Thursday, April 25, 2024
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मुझे मंदिर जाने से क्यों रोका गया? अखिलेश बोले- योगी बताएं मैं शूद्र हूं या नहीं

बीते दिनों सीएम योगी ने राजस्थान में एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है।’ इसके जवाब में अखिलेश यादव ने सवाल किया कि उनकी मंदिर यात्रा क्यों रोकी गई?

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: January 30, 2023 11:10 IST
akhilesh yadav- India TV Hindi
Image Source : PTI अखिलेश यादव

लखनऊ: पुलिस ने रामचरित मानस की प्रतियां जलाने पर एक्शन लिया है लेकिन समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पूरे विवाद में स्वामी प्रसाद मौर्या के पक्ष में खुलकर सामने आ गए हैं। अखिलेश ने न केवल स्वामी प्रसाद मौर्या को क्लीन चिट दी बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल भी पूछा कि क्या वो शूद्र हैं। पहले सपा ने मौर्या के बयान से किनारा कर लिया था और कहा था कि अखिलेश मौर्या के खिलाफ जल्द एक्शन लेंगे लेकिन वह अब खुलकर स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में उतर आए हैं। वह न सिर्फ मौर्या का बयान को न सिर्फ सही बता रहे हैं बल्कि सरकार पर सवाल भी उठा रहे हैं।

'बीजेपी वालों की नजर में हम शूद्र'

बता दें कि बीते दिनों सीएम योगी ने राजस्थान में एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है।’ इसके जवाब में अखिलेश यादव ने सवाल किया कि उनकी मंदिर यात्रा क्यों रोकी गई? अखिलेश यादव ने कहा, योगी जी ने कहा कि सनातन धर्म ही राष्ट्रीय धर्म है, लेकिन इसका जिक्र किस किताब में है? और अगर ऐसा है तो मुझे मंदिर जाने से क्यों रोका गया? अखिलेश ने पूछा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हमें बताना चाहिए कि दलितों और पिछड़ों को शूद्र क्यों माना जाता है।

सपा का आरोप है कि बीजेपी और RSS के कार्यकर्ताओं ने उन्हें लखनऊ के डालीगंज स्थित पीतांबरा देवी मंदिर में जाने से रोका। अखिलेश यादव ने कहा, मुझे पीतांबरा मंदिर में आमंत्रित किया गया था और संतों ने कहा कि वे मुझसे मिलना चाहते हैं। मैं उनसे मिलने और हवन में शामिल होने गया था, लेकिन बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने मुझे वहां नहीं जाने दिया। उन्होंने काले झंडे दिखाए और नारेबाजी की। क्या बीजेपी के लोग मुझे जाने नहीं देना चाहते थे, क्योंकि मैं भी एक शूद्र हूं?

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'रामचरित विवाद में सपा-बीजेपी की मिलीभगत'
रामचरित विवाद में BSP चीफ मायावती की भी एंट्री को गई है। मायावती ने ट्वीट करके लिखा, ''रामचरित विवाद में सपा-बीजेपी की मिलीभगत है। सपा की चुप्पी से दोनों पार्टी की मिलीभगत साफ हो जाती है। नफरत फैलाना बीजेपी की राजनीतिक पहचान है। जनता को ऐसी घृणित राजनीति से बचने की जरुरत है।''

बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब मौर्या ने इस तरह का विवादित बयान दिया है। उन्होंने पहले राम चरित मानस पर सवाल उठाया, इसकी कुछ चौपाइयों को हटाने की मांग की। फिर अपने खिलाफ बयान दे रहे साधु संतों को जल्लाद और आतंकी करार दिया। अब उन्होंने हाथी चले बाजार और कुत्ता भौंके हजार वाला बयान दिया है।

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