डेनमार्क की दवा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क ने आखिरकार भारत में अपनी बहुप्रतीक्षित डायबिटीज की दवा ओज़ेम्पिक लॉन्च कर दी है। इसकी 0.25 मिलीग्राम की शुरुआती खुराक की कीमत ₹2,200 प्रति सप्ताह रखी गई है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी देश में इस इंजेक्शन 0.25 मिलीग्राम, 0.5 मिलीग्राम और 1 मिलीग्राम की खुराक की में बेचेगी। गौरतलब है कि ओजेम्पिक टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए एक इंजेक्शन है और इसे सप्ताह में एक बार ही लेना होगा।
भारत में ओज़ेम्पिक की कीमतें
टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए इस साप्ताहिक इंजेक्शन को 2017 में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा अनुमोदित किया गया था। तब से, यह वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक बिकने वाली दवा बन गया है। वहीं इसके भूख कम करने वाले प्रभावों के कारण अक्सर वजन घटाने के लिए इसका गैर-तरीके से इस्तेमाल किया जाने लगा।
दवा की सबसे कम खुराक 2,200 रुपये प्रति सप्ताह की कीमत पर बेची जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने अन्य खुराकों की कीमत भी घोषित कर दी है। कंपनी के मुताबिक 1 mg डोज की कीमत 11,175 रुपये प्रति महीना होगी। वहीं, 0.5 mg डोज की कीमत 10,170 रुपये प्रति महीने रखी गई है। 0.25 mg डोज के लिए 8,800 रुपये हर महीने खर्च करने होंगे। साप्ताहिक आधार पर 0.25 mg की शुरुआती कीमत 2,200 रुपये प्रति सप्ताह रहेगी।
ओज़ेम्पिक को भारत में कब मिली मंजूरी
भारत के औषधि नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इस वर्ष अक्टूबर में टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए ओजेम्पिक (सेमाग्लूटाइड) के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। संयुक्त राज्य अमेरिका में एफडीए के अनुसार, ओज़ेम्पिक को डाइट और एक्सरसाइज के साथ लिया जाता है ताकि टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों में ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार करने में मदद मिल सके, और टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों में, जिन्हें पहले से ही हृदय रोग है, प्रमुख हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सके।
वजन घटाने में कैसे कारगर है ओज़ेम्पिक
ओज़ेम्पिक (Ozempic), जिसका सक्रिय घटक सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) है, मुख्य रूप से टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए विकसित किया गया था। हालांकि, यह वजन घटाने में भी काफी कारगर साबित हुआ है, और इसी कारण यह आजकल बहुत लोकप्रिय हो रहा है। ओज़ेम्पिक शरीर में नेचुरली पाए जाने वाले हार्मोन जीएलपी-1 (Glucagon-like peptide-1) की तरह काम करता है। यह हार्मोन खाने के बाद आंतों से निकलता है। ओज़ेम्पिक मस्तिष्क को यह संकेत भेजता है कि आपका पेट भरा हुआ है, जिससे आपको कम भूख लगती है और आप कम कैलोरी का सेवन करते हैं। यह हाई कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों की क्रविंग को भी कम करने में मदद करता है।
यह दवा पाचन क्रिया को धीमा कर देती है (जिसे गैस्ट्रिक एम्पटिंग कहते हैं)। धीमी गति से पाचन होने के कारण आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे आप बार-बार खाने से बचते हैं और कुल मिलाकर कम खाना खाते हैं। यह रक्त शर्करा (Blood Sugar) के बढ़ने पर अग्न्याशय (Pancreas) को इंसुलिन जारी करने के लिए प्रेरित करता है। यह ग्लूकागन हार्मोन के स्राव को कम करता है, जो लिवर को अतिरिक्त ग्लूकोज बनाने से रोकता है।
Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)