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क्या बृजभूषण सिंह के साथ भी होगा 'खेला'? BJP ने इन विवादित चेहरों के भी काटे टिकट

भारत की शीर्ष महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद बृजभूषण सिंह लगातार सुर्खियों में रहे थे। संभावना जताई जा रही है कि पार्टी इस बार उनका टिकट काट सकती है।

Written By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Mar 15, 2024 13:15 IST, Updated : Mar 15, 2024 13:25 IST
brij bhushan sharan singh- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO बृजभूषण शरण सिंह

यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कुर्सी तो छोड़नी ही पड़ी, अब उनके राजनीतिक भविष्य पर भी बहस छिड़ गई है। कई बार लोकसभा चुनाव जीत चुके बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया जिसके बाद उनके खिलाफ जांच की जा रही है। ऐसे में अभी तक बृजभूषण को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है और संभावना जताई जा रही है कि पार्टी इस बार उनका टिकट काट सकती है। उनकी जगह मोटिवेशनल स्पीकर और टीचर अवध ओझा को मैदान में उतारा जा सकता है।

अवध ओझा मूल रूप से गोंडा के रहने वाले हैं और सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं। यूट्यूब, इंस्टाग्राम पर उनकी रील्स काफी वायरल होती रहती हैं।

बृजभूषण का विवादों से रहा है पुराना रिश्ता

वहीं, आपको बता दें कि सांसद बृजभूषण शरण सिंह का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। उन्हें बाबरी मस्जिद के विध्वंस मामले में गिरफ्तार किया गया था और दाऊद इब्राहिम गिरोह के शूटरों को शरण देने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून टाडा के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, बाद में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बृजभूषण सिंह के खिलाफ 1974 से 2007 के बीच 38 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। विशेष रूप से चोरी, डकैती, हत्या, आपराधिक धमकी, हत्या का प्रयास और अपहरण सहित विभिन्न आरोपों के लिए सख्त गैंगस्टर और गुंडा अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, हालांकि उन्हें बरी कर दिया गया था।

इन बीजेपी सांसदों ने विवादित बयान देकर पार्टी को मुश्किल में डाला

वहीं, आपको बता दें कि बीजेपी पहली और दूसरी लिस्ट में भी अपने कई विवादित नेताओं के टिकट काट चुकी है। इनमें पहला नाम आता है साध्वी प्रज्ञा का। टिकट काटने में पार्टी ने उन सभी सांसदों को ध्यान में रखा, जिन्होंने अपने बयानों से पार्टी के लिए विषम स्थिति पैदा कर दी थी। इसमें फिर चाहे भोपाल से सांसद प्रज्ञा ठाकुर हों या फिर संसद में विवादित शब्द कहकर चर्चा में रमेश बिधूड़ी हों। पार्टी ने उन सभी सांसदों के टिकट काटे, जिससे पार्टी को बैकफुट पर आना पड़ा था।

pragya thakur
Image Source : PTI
प्रज्ञा ठाकुर

पहली लिस्ट में कटा प्रज्ञा ठाकुर का टिकट

पार्टी की जब 195 नामों की पहली सूची तो उसमें कई पुराने नाम गायब थे। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा हुई भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की। उन्होंने 2019 में चुनावी मैदान में उतरते ही महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर कई विवादित बयान देने शुरू कर दिए थे। इसके साथ ही उन्होंने अपने एक भाषण में गोडसे को देशभक्त बताया था। यह भाषण उन्होंने संसद में दिया था। इसके बाद उन्हें विपक्षी दलों के विरोध का सामना करना पड़ा था।

इस भाषण के बाद भाजपा ने उनके बयानों की निंदा की और रक्षा पर सलाहकार समिति से भी उन्हें हटा दिया गया था। उन्हें 2019 के शीतकालीन सत्र के दौरान संसदीय दल की बैठकों में भाग लेने से भी रोका गया था। इसके बाद साध्वी प्रज्ञा नहीं मानी और लगातार विवादित बयान देती गईं। और अब इसका परिणाम यह हुआ कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उनका टिकट ही काट दिया।

दिल्ली में हुआ सबसे बड़ा बदलाव

दिल्ली में भी पार्टी ने सबसे बड़ा बदलाव किया। यहां से पार्टी के सात सीटों पर सांसद थे। इन सात में से पार्टी ने इस बार 6 सांसदों का पत्ता साफ कर दिया। सिटिंग सांसदों में में से केवल मनोज तिवारी को दोबारा मौका दिया गया। टिकट काटने वालों में रमेश बिधूड़ी, परवेश वर्मा, मीनाक्षी लेखी, गौतम गंभीर, डॉ. हर्षवर्धन सिंह और हंसराज हंस शामिल हैं। इसमें से बिधूड़ी पर बसपा नेता दानिश अली के खिलाफ संसद में आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर उनपर गाज गिरी है। वहीं परवेश वर्मा भी अपने विवादित बयानों को लेकर विवादों में घिरे थे। इसी क्रम में उनका भी टिकट काट दिया गया है।

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