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मणिपुर में दो महिलाओं की नग्न परेड मामले में बड़ा खुलासा, 'जिप्सी में बैठी महिलाओं से पुलिस ने कहा चाबी नहीं है'

Manipur chargesheet: सीबीआई की जांच में यह भी पता चला कि 4 मई को आसपास के मैतेई गांवों के प्रधानों और अन्य सामुदायिक गांवों के प्रमुखों की एक बैठक हुई थी। भीड़ ने चर्च, कुछ घरों और आस-पास के गांवों को जला दिया था।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Apr 30, 2024 7:54 IST, Updated : Apr 30, 2024 12:53 IST
महिलाओं को नग्न परेड के बाद प्रदर्शन करती महिलाएं- India TV Hindi
Image Source : FILE-PTI महिलाओं को नग्न परेड के बाद प्रदर्शन करती महिलाएं

इंफालः मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में भीड़ द्वारा कुकी-ज़ोमी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने और उनके साथ यौन उत्पीड़न मामले में सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई ने चार्जशीट में कोर्ट को बताया है कि न्यूड परेड और यौन उत्पीड़न से पहले दोनों महिलाएं पुलिस की जिप्सी में बैठने में कामयाब हो गई थी लेकिन जिप्सी के ड्राइवर ने उन्हें बताया कि उसके पास गाड़ी की चाबी नहीं है। पुलिस ने दोनों महिलाओं को वहां उनके हालात पर छोड़ दिया और कहा वहां कोई नहीं है। यानी उन्हें खतरा नहीं है।

महिलाओं को उनके हाल पर छोड़ा गया

सीबीआई की तरफ से दायर आरोप पत्र के अनुसार, दोनों महिलाओं ने पुलिस से वाहन में बैठाकर सुरक्षित जगह ले जाने का आग्रह किया था। पुलिस जिप्सी में दो अन्य पीड़ित पुरुष भी बैठे थे। आरोप पत्र में कहा गया है कि जिप्सी छोड़कर सभी पुलिसकर्मी मौके से चले गए। इसके बाद बड़ी संख्या में भीड़ वहां पहुंची और महिलाओं को जिप्सी से बाहर निकाल लिया। महिलाओं को भीड़ ने नग्न कर परेड कराया गया और उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया। 

भीड़ ने जंगल तक किया था पीछा

जांच से पता चला है कि डर के कारण शिकायतकर्ता तीन पीड़ित अपनी बेटी और एक पोती के साथ जंगल में भाग गए। भीड़ की नजर एक परिवार के सदस्यों के छिपने की जगह पर पड़ी और उन्हें देखते ही चिल्लाने लगी 'यहां लोग छुपे हुए हैं'। भीड़ में शामिल एक शख्स हाथ में बड़ी कुल्हाड़ी लेकर उनकी ओर दौड़ा और उन्हें धमकाते हुए कहा, 'जिस तरह चुराचांदपुर में तुम लोगों ने हमारे (मैतेई लोगों) साथ व्यवहार किया, हम भी तुम्हारे साथ वही करेंगे। भीड़ जबरदस्ती परिवार के सभी सदस्यों को मुख्य सड़क पर ले आई और उन्हें अलग कर दिया।

पुलिस ने महिलाओं की मदद नहीं की

सीबीआई के आरोप पत्र में कहा गया है कि भीड़ में से कुछ लोगों ने पीड़ितों को पास में एक गांव की सड़क के किनारे खड़ी पुलिस जिप्सी के पास जाने के लिए कहा। पुलिस जिप्सी के पास आते समय भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने फिर से पीड़ितों को उनके परिवार से अलग कर दिया। इस बीच दो महिलाएं पुलिस की जिप्सी में बैठने में कामयाब हो गईं। पुलिस जिप्सी के अंदर ड्राइवर समेत दो पुलिसकर्मी उनके साथ थे और तीन से चार पुलिसकर्मी बाहर थे। एक पीड़ित ने पुलिसकर्मियों से वाहन चलाने का अनुरोध किया। पुलिस जिप्सी के चालक ने जवाब दिया, 'कोई चाबी नहीं है'। वे बार-बार पुलिसकर्मियों से उनकी मदद करने और भीड़ द्वारा हमला किए जा रहे एक व्यक्ति को बचाने की गुहार लगाते रहे लेकिन 'पुलिस ने उनकी मदद नहीं की। 

आरोपियों पर की जा चुकी है विभागीय कार्रवाई

सीबीआई जांच से पता चला कि हिंसक घटना 3 मई को चुराचांदपुर में हुई थी। अक्टूबर में गुवाहाटी की एक विशेष अदालत के समक्ष छह लोगों और एक किशोर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह ने बताया कि संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है। 

जुलाई 2023 में वायरल हुआ था वीडियो

बता दें कि चुराचांदपुर जिले में भीड़ द्वारा कुकी-ज़ोमी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न कर परेड का वीडियो जुलाई 2023 में वायरल हुआ था। इसने देश भर में आक्रोश पैदा कर दिया था। वायरल वीडियो में एक महिला की उम्र 20 साल और दूसरी की 40 साल के आसपास थी। वीडियो में कुछ लोगों को दो महिलाओं को घसीटते और उनका यौन उत्पीड़न करते देखा जा सकता है। 

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