरबेस पर रुके। फ्रांसीसी वायु सेना (FAF) टैंकर ने उड़ान के दौरान हवा में विमानों को ईंधन दिया। यात्रा के दूसरे चरण में 2700 किलोमीटर से अधिक की उड़ान भरने वाले राफेल विमानों में भारतीय वायुसेना के टैंकर द्वारा एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग की गई।

Rafale aircraft at Ambala Airbase

Image Source : IAF
अंबाला के एयरफोर्स एयरबेस पर एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के साथ पश्चिम एयर कमांड के चीफ कमांडिंग ऑफिसर एयर मार्शल बी सुरेश, अंबाला एयर फोर्स स्टेशन के एयर कमांडिंग ऑफिसर और राफेल विमान को फ्रांस से लाने वाली टीम के पायलट

ये एयरक्राफ्ट वायुसेना के 17 वीं स्कॉड्रन गोल्डन एरो का हिस्सा होंगे जिसका पुनर्गठन 10 सितबंर 2019 को किया गया था। इस स्कॉड्रन का गठन मूल रूप से अंबाला एयरफोर्स स्टोशन पर 01 अक्टूबर 1951 को हुआ था। वायुसेना की 17 वीं स्कॉड्रन के हिस्से में कई उपलब्धियां हैं, 1955 में जेट फाइटर विमान डी हैविलैंड वैम्पायर से लैस था । अगस्त 1957 में सबसे पहले यह स्क्वाड्रन स्वेप्ट विंग फाइटर के साथ हॉकर हंटर में परिवर्तित हुआ था।

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