Saturday, April 20, 2024
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कोरोना वायरस: उत्तर प्रदेश में नए मामलों में गिरावट, डिस्चार्ज होनेवालों की संख्या बढ़ी

उत्तर प्रदेश में टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति के अनुरूप किए जा रहे प्रयासों के संतोषजनक परिणाम मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां औसतन दो लाख से ढाई लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं, वहीं नए केस में गिरावट आई है। 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 06, 2021 15:29 IST
कोरोना वायरस: उत्तर प्रदेश में नए मामलों में गिरावट, डिस्चार्ज होनेवालों की संख्या बढ़ी- India TV Hindi
Image Source : PTI कोरोना वायरस: उत्तर प्रदेश में नए मामलों में गिरावट, डिस्चार्ज होनेवालों की संख्या बढ़ी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति के अनुरूप किए जा रहे प्रयासों के संतोषजनक परिणाम मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां औसतन दो लाख से ढाई लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं, वहीं नए केस में गिरावट आई है। इसके साथ ही  स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश के दौरान ये आंकड़े सामने आए।

विगत 24 घंटे में प्रदेश में 26,780 नए केस की पुष्टि हुई जबकि 28,902 कोविड संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो गए। अब तक 11,51,571 प्रदेशवासियों ने कोविड से लड़ाई जीत ली है। वर्तमान में कुल 2,59,844 एक्टिव केस हैं। बीते 30 अप्रैल को एक्टिव केस की संख्या सर्वाधिक थी, जब प्रदेश में 03 लाख 10 हजार 783 केस थे। आज 6 दिन की अवधि में इसमें 50 हजार से अधिक की गिरावट आई है। 24 घंटे में 2,25,670 टेस्ट किये गए, इसमें 112000 आरटीपीसीआर माध्यम से हुए। सीएम योगी ने अपील की है कि सभी प्रदेशवासी कोविड विहैवियर को जीवनशैली में शामिल करें। शासन-प्रशासन के निर्देशों का मानें और चिकित्सकों के परामर्श से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें।

कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

  • कोविड टीकाकरण का कार्य प्रदेश में सुचारू रूप से चल रहा है। अब तक 01 करोड़ 32 लाख 55 हजार 955 वैक्सीन डोज एडमिनिस्टर किए जा चुके हैं। सतत प्रयासों से वैक्सीन वेस्टेज में कमी आई है। इसे और बेहतर करने की जरूरत है। 18-44 आयु वर्ग के 68536 लोग अब तक वैक्सीनेट ही चुके हैं। इस आयु वर्ग की सक्रिय भागीदारी का ही परिणाम है कि इस वर्ग में वैक्सीन वेस्टेज 0.39% ही है। इसे शून्य पर लाने की जरूरत है। 
  • अधिक संक्रमण दर वाले सात जिलों में 18-44 आयु वर्ग का टीकाकरण चल रहा है। इसे चरणबद्ध रूप से विस्तार दिया जाए। अगले सप्ताह से सभी नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर में 18-44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण का कार्यक्रम संचालित किया जाए।
  • प्रदेश के 97 हजार राजस्व गांवों में घर-घर स्क्रीनिंग और टेस्टिंग का महाभियान शुरू हो गया है। निगरानी समितियों की स्क्रीनिंग में लक्षणयुक्त पाए गए 69,474 लोगों का जब एंटीजन टेस्ट किया गया तो 3551 पॉजिटिव मिले। इन्हें, मेडिकल किट प्रदान कर, सतर्कता के उपाय बातकर होम आइसोलेट किया गया। टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से चिकित्सक गण इनसे सतत संपर्क में रहें। आवश्यकतानुसार इन्हें हायर मेडिकल फैसिलिटी भी दिलाई जाए। गांव-गांव टेस्टिंग का यह अभियान गांवों को संक्रमण से बचाने में बहुत उपयोगी है। इसके साथ ही शहरी क्षेत्र में टेस्टिंग यथावत जारी रहे।निगरानी समितियों से लगातार संपर्क में रहें।
  • संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए हमें कांटेक्ट ट्रेसिंग को और प्रभावी बनाना होगा। सभी जिलों में कांटेक्ट ट्रेसिंग को बेहतर करने की कार्यवाही हो। 
  • विशेषज्ञों के आकलन के दृष्टिगत हमें सभी तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। ऐसे में बेड, मैनपॉवर, चिकित्सकीय उपकरण, ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता वर्तमान क्षमता के सापेक्ष न्यूनतम दोगुना करने की कार्यवाही तेज हो। प्राथमिकता वाले इन कार्यों के लिए सचिव स्तर के अलग-अलग अधिकारियों को नामित किया जाए। किसी भी जिले में इनका कोई अभाव न हो। इस संबंध में मिशन मोड में कार्य करने की जरूरत है।
  • अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरणों की सतत मॉनीटरिंग होनी चाहिए। सुरक्षा संबंधी उपकरणों के रख रखाव की समुचित व्यवस्था की जाए।
  • प्रदेश में कतिपय जिलों में निजी अस्पतालों द्वारा तय दरों से अधिक शुल्क लेने, बेड खाली होने के बाद भी मरीजों को भर्ती करने से इनकार, ऑक्सीजन की उपलब्धता के बाद भी अनावश्यक अभाव बताकर भय का माहौल बनाने जैसी घटनाएं संज्ञान में आई हैं। आपदाकाल में यह न केवल निंदनीय है, बल्कि अपराध भी है। यह अक्षम्य है।गाजियाबाद और लखनऊ में स्थानीय प्रशासन ने ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई भी की है। ऐसे सभी प्रयासों पर सख्त नजर रखी जाए। यह सुनिश्चित करें कि मरीज और उसके परिजन के साथ संवेदनशील व्यवहार हो। उत्पीड़न, शोषण अथवा अवैध वसूली की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
  • नॉन कोविड मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सभी इंतज़ाम किए जाएं। गंभीर रोग से ग्रसित मरीज हो अथवा गर्भवती महिलाओं की आपात आवश्यकता, सभी की लिए समुचित चिकित्सा प्रबंध कराए जाएं। हर जिले में न्यूनतम एक अस्पताल ऐसे मरीजों के लिए डेडिकेट किया जाए। जरूरत पर एम्बुलेंस भी उपलब्ध कराए जाएं।

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