
भारत के करोड़ों लोगों को 10 जून का बेसब्री से इंतजार है, जब पायलट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगे। शुभांशु शुक्ला एक्सिओम स्पेस के Ax-4 मिशन पर अंतरिक्ष में कदम रखेंगे। कई सालों से इस मिशन को लेकर खास तैयारियां की जा रही थीं। अंतरिक्ष यात्रा पर जाने से पहले यात्रियों को कई ट्रेनिंग दी जाती हैं। हमे और आपको भले ही अंतरिक्ष में जाना रोमांचित करता हो, लेकिन वहां रहना कहीं ज्यादा मुश्किल होता है। जीरो ग्रैविटी में खुद को फिट रखना भी चुनौती है। खाने-पीने से लेकर नहाने, टॉयलेट जाने और सोने तक के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खास तरह का खाना तैयार किया जाता है। जिसमें यात्रियों की सेहत और स्वाद दोनों का ख्याल रखा जाता है।
अंतरिक्ष में क्या खाएंगे शुभांशु शुक्ला?
इसरो की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में भारतीय खाने का स्वाद ले सकेंगे। उनके लिए पसंदीदा खाना तैयार किया गया है। जिसमें उनकी मां के हाथ का बना मूंग दाल का हलवा और आमरस भी शामिल है। इसरो और डीआरडीओ ने इस खाने में कई विकल्प रखे हैं।
शुभांशु शुक्ला खाएंगे घर का बना खाना
इसरो ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर के डायरेक्टर डी के सिंह ने बताया कि अंतरिक्ष में शुभांशु शुक्ला को घर जैसा खाना दिया जाएगा। इसके अलावा उनके पास नासा की फूड लिस्ट भी होगी जिसमें कई तरह के इंटरनेशनल फूड शामिल होते हैं। पहले ये खाना मिशन गगनयान के लिए तैयार किया गया था जिसे नासा से मंजूरी मिलने के बाद अब शुभांशु शुक्ला को दिया जाएगा।
अंतरिक्ष में क्या और कैसा खाना खाते हैं एस्ट्रोनॉट्स?
पूर्व अंतरिक्ष यात्री निकोल स्टॉट ने एक इंटरव्यू में बताया कि अंतरिक्ष में ग्रेवी वाली चीजें खाना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि डिब्बा खोलते ही ये इधर उधर गिर सकता है। इसलिए लोग बहुत सतर्क हो जाते हैं। दिनभर काम करने के बाद अंतरिक्ष यात्री रात में खाना खाते हैं। जिसमें पैकेट बंद खाना होता है। ये खाना अलग-अलग देशों के हिसाब से अलग-अलग कंपार्टमेंट्स में बंटा होता है। येखाना कैंपिंग या मिलिट्री राशन की तरह होता है, जो स्वास्थ्य के हिसाब से बहुत फायदेमंद होता है। अंतरिक्ष में लंबा समय बिताने पर दूसरे अंतरिक्ष यान से परिवार के लोग भी खाना भेज सकते हैं।