
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम घाट पर हजारों लोगों के बीच इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का सामना किया। इस शो में महाकुंभ से जुड़े जितने भी विवाद और जिज्ञासाएं हैं उनसे जुड़े सवाल पूछे गए। उन्होंने इंडिया टीवी के कार्यक्रम प्रणाम इंडिया में प्रयागराज में संगम पर गंगा के पानी की गुणवत्ता पर दावा किया कि संगम पर बीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड) का स्तर पांच से भी कम है, जबकि 15 से 25 तक बीओडी नहाने और पीने के लिए ठीक माना जाता है। उन्होंने कहा, "इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी की नमामि गंगे परियोजना को जाता है, जिसने गंगा के पानी को पीने योग्य बना दिया है।"
30-40 लाख तीर्थयात्री प्रतिदिन लगा रहे पवित्र डुबकी
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के इस आरोप पर कि महाकुंभ में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताई जा रही है, योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया, "प्रत्यक्ष्यं किम् प्रमाणम्? हमने बिना किसी बाहरी सहायता लिए हुए सही संख्या मापने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया। पहले दो दिनों में 1.25 से 1.5 करोड़ लोग महाकुंभ में आए और वर्तमान में 30-40 लाख तीर्थयात्री प्रतिदिन पवित्र डुबकी लगा रहे हैं।"
आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है पर्यटन
विपक्ष के इस आरोप पर कि महाकुंभ पर 7,500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए, मुख्यमंत्री ने जवाब दिया: "पर्यटन आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को संभालने के लिए हमें सड़कों, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, टेंट और अन्य सभी सुविधाओं की व्यवस्था करनी पड़ी। लगभग 20 लाख लोग प्रतिदिन घाटों पर पवित्र स्नान रहे हैं। 7500 करोड़ रुपये खर्च करके, हम उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 2 लाख करोड़ रुपये तक की उछाल की उम्मीद करते हैं।
2013 के महाकुंभ से तुलना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौजूदा महाकुंभ की तुलना समाजवादी पार्टी के मंत्री आजम खान द्वारा 2013 में आयोजित कुंभ मेले से की। सीएम योगी ने कहा, "उनके समय में तो महाकुंभ में 41 लोगों की जान चली गई थी। इतना ही नहीं मॉरीशस के प्रधानमंत्री गंगा के पानी में गंदगी देखकर इतने दुखी हुए थे कि उन्होंने दूर से ही हाथ जोड़कर प्रार्थना की थी, डुबकी लगाने से मना कर दिया था और चले गए थे। ऐसे में समाजवादी पार्टी को अपनी 'सफलता की कहानी' अपने घर में रखनी चाहिए।"
बता दें कि प्रयागराज में त्रिवेणी के संगम पर 13 जनवरी से महाकुंभ मेला शुरू हो चुका है। जो कि 26 फरवरी तक चलेगा। महाकुंभ में त्रिवेणी यानी गंगा, यमुना और सरस्वती मिलन के संगम तट पर स्नान किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ में गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। महाकुंभ मेला परिसर को कई अलग-अलग सेक्टर में बांटा गया है। 2400 सीसीटीवी कैमरों को 300 AI कैमरों के साथ जोड़कर मॉनिटरिंग की जा रही है।