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UP में तेजी से फैल रहा मलेरिया, जानें लक्षण और कैसें करें आप खुद का बचाव

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ ही बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, खीरी, बहराइच और सीतापुर में तेजी से फैल रहे मलेरिया एवं बुखार को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं। जानें मलेरिया के लक्षण और कैसे करें बचाव।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : September 26, 2018 13:23 IST
Malaria- India TV Hindi
Image Source : PARAS HOSPITAL Malaria

हेल्थ डेस्क: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ ही बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, खीरी, बहराइच और सीतापुर में तेजी से फैल रहे मलेरिया एवं बुखार को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विशेष वार्ड बनाए गए हैं और मरीजों की पहचान के लिए सघन अभियान का दायरा बढ़ाया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बीते 24 घंटों में इन जिलों में बुखार के 11,682 मरीज सामने आए हैं। इनमें रैपिड डायग्रोस्टिक किट से जांच में मलेरिया के 1591 मरीज मिले हैं।

सिंह ने बताया, "प्रदेश के कुछ जिलों में 10 अगस्त से जारी बुखार के प्रकोप पर प्रभावी रोकथाम और नियंत्रण के लिए प्रयास हो रहे हैं। लार्वा रोधी रसायन का छिड़काव, मरीज के घर के अंदर और बाहर मलेरिया निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है। संवेदनशील और अति प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं।" (दिल्ली में तेजी से पुरुषों को हो रहा है प्रोस्टेट कैंसर, रहें सतर्क )

उन्होंने बताया कि इसमें पंचायती राज, ग्राम्य विकास, शहरी विकास विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है। स्वच्छता और जलभराव की स्थिति में सुधार करके मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण की कोशिश हो रही है। इससे स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से मौसमी बुखार, मलेरिया के रोगियों की संख्या में कमी आ रही है। (अगर 1 सप्ताह से ज्यादा रहता है घुटनों पर दर्द तो समझ लें आपको है ये खतरनाक बीमारी, ऐसे करें पहचान )

Malaria

Malaria

क्या है मलेरिया?

मलेरिया मादा मच्छर एनॉफिलीज के काटने से फैलता है। जिसकी खोज चिकित्सक सर रोनाल्ड रास ने की थी। ये मच्छर आमतौर पर दिन में शाम के समय एक्टिव होते हैं। दरअसल मादा मच्छर एनॉफिलीज के शरीर के अंदर प्लाज्मोडियम नामक परजीवी पलता है। जब यह मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है, तब रोग का परजीवी रक्तप्रवाह के जरिये लिवर में पहुंचकर अपनी संख्या को बढ़ाने लगता है। यह स्थिति लाल रक्त कोशिकाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

मलेरिया के लक्षण
सिर में तेज दर्द, उल्टी होना या जी मचलना, हाथ पैरों खासकर जोड़ों में दर्द होना, शरीर में खून की कमी होना, कमजोरी और थकान महसून होना , आंखों की पुतलियों का रंग पीला होना, तेज बुखार, पसीना निकलने पर बुखार कम होना आदि हैं।

ऐसे रहें मच्छरों से दूर
मलेरिया की रोकथाम के लिए सुझाव पर डॉ. अग्रवाल ने कहा, "मलेरिया मच्छर घर में एकत्र ताजे पानी में पनपते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आपके घर और आस-पास के क्षेत्रों में पानी जमा न हो। मच्छर चक्र को पूरा होने में 7-12 दिन लगते हैं। इसलिए, यदि पानी स्टोर करने वाला कोई भी बर्तन या कंटेनर सप्ताह में एक बार ठीक से साफ नहीं किया जाता है तो उसमें मच्छर अंडे दे सकते हैं।"

उन्होंने बताया, "मच्छर मनी प्लांट के पॉट में या छत पर पानी के टैंकों में अंडे दे सकते हैं। यदि वे ठीक तरह से ढंके न हों तो खतरा है। यदि छत पर रखे पक्षियों के पानी के बर्तन हर हफ्ते साफ नहीं होते हैं, तो मच्छर उनमें अंडे दे सकते हैं। रात में मच्छरदानी, या मच्छर भगाने की क्रीम का उपयोग मलेरिया को रोक नहीं सकता क्योंकि ये मच्छर दिन के दौरान काटते हैं। मलेरिया के मच्छर आवाज नहीं करते हैं। इसलिए, जो मच्छर ध्वनि उत्पन्न नहीं करते हैं, वे बीमारियों का कारण बनते हैं।"

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