Sunday, April 28, 2024
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केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, भविष्य में मुस्लिम समाज में मोदी का नाम इज्जत से लिया जाएगा

केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि भविष्य में मुस्लिम समाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम आदर और सम्मान के साथ लिया जाएगा।

Reported By : Rajesh Kumar Edited By : Vineet Kumar Singh Updated on: August 11, 2023 23:47 IST
Arif Mohammad Khan, Arif Mohammad Khan Triple Talaq, Narendra Modi- India TV Hindi
Image Source : FILE केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान।

मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के पास स्थित ठाणे में समान नागरिक संहिता पर चर्चा के कार्यक्रम में बोलते हुए  केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भविष्य में मुस्लिम समाज में नरेंद्र मोदी का नाम उसी आदर और सम्मान से लिया जाएगा जैसे हमारे देश में कई दूसरी कुप्रथाओं को खत्म करने के लिए दूसरे लोगों का लिया जाता है। गवर्नर ने ट्रिपल तलाक कानून का जिक्र किया और कहा कि 2019 के इस कानून को मोदी ने जिस तेजी के साथ लागू किया, उसके लिए मैं यह आकलन भविष्य में आने वाले लोगों पर छोड़ता हूं।

‘मुस्लिम समाज में मोदी का नाम आदर से लिया जाएगा’

केरल के राज्यपाल ने कहा कि मुझे रत्ती भर भी शक नहीं है कि जैसे कई कुप्रथाओं को हटाने वाले लोगों का नाम सम्मान से लिया जाता है, मुस्लिम समाज में भी नरेंद्र मोदी का नाम उसी आदर और सम्मान के साथ लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘केरल जैसी जालिम सामाजिक व्यवस्था देश मे कहीं नहीं थी। स्वामी विवेकानंद ने तब कहा था कि ये पागलखाना है। 40 प्रतिशत महिलाओं को पूरे कपड़े पहनने की इजाजत नहीं थी, लेकिन आज केरल आइए तो सबसे ज़्यादा शिक्षा वहीं है। बहुत कुछ बदल गया है।’

‘पर्सनल लॉ से सिर्फ कंफ्यूजन पैदा हो रहा है’
समान नागरिक संहिता पर बोलते हुए गवर्नर खान ने कहा, ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड का उद्देश्य समान न्याय उपलब्ध कराना है। क्या किसी को ये अच्छा लगता है कि जब कोई महिला अदालत में गई तो उससे पहले पूछा जाता है कि कहीं तुम मुसलमान तो नहीं हो। अगर मुस्लिम हो तो शिया हो या सुन्नी हो, या कुछ और। अंग्रेज अदालत को असिस्ट करने के लिए पंडित और मौलवी देते थे, आज तो वे भी नहीं हैं। अभी सारी जिम्मेदारी एक यंग मजिस्ट्रेट पर होती है कि वह पता करे कि कौन-सा धर्म है और उसी हिसाब से तय करे कि क्या होना चाहिए। जरा सी गलती होने पर सब उस पर थोप दिया जाता है। इससे सिर्फ कंफ्यूजन पैदा हो रहा है।’

‘शरीयत को इंसानों ने लिखा है’
आरिफ मोहम्मद खान ने आगे कहा, ‘ये सिर्फ औरतों से ही क्यों पूछा जाए कि आप कौन से संप्रदाय से हैं। इस्लाम का दावा है कि शरीयत को कुरान की रोशनी में लिखा गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। शरीयत को इंसानों ने लिखा है। इस कानून का मतलब है कि अलग-अलग संप्रदाय की महिलाओं को अलग-अलग न्याय न मिले। सबको समान न्याय मिले। इसके बारे में भ्रांतियां पैदा की जा रही हैं कि इससे धर्म को नुकसान होगा। ट्रिपल तलाक के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि न ये संविधान सम्मत है और न कुरान सम्मत है। सुप्रीम कोर्ट के 3 तलाक के फैसले के एक महीने तक कानून नहीं बना।’

Arif Mohammad Khan, Arif Mohammad Khan Triple Talaq, Narendra Modi

Image Source : FILE
केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

‘मैंने पीएम मोदी को चिट्ठी लिख कहा था कि…’
केरल के गवर्नर ने कहा, ‘जब एक बच्ची का वाकया मेरे सामने आया तब मैंने PM को चिट्ठी लिखी और कहा कि जो गलती शाह बानो के वक्त हुई थी, अब नहीं होनी चाहिए। हमें तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाना चाहिए। अगले दिन प्रधानमंत्री ने मुझे बुलवा लिया। बातचीत हुई और अगले दिन लॉ सेक्रेटरी का फोन आ गया। कुछ दिन में बिल बना और लोक सभा मे पास हो गया लेकिन धर्म के नाम पर राज्य सभा में पास नही हो पाया। 2017 का ये बिल 2019 में राज्य सभा मे पास हुआ। इस कानून के बाद मुसलमानों में तलाक के मामलों में 95 फीसदी कमी आई है।’

‘इस कानून से सबसे ज्यादा फायदा बच्चों को हुआ है’
आरिफ मोहम्मद खान ने आगे कहा, ‘मुस्लिम महिलाओं को तो इस कानून से फायदा है ही, लेकिन सबसे ज्यादा फायदा उन बच्चों का हुआ है जिनका टूटे हुए परिवारों की वजह से भविष्य खराब हो जाता था। दिल्ली में 600 साल तक मुसलमान शासको का राज रहा लेकिन इन 600 सालो में किसी को भी पर्सनल लॉ बनाने का खयाल नहीं आया। पर्सनल लॉ बनाने का ख्याल अंग्रेज़ो को आया। अगर पर्सनल लॉ इतना ज़रूरी था तो किसी मुस्लिम बादशाह को इसका ख़याल क्यों नही आया। साफ है कि ये विरासत हमें अंग्रेजों से मिली है। अंग्रेजों ने तब कहा था कि ऐसे कानून बनाओ जिससे लोगों को बांटा जा सके।’

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