
राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में मेघालय पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किए गए दूसरे हथियार को बरामद कर लिया है। हत्या की जांच कर रही मेघालय पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) राजा रघुवंशी की पत्नी समेत हत्या के सभी आरोपियों को शिलांग से करीब 65 किमी दूर सोहरा लेकर आई और कड़ी सुरक्षा के बीच क्राइम सीन को रीक्रिएट किया। मंगलवार को क्राइम सीन को रीक्रिएट करने के दौरान शिलांग पुलिस ने आरोपियों से दूसरे हथियार के बारे में पूछताछ की। इस दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने हथियार कहां फेंका था। इसके बाद मेटल डिटेक्टर से लैस एसडीआरएफ की टीम और पुलिस मौके पर पहुंची और सफलतापूर्वक हथियार को बरामद कर लिया।
पुलिस अधीक्षक ने दी चौंकाने वाली जानकारी
एसपी ईस्ट खासी हिल्स विवेक सिम ने हथियार बरामदगी की पुष्टि की और बताया कि इस हथियार का इस्तेमाल भी हत्या में किया गया था। इसे अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वारदात में इस्तेमाल किए गए दोनों हथियार असम के गुवाहाटी के एक ही दुकान से खरीदे गए थे। बता दें कि पुलिस द्वारा सीन रीक्रिएट किए जाने के बाद राजा रघुवंशी हत्या के बारे में खौफनाक जानकारी सामने आई है। जिला पुलिस अधीक्षक विवेक सिम ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "तीन वार किए गए। पहला वार विशाल ने पीछे से किया जबकि सोनम उसके सामने थी। यह एक बड़ा वार था जिसमें आरोपी ने दोनों हाथों का इस्तेमाल किया। फिर आनंद ने दूसरा वार किया और आखिरी वार आकाश ने किया।" इस दौरान हत्यारों ने एसआईटी को यह भी बताया कि उन्होंने दो चाकूओं का भी इस्तेमाल किया था।
क्या है राजा रघुवंशी मर्डर केस?
गौरतलब है कि सोनम (25) और राजा (29) की शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी और वे हनीमून के लिए 20 मई को असम के गुवाहाटी होते हुए मेघालय पहुंचे थे। दोनों 23 मई को पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा में नोंग्रियाट गांव में एक होमस्टे से चेक आउट करने के कुछ घंटों बाद लापता हो गए थे। बाद में, राजा का शव 2 जून को वेइसावडोंग फॉल्स के पास एक घाटी में मिला था। सोनम की तलाश जारी रही। 9 जून को सोनम को मेघालय से लगभग 1200 किमी दूर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस ने सोनम के प्रेमी राज कुशवाहा और राजा की हत्या में शामिल अन्य तीन कॉन्ट्रैक्ट किलर्स को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि राजा रघुवंशी की हत्या के बाद सोनम असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रधेश होते हुए इंदौर पहुंची थी।
(इनपुट- ओंकार सरकार)
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