Saturday, April 27, 2024
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इसका एक ग्राम टुकड़ा आपको बना सकता है लखपति, यह है दुनिया की सबसे महंगी लकड़ी

अगरवुड की लकड़ी चंदन की लकड़ी से कई गुना ज्यादा महंगी होती है। इस लकड़ी की कीमत चांदी, सोने और हीरे से भी ज्यादा है। यदि आपके पास मात्र एक ग्राम भी अगरवुड की लकड़ी है तो आप 7 लाख से ज्यादा रुपये के मालिक हो सकते हैं।

India TV News Desk Edited By: India TV News Desk
Published on: October 29, 2022 17:57 IST
Agarwood, Sandalwood, Oud Oil, Aquilaria, Farming- India TV Hindi
Image Source : FILE अगरवुड का एक ग्राम टुकड़ा आपको लखपति बना सकता है।

भारत में चंदन की लकड़ी का महत्व बहुत ज्यादा है। चंदन को सबसे शुद्ध लकड़ी माना जाता है। विभिन्न पूजा पाठ, धार्मिक कार्य और स्किन हेल्थ में चंदन काफी इस्तेमाल किया जाता है। कीमती होने के कारण ही दक्षिण भारत के राज्यों में इनकी चोरी होती रहती है। बहुत कम लोगों को पता है कि चंदन की लकड़ी से भी बहुत महंगी एक और लकड़ी है। नाम है अगरवुड! अगरवुड की लकड़ी अकीलारिया के पेड़ से प्राप्त की जाती है। अगरवुड दुनियाभर में एलोसवुड और ईगलवुड के नाम से भी मशहूर है। यह लकड़ी जापान, चीन, भारत और साउथ ईस्ट एशियन कंट्री में पाई जाती है।

देवताओं की लकड़ी के नाम से मशहूर

यह लकड़ी दुनिया के सबसे कीमती पदार्थों में से एक है। बाजार में इस लकड़ी की डिमांड दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। इसकी खासियत, कीमत और कम उपलब्धता के कारण इसे ‘देवताओं की लकड़ी’ भी कहा जाता है।

इसका तेल 25 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है
अगरवुड की लकड़ी से Oud तेल बनाया जाता है। इस तेल का उपयोग इत्र और परफ्यूम बनाने में होता है। यही कारण है कि इसका तेल बाजार में काफी महंगा मिलता है। एक किलोग्राम Oud तेल खरीदने के लिए आपको 25 लाख रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। इसके बावजूद Oud तेल मिलना मुश्किल है।

खूब हो रही अगरवुड की तस्करी
अगरवुड की खासियत ही इसके लिए आफत बन गई है। चीन, हांगकांग और जापान में अकीलारिया के पेड़ चोरी-छिपे अंधाधुंध तरीके से काटे गए। यही कारण है कि यह पेड़ इन देशों में अब बहुत कम दिखाई देते हैं। एशियन प्लांटेशन कैपिटल कंपनी ने अकीलारिया पेड़ की नस्ल को बचाने के लिए कई देशों में इसका प्लांटेशन भी किया है।

भारत में अगरवुड
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में अकीलारिया के पेड़ पाए जाते हैं। भारत में भी इस पेड़ की तस्करी खूब हुई है। असम के जंगलों में तो अब बहुत कम अकीलारिया देखे जा रहे हैं। फिलहाल भारत में मात्र 54 अकीलारिया के पेड़ मौजूद हैं। सरकार इनके संरक्षण के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

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