साइबर क्राइम के खिलाफ पुलिस लगातार मुहिम चला रही है। साइबर क्राइम करने वालों के खिलाफ यूपी समेत 10 राज्यों में ताबड़तोड़ एक्शन लिए गए। नोएडा में आज CBI ने एक बड़े इंटरनेशनल साइबर क्राइम नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। इस नेटवर्क में शामिल अपराधी विदेशी लोगों को खास तौर पर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाते थे। पुलिस का दावा है कि इस गैंग ने अमेरिकी लोगों से 8.5 मिलियन डॉलर यानि करीब 71 करोड़ रुपये की ठगी की थी। ये लोग अमेरिका की इनवेस्टिगेशन एजेंसीज के अफसर बनकर अमेरिकी लोगों को फोन करते थे। उनके अकाउंट के जरिए ड्रग्स और अवैध हथियारों की खरीद फरोख्त होने का दावा करके डराते थे और उनसे बड़ी रकम ऐंठते थे। इस तरह के कई केसेज होने के बाद FBI ने इसकी जांच शुरू की फिर भारत सरकार से संपर्क किया, जिसके बाद जांच शुरू हुई और नोएडा से चल रहे इस गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ। इस मामले में CBI ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है और इनके पास से 1 करोड़ 88 लाख रुपये कैश बरामद किया गया है।
मथुरा के 4 गांवों को घेरकर मारी रेड
साइबर क्राइम के खिलाफ मथुरा में भी ऑपरेशन चलाया गया। जामताड़ा और मेवात इलाके की तरह मथुरा के 4 गांव साइबर अपराधियों का गढ़ बने हुए हैं। गोवर्धन इलाके के देवसेरस, मोरसेरस, दौलतपुर और नगला अकातिया गांव को मिनी जामताड़ा कहा जाने लगा है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मथुरा पुलिस ने इन गांवों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। रेड की इनफॉर्मेशन लीक न हो इसके लिए भी पूरी एहतियात बरती गई। सुबह 5 बजे 4 एसपी, 4 सर्किल ऑफिसर, 26 इंस्पेक्टर्स और 300 जवानों के साथ चारों गांवों को घेरा गया। इतनी बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स को देखकर गांव में भगदड़ मच गया। इसके बाद पुलिस ने गांवों के घर से लेकर खेत-खलिहान सबकी तलाशी ली। सर्च ऑपरेशन के बाद 42 संदिग्ध लोगों को कस्टडी में लिया गया। जांच पड़ताल के बाद 37 साइबर ठगों को अरेस्ट करके जेल भेजा गया।
दिल्ली में 950 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश
वहीं आज दिल्ली पुलिस ने भी दावा किया कि साइबर क्राइम के खिलाफ चले अभियान में करीब 950 करोड़ रूपए की ठगी का पर्दाफाश हुआ है। असल में दिल्ली पुलिस पिछले एक महीने से साइबर अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन साई हॉक चला रही है। चूंकि दिल्ली में लगातार डिजिटल अरेस्ट और इनवेस्टमेंट फ्रॉड के मामले सामने आ रहे थे। इसके बाद ऑपरेशन साई हॉक शुरू किया गया। इस ऑपरेशन में दिल्ली पुलिस के 5 हजार जवान और अफसरों को शामिल किया गया। ऑपरेशन का पहला चरण 19 और 20 नवंबर को शुरू हुआ। इसमें बड़ी संख्या में साइबर क्रिमिनल्स के नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। चूंकि साइबर अपराधी लोकेशन बदलते हैं, काम करने का तरीका बदलते हैं, इसलिए दिल्ली पुलिस ने कुछ दिनों के ब्रेक के बाद ऑपरेशन का सेकेन्ड पार्ट शुरू किया।
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी संजय जैन ने बताया कि ऑपरेशन के सेकेन्ड फेज में 284 क्रिमिनल्स को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि पकड़े गए साइबर क्रिमिनल्स का नेटवर्क देश के 10 राज्यों में फैला है। ठगी दूसरे राज्यों हो रही थी, पैसे दिल्ली में निकाले जा रहे थे, इसलिए दिल्ली पुलिस ने केरल, ओडिशा, यूपी, महाराष्ट्र, झारखंड और राजस्थान समेत कई राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर साइबर क्राइम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की और 945 करोड़ की ठगी का पता चला है।
लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं ठग
साइबर क्राइम इस समय एक बड़ी समस्या है। ज्यादातर लोग लालच के कारण इसमें फंस जाते हैं। कोई इसमें थोड़ा पैसा इन्वेस्ट करके फंसता है तो कोई जल्दी से जल्दी ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में फंसता है तो कोई लॉटरी पाने के चक्कर में फंसता है। साइबर क्राइम करने वाले ब्लैकमेलर्स इस बात का फायदा उठाते हैं कि लोगों में जागरुकता कम है, जबकि ठगी करने वाले गैंग बहुत ही संगठित तरीके से काम करते हैं। कुछ ही मिनटों में लूटा हुआ पैसा इधर से उधर हो जाता है, लेकिन अब पुलिस इनकी चालों को समझने लगी है। बड़ी संख्या में लोग पकड़े जा रहे हैं, लेकिन सबसे जरूरी है कि लोग सावधान रहें, लालच में ना आएं और अगर उनके साथ ठगी हो तो बिना डरे तुरंत पुलिस को सूचित करें।
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