Tuesday, April 30, 2024
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'आप की अदालत' में आरिफ मोहम्मद खान बोले- सिर्फ सबरीमाला मंदिर ही नहीं, यहूदियों के सिनेगॉग में भी गया

'आप की अदालत' में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि कानपुर में तकरीबन सारे मंदिर जा चुका हूं। चर्च जा चुका हूं। यहां दिल्ली में खान मार्केट के पीछे यहूदियों का सिनेगॉग है, वहां रबाइयों से जरा पूछ लीजिए कि मैं कितनी दफा जाता हूं। मुझे तो नहीं लगता कि खुदा और खुदा की रहमत सिर्फ चंद लोगों तक महदूद है, वो तो सबके

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: July 16, 2023 20:01 IST
आप की अदालत में आरिफ मोहम्मद खान- India TV Hindi
आप की अदालत में आरिफ मोहम्मद खान

देश के चर्चित शो 'आप की अदालत' में इस बार केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान मेहमान रहें। उन्होंने इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि वह न सिर्फ मंदिरों और गिर्जाघरों में गए हैं, बल्कि यहूदियों के उपासनास्थल सिनेगॉग में भी गए हैं, क्योंकि उनका मानना है कि अल्लाह व्यापक और सीमाहीन हैं। 

"सूफी कवि मुहम्मद इब्न अरबी की शिक्षा पर विश्वास है"

इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा ने जब पूछा कि केरल के एक सुन्नी नेता अब्दुल हमीद फैज़ी ने सबरीमाला मंदिर में राज्यपाल के पूजा करने पर ये कहा था कि उनका नाम भले ही मुस्लिम हों, लेकिन मंदिर में पूजा करने के कारण वो अब इस्लाम से बाहर हैं। इस आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "उन्हें अपनी बात रखने का अधिकार है और मैंने कभी उनसे सर्टिफिकेट मांगा नहीं। मुझे 12वीं सदी के सूफी कवि मुहम्मद इब्न अरबी की शिक्षा पर विश्वास है। इब्न अरबी ने कहा था, अपने आप को किसी एक आस्था तक सीमित न रखो। सभी आस्थाओं को अपनाओ, क्योंकि अल्लाह व्यापक हैं और किसी एक आस्था तक सीमित नहीं है।"

राज्यपाल ने कहा- इंडोनेशिया वाले मुसलमान हैं कि नहीं?

खान ने इंडोनिशिया का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "इंडोनेशिया वाले मुसलमान हैं कि नहीं? राष्ट्रपति भवन के बाहर, कृष्ण-अर्जुन संवाद की प्रतिमा लगी है। इंडेनेशिया में किसी से पूछिए, ये कृष्ण और अर्जुन तो हिंदू व्यक्तित्व हैं, तो उनका जवाब होता है, बेशक हम मुसलमान हैं, इस्लाम हमारा मजहब है और ये प्रतिमा हमारी संस्कृति है। इस्लाम हमारी धार्मिक आस्था है और यह हमारी संस्कृति है।"

आरिफ मोहम्मद खान ने पूछा- अल्लाह के अलावा कोई और भी है?

जब रजत शर्मा ने पूछा कि मुसलमान तो कहते हैं कि मेरा सिर सिर्फ अल्लाह के आगे झुकेगा और दूसरे किसी के आगे नहीं, तो आरिफ मोहम्मद खान का जवाब था, "मतलब, अल्लाह के अलावा कोई और भी है? मैं तो एक को मानता हूं, दो को मानता नहीं, मैं तो हर जगह उन्हीं को देखता हूं। जब आप अल्लाह के सिवा कहते हैं, तो इसका मतलब सिवा कोई और भी है? मैं तो हर जगह जाऊंगा। कानपुर में तकरीबन सारे मंदिर जा चुका हूं। चर्च जा चुका हूं। यहां दिल्ली में खान मार्केट के पीछे यहूदियों का सिनेगॉग है, वहां रबाइयों से जरा पूछ लीजिए कि मैं कितनी दफा जाता हूं। मुझे तो नहीं लगता कि खुदा और खुदा की रहमत सिर्फ चंद लोगों तक महदूद है, वो तो सबके लिए है। "

मुझे किसी के बारे में जजमेंट में बैठने का कोई अधिकार नहीं- राज्यपाल

ये पूछे जाने पर कि अगर सुपरस्टार शाहरुख खान गणेश चतुर्थी पर अपने घर में गणेश जी की स्थापना करते हैं और फिर उनका विसर्जन करते हैं, तो क्या वे काफिर हो गए, इस पर आरिफ मोहम्मद खान का जवाब था, "मैं ये मानता हूं कि जिसका जो तरीका है, मुझे किसी के बारे में जजमेंट में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। कुरान की आयत के साथ मैं बताता हूं, हर कोई उनके (अल्लाह के) नियंत्रण में है, तो जब वे विसर्जन करने शाहरुख खान जा रहे हैं, तो क्या वो अल्लाह के नियंत्रण से बाहर हो गए क्या?"

हर किसी को अपना मानिए, सुख ही सुख मिलेगा: आरिफ मोहम्मद खान

ये पूछे जाने पर कि अभिनेत्री सारा अला खान महाकालेश्वर मंदिर गईं और उनके बारे में इतना कुछ लिखा गया, तो राज्यपाल ने कहा, "मुझे उपनिषद की यह पंक्ति बहुत खूबसूरत लगती है, "यो वै भूमा तत्सुखं नाल्पे सुखमस्ति भूमैव सुखं भूमा त्वेव विजिज्ञासितव्य इति भूमानं भगवो विजिज्ञास इति।" इसका अर्थ है, अपने दिमाग को बढ़ाइए, व्यापक बनाइए, हर किसी को अपना मानिए, आपको सुख ही सुख मिलेगा और छोटे दिमाग के साथ, तंग नजरी, तंग जेहनियत के साथ, तेरे और मेरे के साथ, कभी इंसान को सुख प्राप्त नहीं हो सकता।"

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