Friday, May 10, 2024
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Rajat Sharma’s Blog | सनातन विरोधी बयान : मोदी ने मंत्रियों से कहा, इसका उचित जवाब दें

विरोधी दलों के सारे नेता ये जानते हैं कि हिन्दुस्तान में रहकर हिन्दुत्व का विरोध करना आत्मघाती है, इसलिए इस पर कोई नहीं बोलेगा. लेकिन ये देश की 82 प्रतिशत आबादी यानि 110 करोड़ हिन्दुओं की भावनाओं का सवाल है, इसलिए इस पर खामोश रहने से काम नहीं चलेगा.

Rajat Sharma Written By: Rajat Sharma
Updated on: September 08, 2023 6:23 IST
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।- India TV Hindi
Image Source : इंडिया टीवी इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

सनातन धर्म के लेकर दिए जा रहे आपत्तिजनक बयानों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नाराज़गी ज़ाहिर की है.मोदी ने पार्टी के नेताओं और मंत्रियों से कहा है कि सनातन धर्म, वैदिक परंपराओं और विरासत का अपमान बर्दाश्त न किया जा सकता है, न किया जाना चाहिए. जो लोग सनातन धर्म के समूल नाश की बात कह रहे हैं, जो हिन्दुत्व की पैदाइश पूछ रहे हैं, उन्हें लोकतान्त्रिक तरीके से सख्त जवाब देना चाहिए. दो दिन पहले तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म का सर्वनाश जरूरी है, सनातन डेंगू, मलेरिया और कोरोना जैसी बीमारी है, जिससे लड़ने की नहीं, बल्कि इसे जड़ से खत्म करने की जरूरत है. फिर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने उदयनिधि का समर्थन किया, और बुधवार को कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री जी.परमेश्वर ने कहा कि जैन, बौद्ध, ईसाई और इस्लाम के बारे में तो ये पता है कि वो कहां पैदा हुए, कब पैदा हुए, लेकिन हिन्दू धर्म के बारे में कोई नहीं बता सकता है कि ये धर्म कब आया, कहां से आया, तो जिसकी पैदाइश का न पता हो, उसके बारे में क्या बात करना? सनातन पर हो रहे लगातार हमलों के बाद मोदी ने मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद नेताओं से कहा कि इस मुद्दे पर खामोश रहना ठीक नहीं है, इस तरह की बातें करने वालों को जवाब देना चाहिए. 

अब सवाल ये है कि कांग्रेस के नेता हों या डीएमके के नेता, क्या ये नहीं जानते कि भारत में सनातन के खिलाफ ज़हर उगलने का क्या मतलब है? क्या कांग्रेस के नेता नहीं समझते कि सनातन की पैदाइश पूछने वालों का जनता क्या हाल करेगी? लेकिन इसके बाद भी विरोधी दलों के गठबंधन के नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं. भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अब तो इसमें कोई शक नहीं कि विरोधी दल हिन्दुओं से, हिन्दुत्व से, सनातन से नफरत करते हैं, ये अब उजागर हो रहा है. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विरोधी दल समझ गए हैं कि अब देश का हिन्दू जाग रहा है और अगर हिन्दुओं को अपनी ताकत का अहसास हो गया तो आसुरी शक्तियों का अन्त निश्चित है. इसीलिए हिन्दू, हिन्दुत्व और सनातन पर हमले हो रहे हैं. वैसे तो उदयनिधि स्टालिन के बयान से विरोधी दलों के गठबंधन में शामिल ज्यादातर पार्टियों के नेताओं ने किनारा कर लिया था, उसका समर्थन नहीं किया था.प्रियांक खरगे के सुर भी बदल गए, इसलिए लग रहा था कि विपक्ष को गलती समझ आ गई है, अब ये विवाद खत्म हो जाएगा लेकिन बुधवार को जी. परमेश्वर ने फिर इस मुद्दे को हवा दे दी. उन्होंने जैन, बौद्ध, ईसाई और इस्लाम के शुरू होने की तारीख का हवाला देकर पूछ लिया कि सनातन कब पैदा हुआ? इसी चक्कर में ये मामला फिर चर्चा में आ गया.

केन्द्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि सनातन के बारे में जो लगातार बयानबाजी हो रही है, वो राजनीतिक साजिश है, हिन्दुत्व को खत्म करने की कोशिश है और ये कांग्रेस हाईकमान की सहमति से हो रहा है. इसीलिए इस तरह के बयानों पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने चुप्पी साध रखी है. राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि देश में नफरत पैदा करने की कोशिश संविधान के खिलाफ है, इसलिए जो लोग इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि मुगल आए, चले गए, अंग्रेज आए और चले गए, जब वो सनातन को खत्म नहीं कर पाए तो उदयनिधि स्टालिन और जी. परमेश्वर जैसे नेता सनातन धर्म को क्या खत्म करेंगे? उन्होंने कहा कि हैरानी इस बात की है कि ऐसे नफरत भरे बयान उन लोगों ने दिए हैं जिन्होंने संविधान की शपथ ली है, सभी धर्मों का बराबरी से सम्मान करने की शपथ ली है, ये अपराध है और इन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. हो सकता है सियासी बयानबाजी कुछ दिन में बंद हो जाए लेकिन ये मुद्दा खत्म नहीं होगा क्योंकि घाव गहरा है. विश्व हिन्दू परिषद इसे देशभर में ले जाएगी. VHP के कार्यकर्ता अब देशभर में अलग अलग जिलों में उदयनिधि स्टालिन, प्रियांक खरगे और जी. परमेश्वर के खिलाफ FIR दर्ज करवाएंगे. विश्व हिन्दू परिषद सनातन पर हो रहे हमलों का मुकाबला करने की रणनीति बनाने के लिए 2 से 6 नवंबर तक काशी में बैठक आयोजित करेगी जिसमें साधु, संत, शंकराचार्य, धर्माचार्य और देश के सभी जिलों से साधु-संतों को बुलाया जाएगा. काशी की बैठक में विश्व हिन्दू परिषद देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय करेगी. 

विरोधी दलों के सारे नेता ये जानते हैं कि हिन्दुस्तान में रहकर हिन्दुत्व का विरोध करना आत्मघाती है, इसलिए इस पर कोई नहीं बोलेगा. लेकिन ये देश की 82 प्रतिशत आबादी यानि 110 करोड़ हिन्दुओं की भावनाओं का सवाल है, इसलिए इस पर खामोश रहने से काम नहीं चलेगा. नरेन्द्र मोदी खुलकर हिन्दुत्व की बात करते हैं, सनातन परंपरा में विश्वास करते हैं, अपनी प्राचीन विरासत पर गर्व करते हैं. मोदी ने बार बार कहा है कि उनका एक ही मंत्र है, सबका साथ, सबका विकास, सबकी तरक्की, किसी का तुष्टिकरण नहीं. चूंकि मोदी की नीयत में खोट नहीं है, इसलिए वह अपनी बात खुलकर कहते हैं. लेकिन विरोधी दलों के साथ ऐसा नहीं है. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, JDU, आम आदमी पार्टी  - ये वक्त और मौके के हिसाब से चाल बदलते हैं. इसलिए इन पार्टियों के नेता न तो खुलकर सनातन का समर्थन कर सकते हैं, न खुलकर विरोध कर सकते हैं. जब चुनाव आता है तो हिन्दुत्व का चोला ओढ़ लेते हैं. जब जरूरत पड़ती है, सनातन परंपराओं की बात करने लगते हैं. अब मोदी इसको बेनकाब करेंगे और मुद्दा विरोधी दलों के नेताओं के सनातन विरोधी बयानों को ही बनाएंगे. इसकी शुरूआत आज हो गई है. वैसे आज हिन्दुत्व के मुद्दे पर विपक्ष को एक और झटका लगा. जिस दिन सरकार ने संसद के विशेष सत्र का एलान किया था, उस दिन मुंबई में विरोधी दलों के गठबंधन के नेताओं की बैठक चल रही थी. उस वक्त संजय राउत,  प्रियंका चतुर्वेदी जैसे शिव सेना (उद्धव) के नेताओं ने कहा था कि 19 सितंबर से गणेश उत्सव शुरू होगा और मोदी ने उसी दौरान संसद का विशेष सत्र बुला लिया, मोदी हिन्दुत्व विरोधी हैं, मोदी को हिन्दुओं की भावनाओं का ख्याल नहीं है. लेकिन बुधवार को खबर आई कि गणेश उत्सव के दिन ही नये संसद भवन में विषेष सत्र की बैठक होगी. उसके बाद विरोधियों को समझ नहीं रहा है कि अब क्या कहें, सरकार को कैसे जवाब दें. (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 06 सितंबर, 2023 का पूरा एपिसोड

 

 

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