Saturday, April 27, 2024
Advertisement

D Company: आपका चोरी हुआ फोन अब दावूद इब्राहिम कर रहा है इस्तेमाल! आखिर कैसे पहुंच जाता है उसके पास

D Company: देश का शातिर क्रिमिनल और डॉन दाऊद इब्राहिम के सक्रिय होने की खबर फिर मीडिया में सुर्खियां बनी हुई है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मुंबई पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है

Ravi Prashant Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published on: September 09, 2022 13:49 IST
D Company- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV D Company

Highlights

  • इस ऑपरेशन को 'डी गैंग' ने मोड्स ऑपरेंडी नाम दिया था
  • IMEI नंबर बदल देने के बाद मोबाइल को ट्रेस करना काफी मुश्किल हो जाता है
  • तकरीबन 40 से 50 मोबाइल फोन में सेट कर दिया गया है

D Company: देश का शातिर क्रिमिनल और डॉन दाऊद इब्राहिम के सक्रिय होने की खबर फिर मीडिया में सुर्खियां बनी हुई है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मुंबई पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है जिसके बाद यह जानकारी मिली है कि डी कंपनी का एक बड़ा गिरोह मुंबई में उसके लिए काम कर रहा है। वैसे तो दाऊद इब्राहिम हमेशा किसी ना किसी कारण से खबर में आता ही रहता हैं लेकिन इस बार की खबर हैरान कर देने वाली है। आपको बता दें कि चोरी हुए फोन से जुड़ा एक मामला मुंबई से सामने आया है। 

डी गैंग का हुआ खुलासा 

आज से ठीक 1 महीना पहले मुंबई पुलिस ने एक सबसे बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया। इस गिरोह के लोग डी गैंग से जुड़े हैं। पुलिस ने छापेमारी के दौरान लगभग 480 मोबाइल फोन जब्त किए। यह सिंडिकेट मुंबई में बड़े पैमाने पर एक्टिव है जो दाऊद के लिए काम कर रहा है। मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि चोरी हुए फोन को नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान भेजे जाते हैं इसके बाद फोन की  IMEI नंबर बदल कर डी गैंग के लोग इसे अवैध कामों में इस्तेमाल करते हैं। हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि डी गैंग के लोग एक ही IMEI नंबर कम से कम 40 से 50 फोन में एक्टिव कर देते हैं। 

नबंर को ट्रेस करना काफी मुश्किल 
नंबर बदल देने के बाद मोबाइल को एक्सेस करना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अपराधी इन्हीं मोबाइल फोन के जरिए लोगों को धमकी देते हैं और कई गैरकानूनी कामों में प्रयोग भी करते हैं। हालांकि जांच एजेंसियों की नजर में कई बार इस तरह के फोन सामने आए हैं। वही हवाला, ड्रग्स और अफीम कारोबारियों को यह फोन भी मुहैया कराया जाता है। इस संबंध में मुंबई पुलिस के एसीपी ने बताया कि एक ही IMEI नंबर होने के कारण जब हम किसी मोबाइल का लोकेशन ट्रेस करते हैं तो 40 से 50 जगह लोकेशन हमें दिखता है। ऐसे में काफी मुश्किल हो जाता है कि एग्जैक्ट फोन कहां पर है। कुछ समय बाद पता चलता कि एक ही IMEI नंबर तकरीबन 40 से 50 मोबाइल फोन में सेट कर दिया गया है।

पड़ोसी देशों में भेजे जाते हैं फोन 
हाल के महीने में गृह मंत्रालय में मल्टी इंटेलिजेंस यूनिट की एक मीटिंग भी ऑर्गेनाइज की थी। इनमें एनआईए, आईबी, डीआरआई कस्टम मिलिट्री इंटेलिजेंस और स्टेट इंटेलिजेंस शामिल थे। इसके अलावा मुंबई पुलिस भी इस मीटिंग का हिस्सा बनी। इस दौरान चर्चा किया गया कि मुंबई पुलिस ने जो भी दस्तावेज और डाटा कलेक्ट किए हैं। इस पर एजेंसी जांच अपना जांच करेगी। एजेंसी प्रयास करेंगे कि जल्द से जल्द आतंक गतिविधि और गैरकानूनी धंधे में इस्तेमाल होने वाली फोनों पर रोक लगाया जाए।

मीटिंग में तय किया गया कि मुंबई पुलिस द्वारा जितने भी मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किए गए हैं, उनकी जांच की जाएगी। सभी फोन के एग्जैक्ट आई एम आई नंबर निकालने की कोशिश होगी। आपको बता दें कि इस तरह के सभी कामों को बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल में अंजाम दिया जाता है। जहां भारत के सिम प्रयोग में नहीं लाए जाते हैं। 

लैंडलाइन से भी करते थे ये काम 
आपको बता दें कि मोबाइल फोन जब देश में नहीं था तब भी 'डी गैंग' चोरी के कामों का अंजाम दिया करता था। इस ऑपरेशन को 'डी गैंग' ने मोड्स ऑपरेंडी नाम दिया था। उस समय डी गैंग के गुर्गे टेलिकॉम विभाग के किसी लाइनमैन को घूस देकर किसी भी आम आदमी के नंबर इस्तेमाल करने के लिए अवैध तरीका अपना लेते थे। जब पुलिस इन नंबरों की जांच करती तो आम इंसान पकड़े जाते थे जिनकी कोई गलती भी नहीं होती थी।  

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement