Highlights
- महंगाई की तुलना करते वक्त राहुल गांधी की जुबान फिसली
- आटे का भाव 40 रुपए लीटर बताया लेकिन बाद में सुधार किया
- रामलीला मैदान में कांग्रेस द्वार आयोजित हल्ला बोल रैली को कर रहे थे संबोधित
Cogress Halla Bol Rally: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रामलीला मैदान में महंगाई, बेरोजगारी और जीएसटी के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। वह यहां कांग्रेस द्वारा आयोजित हल्ला बोल रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान राहुल गांधी महंगाई पर बात करते हुए UPA के शासन काल में गैस, तेल, दूध आटा का भाव बताने लगे। बोलते-बोलते अचानक से उनकी जुबान फिसल गई और उन्होंने आटे का भाव 40 रुपए लीटर बता दिया। उनकी इस चूक पर ट्रोलर्स ने जमकर उनके मजे लिए और एक बार फिर से उन्हें मजाक का पात्र बना दिया। दरअसल, राहुल गांधी UPA सरकार और NDA सरकार के शासनकाल में महंगाई की तुलना कर रहे थे। उन्हेंने कहा कि मेरे पास महंगाई का आंकड़ा है। 2014 में एलपीजी सिलेंडर 410 का है, आज 1,050 रुपये का है, पेट्रोल 70 रुपये लीटर आज तकरीबन 100 रुपये लीटर, डीजल 70 रुपये लीटर और आज 90 रुपये लीटर। सरसों का तेल 90 रुपये लीटर आज 200 रुपये लीटर। दूध 35 रुपये लीटर आज 60 रुपये लीटर। आटा 22 रुपये लीटर आज 40 रुपये लीटर हो गया। हालांकि उन्होंने अपनी गलती सुधार ली।
राहुल गांधी ने जनता को दो देशों का ऑप्शन दिया
राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान में नफरत बढ़ती जा रही है। इससे लोग बंटते हैं, देश बंटता है और देश कमजोर होता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस देश को बांटते हैं और जानबूझकर देश में भय और नफरत फैलाते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि देश में दो उद्योगपति फायदा उठा रहे हैं। आज देश के भीतर दो देश हो गया है। एक गरीब मजदूर किसान और बेरोजगारों का और दूसरा इसी हिंदुस्तान में दस पंद्रह अरबतियों का। हमारी विचारधारा है देश सबका है। देश सिर्फ दो तीन उद्योगपतियों को नहीं गरीब किसान मजदूर का भी है।
जमकर ट्रोल हुए राहुल गांधी
राहुल गांधी ने भले ही अपनी गलती सुधार कर लीटर के जगह केजी बोला लेकिन अब तो तीर कमान से निकल चुका था फिर क्या था सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को एक बार फिर से राहुल गांधी की मौज लेने का मौका मिल गया। मौके को देखते हुए BJP भी कहां चुप रहने वाली थी। उसने भी बहती गंगा में अपना हाथ धो लिया। अब राहुल के इस बयान पर ट्रोलर्स सोशल मीडिया पर बहुत ही फनी कमेंट्स कर रहे हैं। कोई कह रहा कि "लगता है राहुल गांधी ने गरीबी में आटा गिला वाले मुहावरे को ज्यादा ही गंभीरता से ले लिया है"। तो कोई यह कह रहा कि "जब आटा लीटर के भाव बिकने लगे"। एक यूजर ने कहा "जब मैं पैदा नहीं हुआ था तब आटा पाइपलाइन से सप्लाई होता था और उस समय यह बहुत सस्ता हुआ करता था लेकिन जब से ये मोदी जी आए हैं तब से अपने दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए हर चीज़ का दाम बढ़ा दिया है। यह लोकतंत्र के साथ-साथ आटे की भी हत्या है।"