पूर्वोत्तर भारत के राज्य मणिपुर में सररकार गठन की सुगबुगाहट तेज होने लगी है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने विधायकों को दिल्ली बुलाया है। पूर्व सीएम बीरेन सिंह को भी दिल्ली बुलाया गया है।
हिंसा के कारण तनाव झेल रहे मणिपुर में राष्ट्रपति शासन छह महीने के लिए बढ़ाया जाएगा। ये आदेश 13 अगस्त, 2025 से प्रभावी होने वाला है।
मणिपुर राज्य पिछले कई महीनों से हिंसा की चपेट में हैं। यहां के कई जिलों में हिंसात्मक घटनाएं हो रही हैं। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। इस बीच बीजेपी सांसद ने सरकार बनाए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है।
मणिपुर में हिंसा के चलते लंबे समय से अशांति बनी हुई है। राज्य में कानून व्यवस्था लागू करने में नाकाम रहने के कारण मुख्यमंत्री इस्तीफा भी दे चुके हैं। इस बीच राज्य के छह जिलों से 104 हथियार बरामद हुए हैं।
मणिपुर में गवर्नर अजय कुमार भल्ला की अपील पर लूटे गए हथियार लौटाए जा रहे हैं। 7 जिलों में 87 हथियार और गोला-बारूद पुलिस को सौंपे गए।
कांग्रेस ने अपनी याचिकाओं में कहा है कि एपीपी के समर्थन वापस लेने के बावजूद चार विधायक सत्तारूढ़ दल के विधायकों की बैठक में शामिल हुए थे। हरेश्वर गोस्वामी ने राज्य विधानसभा के ‘स्पीकर के ट्रिब्यूनल’ में विधायकों के खिलाफ चार अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि 10वीं और 11वीं भारतीय रिजर्व बटालियन (IRB) के नवनियुक्त कर्मियों को हाइवे सिक्योरिटी और कानून-व्यवस्था के लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने पंगेई पुलिस ट्रेनिंग सेंटर का दौरा किया।
मणिपुर में पिछले साल मई के महीने में आरक्षण को लेकर हिंसा शुरू हुई थी। हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में अब तक 258 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच केंद्र ने शांति बहाल करने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स की 90 यूनिट भेजी हैं।
पुलिस ने JDU विधायक की मां के द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के हवाले से बताया कि उनके घर पर हमला करके भीड़ ने 1.5 करोड़ रुपये के गहने और 18 लाख रुपये कैश लूट लिए।
कुछ महीनों तक तनावपूर्ण शांति के बाद मणिपुर एक बार फिर हिंसा की चपेट में आग गया है। आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि एक बार फिर मणिपुर में अशांति फैलने लगी है?
मणिपुर हिंसा को लेकर सियासत अब तेज हो गई है। एनपीपी ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। एनपीपी के समर्थन वापस लेने के बाद कांग्रेस ने तंज कसा है और कहा है, भाजपा अब अस्त, सूर्य पूरब से ही उगता है।
एनपीपी ने भले ही बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया हो, लेकिन अभी भी बीजेपी की सरकार राज्य में बनी रहेगी, क्योंकि पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने अवैध प्रवासियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले 40 या 50 सालों से बहुत कम लोगों ने देखा है कि कैसे अवैध प्रवासी मणिपुर में आकर बस गए हैं।
27 सितंबर को एन. जॉनसन सिंह अपने दो दोस्तों के साथ इंफाल वेस्ट जिले के न्यू कीथेलमानबी में केंद्रीय बलों में भर्ती के लिए कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की जीडी भर्ती परीक्षा देने गए थे, लेकिन रास्ता भटक गए और कुकी बहुल कांगपोकपी जिले में पहुंच गए, जहां उग्रवादियों ने तीनों का अपहरण कर लिया था।
एन जॉनसन सिंह केंद्रीय बलों के लिए एसएससी जीडी भर्ती परीक्षा के लिए इंफाल पश्चिम जिले के न्यू कीथेलमनबी इलाके जा रहे थे। एन जॉनसन सिंह के साथ दो दोस्त भी थे, लेकिन वे रास्ता भटक गए और कुकी बहुल कांगपोकपी जिले में पहुंच गए, जहां शुक्रवार को उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया।
विस्फोट में 13 वर्षीय लड़की सहित पांच अन्य घायल हो गए। यह रॉकेट आईएनए मुख्यालय से लगभग दो किलोमीटर दूर एक स्थान पर गिरा।
मणिपुर से कांग्रेस सांसद अंगोमचा बिमल अकोइजम ने लोकसभा में कहा कि उनके प्रदेश के 60 हजार लोग एक साल से राहत शिविरों में दयनीय स्थिति में रह रहे हैं और 200 से ज्यादा हिंसा में मारे जा चुके हैं।
मणिपुर के सुरक्षा हालात को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय में अहम बैठक की है। इस बैठक में सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे, अगले सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह समेत कई बड़े अधिकारी पहुंचे थे।
Manipur chargesheet: सीबीआई की जांच में यह भी पता चला कि 4 मई को आसपास के मैतेई गांवों के प्रधानों और अन्य सामुदायिक गांवों के प्रमुखों की एक बैठक हुई थी। भीड़ ने चर्च, कुछ घरों और आस-पास के गांवों को जला दिया था।
मणिपुर में मेइती समूह ने ASP को उनके घर से किडनैप कर लिया है। किडनैपर्स ने इस दौरान फायरिंग भी की। जैसे ही इस घटना के बारे में पुलिस को पता लगा तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़