Saturday, April 20, 2024
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चीता प्रोजेक्ट को लगा एक और बड़ा झटका, कूनो नेशनल पार्क में अब चीते के शावक ने तोड़ा दम, वजह है गंभीर

अब कूनों नेशनल पार्क में मंगलवार दोपहर को मादा चीता सियाया (भारतीय नाम ज्वाला) के दो माह के शावक की मौत हो गई। ज्वाला ने 24 मार्च को चार शावकों को जन्म दिया था।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: May 23, 2023 20:43 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

कूनो नेशनल पार्क से एक और दुखद खबर सामने आई है। यहां चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दक्षिण अफ्रीकी देशों से चीतों को लाकर भारत में बसाने के प्रोजेक्ट को दो माह में चौथा झटका लगा है। अब कूनों नेशनल पार्क में मंगलवार दोपहर को मादा चीता सियाया (भारतीय नाम ज्वाला) के दो माह के शावक की मौत हो गई। ज्वाला ने 24 मार्च को चार शावकों को जन्म दिया था। इन्हीं में से एक की मौत हो गई।

इलाज के दौरान शावक की मौत 

यह शावक कूनो पार्क प्रबंधन की मॉनिटरिंग के दौरान बीमार मिला था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। कूनो प्रबंधन के मुताबिक, मंगलवार को सुबह 7 बजे ज्वाला के निगरानी दल ने शावकों के साथ उसे एक जगह बैठा पाया। कुछ समय बाद ज्वाला शावकों के साथ चलकर जाने लगी, तो तीन शावक उसके साथ चले, लेकिन चौथा शावक अपने स्थान पर ही लेटा रहा। दल ने चौथे शावक का करीब से निरीक्षण किया, तो वह उठने में असमर्थ जमीन पर पड़ा पाया गया। दल को देखकर शावक ने सिर उठाने का प्रयास भी किया। इसके तुरंत बाद पशु चिकित्सक दल को सूचना दी गई। दल ने पहुंचकर शावक को जरूरी इलाज देने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही देर में शावक की मृत्यु हो गई। 

कूनो पार्क में तीन चीतों की मौत 

मादा चीता सियाया नामीबिया से लाई गई है। इससे पहले कूनो पार्क में तीन चीतों की मौत हो चुकी है। शावक की मौत से पहले नामीबिया से लाई गई साशा, दक्षिण अफ्रीका से लाए गए उदय व दक्षा की मौत हो चुकी है। अब कूनो पार्क में 17 चीते और 3 शावक बचे हैं। पिछले साल से अब तक 3 चीतों और एक शावक की मौत हो चुकी है।

शावक की मौत ने बढ़ाई प्रबंधन की चिंता

कूनो नेशनल पार्क में बीते दो माह में तीन चीतों की मौत से छाई मायूसी अभी खत्म नहीं हुई थी कि इस बीच सियाया ने अपना एक शावक खो दिया। मदर्स डे पर चारों शावक अपनी मां संग अठखेलियां करते देखे गए थे। इन तस्वीरों ने कूनो प्रबंधन से लेकर केंद्र सरकार तक को राहत पहुंचाई थी, लेकिन एक शावक की मौत ने प्रबंधन की चिंता और बढ़ा दी है।

 दो महीने में 3 चीते-1 शावक की मौत

बता दें कि भारत में चीता प्रोजेक्ट के लिए नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए हैं। अभी तक इनमें से तीन की मौत हो चुकी है। सबसे पहले नामीबिया से आए एक चीते की बीमारी से मौत हुई थी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से आए एक चीते की मौत हुई। इसके बाद दो महीने में ही तीसरे चीते की मौत हो गई। वहीं, अब एक शावक की भी मृत्यु हो गई। कूनो नेशनल पार्क में अभी 17 बड़े चीते बचे हुए हैं।

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